रांची: कुलपति कामिनी कुमार की अध्यक्षता में रांची विश्वविद्यालय की कोविड सेल की विशेष बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में सेल से जुड़े अनेक सदस्य शामिल हुए. यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही. विश्वविद्यालय मुख्यालय के अब तक 15 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अब तक राज्य विश्वविद्यालय में 7 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
सोमवार को ही आरयू के ऑडिट कोऑर्डिनेटर वाई एन सिंह का कोरोना पॉजिटिव होने के बाद निधन हो गया है. इसके बाद रांची विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है. फिलहाल, 25 अप्रैल तक रांची विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है. अब मुख्यालय में रोस्टर के तहत कर्मचारी और अधिकारी पहुंचेंगे और अपना कामकाज निपटाएंगे.
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ऑफलाइन गतिविधियां स्थगित
इसके प्रभाव से तत्काल विश्वविद्यालय की तमाम ऑफलाइन गतिविधियां स्थगित कर दी गईं हैं. परीक्षाएं स्थगित हो गईं हैं. वहीं ऑनलाइन पठन-पाठन को सुचारू रखने को लेकर विशेष रूप से कोविड-19 सेल की बैठक में चर्चा की गई. विश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारियों, अधिकारियों और विद्यार्थियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने का निर्देश जारी किया है. कोविड-19 सेल की दूसरी बैठक 26 अप्रैल को डीन कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित होगी. इस दौरान और भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर फैसला लिया जाएगा.
कई परीक्षाएं स्थगित
रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत 3 परीक्षाओं का आयोजन होना था, जिसे स्थगित कर दिया है. इसमें एलएलबी फर्स्ट और थर्ड के अलावा बीबीएएलएलबी की परीक्षा शामिल है. एलएलएम के एक पेपर की परीक्षा को भी स्थगित किया गया है. परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष कुमार झा ने जानकारी देते हुए कहा कि 3 मई से एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा होनी थी. इस परीक्षा को भी फिलहाल स्थगित कर दिया है.
पलामू सिविल सर्जन हुए कोरोना पॉजिटिव
कोविड-19 की दूसरी लहर भयावह रूप धारण करते जा रही है. इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले फ्रंट वारियर भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. पलामू सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ कैनेडी कोविड-19 की चपेट में आ गए है. उनकी हालत गंभीर है, उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया है. सिविल सर्जन एक निजी कार्य से पटना गए थे. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट किया था कि उनकी तबीयत खराब है.