रांची: सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन के विवाद में अंजाम दिलवाया गया था. अधिवक्ता की हत्या के लिए राम पाहन ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी. रविवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में पूरी जानकारी दी है.
टीम गठित कर कार्रवाई
एसएसपी ने कांड के उद्भेदन के लिए एसपी ग्रामीण रांची के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. जांच के दौरान यह पाया गया कि रामप्रवेश सिंह वकालत के अलावा जमीन के व्यापार से भी जुड़े हुए थे. बता दें कि सर्वोदय नगर स्थित खाता नंबर 76, प्लॉट नंबर 285, रकबा 2 एकड़ 96 डिसमील जमीन है. इस जमीन पर वर्ष 2009 से राम पाहन और बिरसा उरांव के बीच विवाद था.
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जमीन विवाद में हत्या
राम पाहन इस आधार पर उक्त जमीन का दावा करता था कि यह जमीन दान से मिली है. बाद में वकील रामप्रवेश सिंह ने बिरसा उरांव से उक्त जमीन को अपने सहयोगी सीमा तिर्की और नारायण भगत के नाम पर एग्रीमेंट करा ली थी. उन्होंने कब्जा और प्लॉटिंग कर बेचना शुरू कर दिया था. इसी जमीन को लेकर राम पाहन और रामप्रवेश सिंह के बीच विवाद हुआ था. जिसमें रामप्रवेश सिंह ने राम पाहन को जान से मारने और कई तरह की धमकी दी थी. जिससे आक्रोशित होकर राम पाहन ने रामप्रवेश सिंह की हत्या कराने का मन बना लिया.
7 लाख रुपए की मांग
वहीं, हत्या करने के लिए राम पाहन ने सतीश मुंडा और शिवा कुमार से संपर्क किया. इसके लिए दोनों ने 7 लाख रुपए की मांग की. सतीश और शिवम ने सतीश पाठक और रोहित तूरी से संपर्क किया. उन लोगों ने पैसे के बदले में वकील की हत्या करने की सहमति दी. जिसके बाद सतीश और रोहित तूरी ने शंकर भुईंया से संपर्क किया. शंकर ने राजा साव और मिथुन को बुलाकर 9 दिसंबर को वकील रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी. हत्या में इस्तेमाल किए गए बाइक, एक पिस्टल, गोली और अभियुक्तों का मोबाइल बरामद किया गया है.
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सीसीटीवी फुटेज में गोली मारते हुए दिखा था मिथुन
9 सितंबर को मिथुन ने रामप्रवेश सिंह के घर के सामने ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद मिथुन अपने साथ ही राजा के साथ बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. मिथुन अभी तक इस मामले में फरार है, जबकि राजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोली मारते हुए मिथुन को सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया है.