रांची: नामकुम में झारखंड का पहला 400 किलो का चरखा बनाया गया है. झारखंड सरकार टाटी सिल्वे टूल रूम के 10 इंजीनियरों ने अथक प्रयास से लगभग 3 महीने में स्टेनलेस स्टील का चरखा तैयार किया है.
खूबसूरत और आकर्षण का केंद्र
टूल्स रूम के प्राचार्य ने बताया कि दिल्ली कनॉट प्लेस के बाद झारखंड में पहला ऐसा चरखा है, जो राजभवन की शोभा बढ़ाएगा. टाटी सिल्वे स्थित झारखंड टूल्स रूम के इंजीनियरों की मदद से इस चरखा को तैयार किया गया है. प्राचार्य महेश गुप्ता ने बताया कि महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद पिछले 3 महीने से इंजीनियर चरखा बनाने में लगे हुए थे, जो बहुत ही खूबसूरत और आकर्षण का केंद्र है.
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान झारखंड की उपलब्धि, पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत देश में दूसरे नंबर पर पहुंचा राज्य
15 लाख रुपए लागत
लगभग 400 किलो के चरखे की कीमत 15 लाख रुपए लागत के रूप में खर्च किए गए हैं. इसकी लंबाई 12 फीट, 6 फीट 2 इंच चौड़ा, 8 फीट 4 इंच ऊंचा है. खास बात यह है कि यह प्योर स्टेनलेस स्टील का बना है, जिससे इसमें किसी भी तरह से जंग नहीं लगेगा. यह लगभग 100 वर्षों तक ज्यों का त्यों देखने में लगेगा. क्रेन से इस चरखे को राजभवन पहुंचा दिया गया है. महामहिम के आदेश के बाद इस चरखे का उद्घाटन पूरे धूमधाम से किया जाएगा.