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झारखंड फुटबॉल संघ में विवाद! खिलाड़ियों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

झारखंड फुटबॉल संघ (Jharkhand Football Association) के अध्यक्ष और सचिव के बीच तालमेल की कमी का खामियाजा राज्य के खिलाड़ियों को भुगतना पड़ेगा. AIFF ने झारखंड फुटबॉल संघ को एक पत्र जारी करते हुए संतोष ट्रॉफी और नेशनल विमेन चैंपियनशिप (National Womens Championship) में झारखंड की टीमों के खेलने पर रोक लगा दिया है. जिसके बाद से खिलाड़ियों में निराशा है.

AIFF bans Jharkhand Football team
झारखंड फुटबॉल संघ में विवाद
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Published : Nov 22, 2021, 7:36 PM IST

रांची: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ एआईएफएफ (AIFF) ने झारखंड फुटबॉल संघ को एक पत्र जारी करते हुए संतोष ट्रॉफी और नेशनल विमेन चैंपियनशिप (National Womens Championship) में झारखंड की टीमों के खेलने पर रोक लगाए जाने की सूचना जारी की है. इसके बाद झारखंड के खिलाड़ियों में असंतोष है. संघ के अध्यक्ष और सचिव के बीच तालमेल की कमी के कारण इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में झारखंड के खिलाड़ियों की सूची समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा सकी. इसी वजह से नाराज होकर एआईएफएफ ने यह निर्णय लिया है.

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जानकारी के अनुसार झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष नजम अंसारी और सचिव गुलाम रब्बानी के बीच तालमेल की कमी है. एआईएफएफ ने भी यह माना है कि झारखंड फुटबॉल संघ के ढुलमुल रवैए के कारण इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में झारखंड के खिलाड़ियों की सूची समय पर उपलब्ध नहीं कराई गई है. संघ ने इस मामले को न्यायालय में ले जाने की चेतावनी दी है.

फुटबॉल संघ के अध्यक्ष और सचिव के बीच तालमेल की कमी

नजम अंसारी अपने तरीके से फुटबॉल को प्रोत्साहित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे और इसके बाद सचिव के साथ उनका मामले को लेकर विवाद हो गया था. इस विवाद को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने सुलझाने की कोशिश की थी. लेकिन वह सफल नहीं हो पाए और इस विवाद का खामियाजा झारखंड के खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है.


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कोर्ट की शरण में जाएगा फुटबॉल संघ


सचिव गुलाम रब्बानी की ओर से बोकारो में खिलाड़ियों का चयन शिविर आयोजित करने पर भी काफी हंगामा हुआ था. झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष नजम अंसारी ने टीम को इन प्रतियोगिताओं में रोके जाने पर खेद प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि वह सचिव के साथ तालमेल बनाकर झारखंड के खिलाड़ियों को इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजना चाहते थे. लेकिन अब पूरे मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाना ही पड़ेगा.

रांची: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ एआईएफएफ (AIFF) ने झारखंड फुटबॉल संघ को एक पत्र जारी करते हुए संतोष ट्रॉफी और नेशनल विमेन चैंपियनशिप (National Womens Championship) में झारखंड की टीमों के खेलने पर रोक लगाए जाने की सूचना जारी की है. इसके बाद झारखंड के खिलाड़ियों में असंतोष है. संघ के अध्यक्ष और सचिव के बीच तालमेल की कमी के कारण इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में झारखंड के खिलाड़ियों की सूची समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा सकी. इसी वजह से नाराज होकर एआईएफएफ ने यह निर्णय लिया है.

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जानकारी के अनुसार झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष नजम अंसारी और सचिव गुलाम रब्बानी के बीच तालमेल की कमी है. एआईएफएफ ने भी यह माना है कि झारखंड फुटबॉल संघ के ढुलमुल रवैए के कारण इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में झारखंड के खिलाड़ियों की सूची समय पर उपलब्ध नहीं कराई गई है. संघ ने इस मामले को न्यायालय में ले जाने की चेतावनी दी है.

फुटबॉल संघ के अध्यक्ष और सचिव के बीच तालमेल की कमी

नजम अंसारी अपने तरीके से फुटबॉल को प्रोत्साहित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे और इसके बाद सचिव के साथ उनका मामले को लेकर विवाद हो गया था. इस विवाद को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने सुलझाने की कोशिश की थी. लेकिन वह सफल नहीं हो पाए और इस विवाद का खामियाजा झारखंड के खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है.


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कोर्ट की शरण में जाएगा फुटबॉल संघ


सचिव गुलाम रब्बानी की ओर से बोकारो में खिलाड़ियों का चयन शिविर आयोजित करने पर भी काफी हंगामा हुआ था. झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष नजम अंसारी ने टीम को इन प्रतियोगिताओं में रोके जाने पर खेद प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि वह सचिव के साथ तालमेल बनाकर झारखंड के खिलाड़ियों को इन प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजना चाहते थे. लेकिन अब पूरे मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाना ही पड़ेगा.

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