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पीटीआर, टाटा ग्रुप के साथ करेगा एमओयू, ताज सिखाएगा- मेहमानों का कैसे करें स्वागत - PTR WILL SIGN MOU WITH TATA GROUP

पलामू टाइगर रिजर्व में मेहमानों के स्वागत समेत अन्य साधनों के लिए टाटा ग्रुप द्वारा कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

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पलामू टाइगर रिजर्व (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 4, 2025, 1:57 PM IST

पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड में पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है. पलामू टाइगर रिजर्व में पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा के अलावा विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में मेहमानों के स्वागत के लिए टाटा ग्रुप कर्मियों को ट्रेनिंग देगा.

टाटा ग्रुप के होटल ताज के एक्सपर्ट पलामू टाइगर रिजर्व से जुड़े हुए ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग देंगे. पहले चरण में 15 ईडीसी सदस्यों को ताज ग्रुप में ट्रेनिंग दिलाई गई है, जिनमें पांच महिलाएं हैं. पलामू टाइगर रिजर्व जल्द ही टाटा ग्रुप के साथ एमओयू करने वाला है. एमओयू के बाद प्रत्येक दो महीने में ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा.

जानकारी देते पीटीआर के उपनिदेशक (ETV BHARAT)

ईडीसी के सदस्यों को दी जा रही ट्रेनिंग

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना बताते हैं कि टाटा ग्रुप के साथ पीटीआर एमओयू करने वाला है. ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है ताकि पीटीआर में आने वाले मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं रहे. पहले चरण में टाटा के होटल में 15 कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है.

ईडीसी के सदस्यों को मेहमानों का स्वागत, फूडिंग, लॉजिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह पहल की जा रही है कि पीटीआर के इलाके के यंग ग्रेजुएट को रोजगार का साधन उपलब्ध हो सके. पर्यटकों को लेकर पीटीआर एक लॉन्ग टर्म प्लान बना रहा है, जिसका आतिथ्य स्वागत एक हिस्सा है.

ईडीसी के हाथ में है पर्यटन की कमान

पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व में 120 ईको डेवलपमेंट समिति (ईडीसी), 50 ईडीसी बेतला नेशनल पार्क में है. ईडीसी स्थानीय ग्रामीणों की एक समिति होती है, जिनके माध्यम से पर्यटन की गतिविधियों का संचालन किया जाता है.

ईडीसी को ही पर्यटन स्थल की सफाई एवं पर्यटकों की सुविधा का ख्याल रखना है. पर्यटकों से होने वाले आमदनी से ईडीसी के सदस्यों को भी फायदा होता है. पीटीआर का बेतला नेशनल पार्क, केचकी, लोध फॉल, मिरचईया फॉल, सुग्गा बांध समेत कई इलाके में ईडीसी पर्यटन गतिविधि के जिम्मेवारी संभाल रही है.

ट्री हाउस और कॉटेज हैं आकर्षण के केंद्र

पलामू टाइगर रिजर्व एक बड़ा पर्यटन का केंद्र है. पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क में अकेले प्रतिवर्ष 40 से 45 हजार के करीब पर्यटक पहुंचते हैं. यह आंकड़ा वैसे लोगों का है, जो बेतला में रुकने के लिए विभिन्न तरह के कॉटेज या गेस्ट हाउस को बुक करते हैं.

सिर्फ घूमने वालों का आंकड़ा इससे कहीं अधिक है. बेतला नेशनल पार्क का ट्री हाउस, हेरिटेज हाउस, मड हाउस, मारोमार गेस्ट हाउस पर्यटकों को रुकने के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है.

ये भी पढ़ें: YEAR ENDER 2024: पीटीआर में 6 बाघों के मूवमेंट को किया गया रिकॉर्ड, 2018 में एक भी टाइगर नहीं था

ये भी पढ़ें: पीटीआर में कितने प्रकार के हैं वन्य जीव? जूलॉजिकल टीम कर रही सर्वे

पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड में पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है. पलामू टाइगर रिजर्व में पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा के अलावा विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में मेहमानों के स्वागत के लिए टाटा ग्रुप कर्मियों को ट्रेनिंग देगा.

टाटा ग्रुप के होटल ताज के एक्सपर्ट पलामू टाइगर रिजर्व से जुड़े हुए ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग देंगे. पहले चरण में 15 ईडीसी सदस्यों को ताज ग्रुप में ट्रेनिंग दिलाई गई है, जिनमें पांच महिलाएं हैं. पलामू टाइगर रिजर्व जल्द ही टाटा ग्रुप के साथ एमओयू करने वाला है. एमओयू के बाद प्रत्येक दो महीने में ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा.

जानकारी देते पीटीआर के उपनिदेशक (ETV BHARAT)

ईडीसी के सदस्यों को दी जा रही ट्रेनिंग

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना बताते हैं कि टाटा ग्रुप के साथ पीटीआर एमओयू करने वाला है. ईडीसी के सदस्यों को ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है ताकि पीटीआर में आने वाले मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं रहे. पहले चरण में टाटा के होटल में 15 कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है.

ईडीसी के सदस्यों को मेहमानों का स्वागत, फूडिंग, लॉजिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह पहल की जा रही है कि पीटीआर के इलाके के यंग ग्रेजुएट को रोजगार का साधन उपलब्ध हो सके. पर्यटकों को लेकर पीटीआर एक लॉन्ग टर्म प्लान बना रहा है, जिसका आतिथ्य स्वागत एक हिस्सा है.

ईडीसी के हाथ में है पर्यटन की कमान

पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व में 120 ईको डेवलपमेंट समिति (ईडीसी), 50 ईडीसी बेतला नेशनल पार्क में है. ईडीसी स्थानीय ग्रामीणों की एक समिति होती है, जिनके माध्यम से पर्यटन की गतिविधियों का संचालन किया जाता है.

ईडीसी को ही पर्यटन स्थल की सफाई एवं पर्यटकों की सुविधा का ख्याल रखना है. पर्यटकों से होने वाले आमदनी से ईडीसी के सदस्यों को भी फायदा होता है. पीटीआर का बेतला नेशनल पार्क, केचकी, लोध फॉल, मिरचईया फॉल, सुग्गा बांध समेत कई इलाके में ईडीसी पर्यटन गतिविधि के जिम्मेवारी संभाल रही है.

ट्री हाउस और कॉटेज हैं आकर्षण के केंद्र

पलामू टाइगर रिजर्व एक बड़ा पर्यटन का केंद्र है. पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क में अकेले प्रतिवर्ष 40 से 45 हजार के करीब पर्यटक पहुंचते हैं. यह आंकड़ा वैसे लोगों का है, जो बेतला में रुकने के लिए विभिन्न तरह के कॉटेज या गेस्ट हाउस को बुक करते हैं.

सिर्फ घूमने वालों का आंकड़ा इससे कहीं अधिक है. बेतला नेशनल पार्क का ट्री हाउस, हेरिटेज हाउस, मड हाउस, मारोमार गेस्ट हाउस पर्यटकों को रुकने के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है.

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