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झारखंड में नशे के कारोबारियों पर भी लगेगा गुंडा एक्ट, सीआईडी ने पुलिस मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव

झारखंड में नशा कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. नशे के शौदागरों पर अब गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसे लेकर सीआईडी की टीम ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है.

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नशे के कारोबारियों पर भी लगेगा गुंडा एक्ट
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Published : Nov 2, 2021, 10:34 PM IST

रांची: झारखंड में नशे के कारोबारियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी हो रही है. इस संबंध में झारखंड सीआईडी की टीम ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है. एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने से उनपर नकेल कसने में मदद मिलेगी.


इसे भी पढे़ं: सीआईडी का खुलासाः अफीम-ब्राउन सुगर से ज्यादा नशीले दवाइयों का उपयोग, चपेट में आ रहे हैं युवा



झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ पुलिस अब तक सीसीए यानि गुंडा एक्ट लगाकर निरोधात्मक कार्रवाई करती है. लेकिन राज्य में अब नशे के कारोबारियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी है. सीआईडी मुख्यालय के द्वारा एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है. राज्य में अब तक एनडीपीएस के केस के आरोपियों के खिलाफ सीसीए एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होती थी. राज्य सीआईडी मुख्यालय के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक एनडीपीएस एक्ट के केस में जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए सचिव रैंक के अधिकारी का अनुमोदन का प्रस्ताव है. सीसीए के प्रस्ताव पर सचिव स्तर के अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही इस संबंध में हाई कोर्ट को प्रस्ताव भेजा जाएगा.



डीसी के अनुमोदन पर लगता है गुंडा एक्ट


वर्तमान में आपराधिक कांडों में जेल बंद आरोपियों पर सीसीए लगाने के प्रस्ताव का अनुमोदन जिले के डीसी के द्वारा किया जाता है. इसके बाद हाई कोर्ट की कमेटी की सहमति के बाद आरोपी के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जाती है.



नशे के कारोबारियों के खिलाफ क्यों जरूरी है गुंडा एक्ट

नशे के कारोबारियों के खिलाफ अगर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी तो कई तरह के फायदे होंगे. पहला अगर नशे के कारोबार में लिप्त कोई व्यक्ति अगर जेल में बंद है तो उसे अगले एक साल तक जमानत नहीं मिलेगी. वहीं अगर वह जेल से बाहर है तो उसे पुलिस तड़ीपार कर सकती है, या फिर थाने में हाजिरी लगाने का आदेश जारी कर सकती है.


इसे भी पढे़ं: साइबर क्राइम: अपराधियों की अब खैर नहीं, हर हफ्ते होगी जांच, सीआईडी एडीजी ने जारी किया आदेश

अपराध के मामले पर जोनल डीआईजी के साथ सीआईडी मुख्यालय में बैठक

वहीं झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों की गतिविधि पर लगाम कसने के लिए सीआईडी मुख्यालय में सभी जोनल डीआईजी के साथ बुधवार को बैठक होगी. सीआईडी मुख्यालय में एडीजी प्रशांत सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी जोनल डीआईजी से संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम कसने को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी. वहीं जिलों में अपराधिक वारदातों पर लगाम कसने, जिलों में वारंट के लंबित होने और उसके डिस्पोजल, कांडों के अनुसंधान के पहलूओं पर चर्चा होगी. बैठक में सीआईडी के डीआईजी और एसपी भी शामिल होंगे. वहीं सभी जोनल डीआईजी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होंगे. बीते दिनों डीजीपी नीरज सिन्हा ने भी संगठित अपराध समेत अन्य मसलों पर जिलों के एसपी और जोनल डीआईजी के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद सीआईडी को भी कई महत्वपूर्ण टास्क दिए गए थे.

रांची: झारखंड में नशे के कारोबारियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी हो रही है. इस संबंध में झारखंड सीआईडी की टीम ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है. एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने से उनपर नकेल कसने में मदद मिलेगी.


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झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ पुलिस अब तक सीसीए यानि गुंडा एक्ट लगाकर निरोधात्मक कार्रवाई करती है. लेकिन राज्य में अब नशे के कारोबारियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी है. सीआईडी मुख्यालय के द्वारा एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है. राज्य में अब तक एनडीपीएस के केस के आरोपियों के खिलाफ सीसीए एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होती थी. राज्य सीआईडी मुख्यालय के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक एनडीपीएस एक्ट के केस में जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए सचिव रैंक के अधिकारी का अनुमोदन का प्रस्ताव है. सीसीए के प्रस्ताव पर सचिव स्तर के अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही इस संबंध में हाई कोर्ट को प्रस्ताव भेजा जाएगा.



डीसी के अनुमोदन पर लगता है गुंडा एक्ट


वर्तमान में आपराधिक कांडों में जेल बंद आरोपियों पर सीसीए लगाने के प्रस्ताव का अनुमोदन जिले के डीसी के द्वारा किया जाता है. इसके बाद हाई कोर्ट की कमेटी की सहमति के बाद आरोपी के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जाती है.



नशे के कारोबारियों के खिलाफ क्यों जरूरी है गुंडा एक्ट

नशे के कारोबारियों के खिलाफ अगर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी तो कई तरह के फायदे होंगे. पहला अगर नशे के कारोबार में लिप्त कोई व्यक्ति अगर जेल में बंद है तो उसे अगले एक साल तक जमानत नहीं मिलेगी. वहीं अगर वह जेल से बाहर है तो उसे पुलिस तड़ीपार कर सकती है, या फिर थाने में हाजिरी लगाने का आदेश जारी कर सकती है.


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अपराध के मामले पर जोनल डीआईजी के साथ सीआईडी मुख्यालय में बैठक

वहीं झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों की गतिविधि पर लगाम कसने के लिए सीआईडी मुख्यालय में सभी जोनल डीआईजी के साथ बुधवार को बैठक होगी. सीआईडी मुख्यालय में एडीजी प्रशांत सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी जोनल डीआईजी से संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम कसने को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी. वहीं जिलों में अपराधिक वारदातों पर लगाम कसने, जिलों में वारंट के लंबित होने और उसके डिस्पोजल, कांडों के अनुसंधान के पहलूओं पर चर्चा होगी. बैठक में सीआईडी के डीआईजी और एसपी भी शामिल होंगे. वहीं सभी जोनल डीआईजी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होंगे. बीते दिनों डीजीपी नीरज सिन्हा ने भी संगठित अपराध समेत अन्य मसलों पर जिलों के एसपी और जोनल डीआईजी के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद सीआईडी को भी कई महत्वपूर्ण टास्क दिए गए थे.

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