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रांची: 7 लाख की सुपारी लेकर अपराधियों ने वकील को उतारा था मौत के घाट, चढ़े पुलिस के हत्थे

रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्याकांड की गुत्थी रांची पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 2एकड़ 81 डिसमील जमीन के विवाद में अंजाम दिया गया. अधिवक्ता की हत्या के लिए एक जमीन ब्रोकर ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी.

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पुलिस गिरफ्त में आरोपी
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Published : Dec 15, 2019, 8:49 PM IST

रांची: सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन के विवाद में अंजाम दिलवाया गया था. अधिवक्ता की हत्या के लिए राम पाहन ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी. रविवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में पूरी जानकारी दी है.

देखें पूरी खबर

टीम गठित कर कार्रवाई
एसएसपी ने कांड के उद्भेदन के लिए एसपी ग्रामीण रांची के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. जांच के दौरान यह पाया गया कि रामप्रवेश सिंह वकालत के अलावा जमीन के व्यापार से भी जुड़े हुए थे. बता दें कि सर्वोदय नगर स्थित खाता नंबर 76, प्लॉट नंबर 285, रकबा 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन है. इस जमीन पर वर्ष 2009 से राम पाहन और बिरसा उरांव के बीच विवाद था.

ये भी पढ़ें- गौरव वल्लभ ने सरयू राय पर जमकर साधा निशाना, कहा- BJP की बी टीम की तरह कर रहे काम

जमीन विवाद में हत्या
राम पाहन इस आधार पर उक्त जमीन का दावा करता था कि यह जमीन दान से मिली है. बाद में वकील रामप्रवेश सिंह ने बिरसा उरांव से उक्त जमीन को अपने सहयोगी सीमा तिर्की और नारायण भगत के नाम पर एग्रीमेंट करा ली थी. उन्होंने कब्जा और प्लॉटिंग कर बेचना शुरू कर दिया था. इसी जमीन को लेकर राम पाहन और रामप्रवेश सिंह के बीच विवाद हुआ था. जिसमें रामप्रवेश सिंह ने राम पाहन को जान से मारने और कई तरह की धमकी दी थी. जिससे आक्रोशित होकर राम पाहन ने रामप्रवेश सिंह की हत्या कराने का मन बना लिया.

7 लाख रुपए की मांग
वहीं, हत्या करने के लिए राम पाहन ने सतीश मुंडा और शिवा कुमार से संपर्क किया. इसके लिए दोनों ने 7 लाख रुपए की मांग की. सतीश और शिवम ने सतीश पाठक और रोहित तूरी से संपर्क किया. उन लोगों ने पैसे के बदले में वकील की हत्या करने की सहमति दी. जिसके बाद सतीश और रोहित तूरी ने शंकर भुईंया से संपर्क किया. शंकर ने राजा साव और मिथुन को बुलाकर 9 दिसंबर को वकील रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी. हत्या में इस्तेमाल किए गए बाइक, एक पिस्टल, गोली और अभियुक्तों का मोबाइल बरामद किया गया है.

ये भी पढ़ें- संथाल की धरती पर पीएम मोदी ने भरी हुंकार, कहा- आदिवासियों के नाम पर खुद का महल खड़ा करने वालों की खुल चुकी है पोल

सीसीटीवी फुटेज में गोली मारते हुए दिखा था मिथुन
9 सितंबर को मिथुन ने रामप्रवेश सिंह के घर के सामने ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद मिथुन अपने साथ ही राजा के साथ बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. मिथुन अभी तक इस मामले में फरार है, जबकि राजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोली मारते हुए मिथुन को सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया है.

रांची: सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन के विवाद में अंजाम दिलवाया गया था. अधिवक्ता की हत्या के लिए राम पाहन ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी. रविवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में पूरी जानकारी दी है.

देखें पूरी खबर

टीम गठित कर कार्रवाई
एसएसपी ने कांड के उद्भेदन के लिए एसपी ग्रामीण रांची के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. जांच के दौरान यह पाया गया कि रामप्रवेश सिंह वकालत के अलावा जमीन के व्यापार से भी जुड़े हुए थे. बता दें कि सर्वोदय नगर स्थित खाता नंबर 76, प्लॉट नंबर 285, रकबा 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन है. इस जमीन पर वर्ष 2009 से राम पाहन और बिरसा उरांव के बीच विवाद था.

