रांची: झारखंड में कोई शख्स सड़क हादसे में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करेगा तो उसे सरकार की तरफ से ढाई हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. आमतौर पर लोग कानूनी पचड़े से बचने के लिए घायलों को अस्पताल पहुंचाने में हिचकते हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर पॉलिसी तैयार कर रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि पॉलिसी बनने के बाद उसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. कैबिनेट की मुहर लगते ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. पॉलिसी में इस बात का भी जिक्र किया जा रहा है कि सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का पहले ही यह आदेश है कि अगर कोई सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाता है तो उससे पूछताछ नहीं करनी है.
हर साल होते हैं 6 हजार से ज्यादा सड़क हादसे
एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में हर साल औसतन 6 हजार सड़क हादसे होते हैं. इसमें 3200 लोगों की मौत हो जाती है और 7 हजार से ज्यादा लोग घायल होते हैं. सिर्फ रांची जिले में ही औसतन 700 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. हेमंत सरकार का मानना है कि लोग मदद करना चाहते हैं लेकिन पुलिस और अस्पतालों में सवाल-जवाब के कारण इससे बचते हैं. इस ध्यान में रखते हुए पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया गया है ताकि वक्त रहते घायलों की जान बचाई जा सके. बता दें कि बिहार में सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने पर ढाई हजार, दिल्ली में तीन हजार और उत्तर प्रदेश में दो हजार रुपए दिए जाते हैं.
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इस प्रस्ताव में एक और खास बात है कि सड़क दुर्घटना में अगर किसी की मौत हो जाती है तो पीड़ित परिवार को आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से एक लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलेगी. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसकी जानकारी दी थी