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जमीन विवाद में हत्या
राम पाहन इस आधार पर उक्त जमीन का दावा करता था कि यह जमीन दान से मिली है. बाद में वकील रामप्रवेश सिंह ने बिरसा उरांव से उक्त जमीन को अपने सहयोगी सीमा तिर्की और नारायण भगत के नाम पर एग्रीमेंट करा ली थी. उन्होंने कब्जा और प्लॉटिंग कर बेचना शुरू कर दिया था. इसी जमीन को लेकर राम पाहन और रामप्रवेश सिंह के बीच विवाद हुआ था. जिसमें रामप्रवेश सिंह ने राम पाहन को जान से मारने और कई तरह की धमकी दी थी. जिससे आक्रोशित होकर राम पाहन ने रामप्रवेश सिंह की हत्या कराने का मन बना लिया.

7 लाख रुपए की मांग
वहीं, हत्या करने के लिए राम पाहन ने सतीश मुंडा और शिवा कुमार से संपर्क किया. इसके लिए दोनों ने 7 लाख रुपए की मांग की. सतीश और शिवम ने सतीश पाठक और रोहित तूरी से संपर्क किया. उन लोगों ने पैसे के बदले में वकील की हत्या करने की सहमति दी. जिसके बाद सतीश और रोहित तूरी ने शंकर भुईंया से संपर्क किया. शंकर ने राजा साव और मिथुन को बुलाकर 9 दिसंबर को वकील रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी. हत्या में इस्तेमाल किए गए बाइक, एक पिस्टल, गोली और अभियुक्तों का मोबाइल बरामद किया गया है.

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सीसीटीवी फुटेज में गोली मारते हुए दिखा था मिथुन
9 सितंबर को मिथुन ने रामप्रवेश सिंह के घर के सामने ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद मिथुन अपने साथ ही राजा के साथ बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. मिथुन अभी तक इस मामले में फरार है, जबकि राजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोली मारते हुए मिथुन को सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया है.

Intro:रांची पुलिस रांची पुलिस को मिली बड़ी सफलता, अधिवक्ता राम प्रवेश सिंह की हत्या कांड का किया खुलासा

रांची
बाइट--ऋषभ झा// ग्रामीण एस पी //रांची

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राम प्रवेश सिंह की हत्याकांड की गुत्थी रांची पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 2 एकड़ 96 डिसमिल जमीन के विवाद में अंजाम दिलवाया गया था. अधिवक्ता की हत्या के लिए राम पाहन ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी. रविवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में पूरी जानकारी दी है


वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा कांड के उद्भेदन के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रांची के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था अनुसंधान के दौरान यह पाया गया कि मृतक राम प्रवेश सिंह वकालत के अलावा जमीन के व्यापार से भी जुड़े हुए थे सर्वोदय नगर स्थित खाता नंबर 76 प्लॉट नंबर 285 रकबा 2 एकड़ 96 डिसमिल जमीन है इस जमीन पर वर्ष 2009 से राम पाहन एवं बिरसा उरांव के बीच विवाद था।राम पाहन इस आधार पर उक्त जमीन का दावा करता था कि यह जमीन पहनाई से मिला है बाद में मृतक वकील राम प्रवेश सिंह द्वारा बिरसा उराव से उक्त जमीन को अपने सहयोगी सीमा तिर्की एवं नारायण भगत के नाम पर एग्रीमेंट करा लिया गया था कब्जा एवं पलोंटिंग कर बेचना प्रारंभ कर दिया था इसी जमीन को लेकर राम पाहन एवं मृतक राम प्रवेश सिंग के बीच विवाद हुआ था। जिसमें राम प्रवेश सिंह द्वारा राम पाहन को जान से मारने एवं कई तरह की धमकी दी गई थी।जिससे खफा एव आक्रोशित होकर राम पाहन ने रामप्रवेश सिंह की हत्या कराने का मन बना लिया। हत्या करने के लिए राम पाहन ने सतीश मुंडा एवं शिवा कुमार से संपर्क किया इसके लिए दोनों नए 7 लाख रुपए की मांग की। सतीश और शिवम ने सतीश पाठक एवं रोहित तूरी से संपर्क किया गया उन लोगों ने पैसे के बदले में वकील की हत्या करने की सहमति दी जिसके बाद सतीश एवं रोहित तूरी द्वारा शंकर भुंइया से संपर्क किया गया और शंकर भुंइया द्वारा राजा साव एवं मिथुन को बुलाकर 9 दिसंबर को संध्या 8:15 वकील रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी गई।हत्या में प्रयोग किए गए मोटरसाइकिल एवं 7.65 mm का एक पिस्टल गोली तथा अभियुक्तों का मोबाइल बरामद किया गया है




Body:9 सितंबर को मिथुन ने रामप्रवेश सिंह के घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद मिथुन अपने साथ ही राजा के साथ बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. मिथुन अभी तक इस मामले में फरार है, जबकि राजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोली मारते हुए मिथुन सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया था.Conclusion:
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