रांची: राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की ग्यारहवीं वीडियो को शनिवार झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने सोशल मीडिया पर को शेयर किया. इस दौरान वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का राष्ट्रवाद हमें बताता है कि हमेशा देश प्रथम होना चाहिए. स्वराज की जो लहर कांग्रेस ने शुरू की थी. लोकमान्य तिलक उसके बहुत बड़े खेवईया बनकर उभरे. यह देश की धरोहर है. हम सबको इन्हें संजोना है.
उन्होंने कहा कि 1906 के कांग्रेस अधिवेशन से शुरू हुई स्वराज्य की लहर 1916 आते-आते पूरे देश में अपना प्रभाव जमा चुकी थी. 1916 के होमरूल लीग आंदोलन से इस लहर के नए प्रणेता बनकर उभरे भारतीय राष्ट्रवाद के पुरोद्धा कांग्रेस नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक. राष्ट्रवाद की ऐसी खनकती, दमकती आवाज जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की आंख में आंख डालकर कहा स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा.
'बाल गंगाधर तिलक को मिली काफी प्रसिद्धि'
कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि होमरूल आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धि मिली. जिस कारण उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली थी. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत में स्वराज स्थापित करना था. होमरूल लीग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सहायक संस्था की भांति कार्यरत हो गई. इस आंदोलन का उद्देश्य स्वराज की प्राप्ति थी, लेकिन इस आंदोलन में शस्त्रों के प्रयोग की अनुमति नहीं थी. होमरूल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह भी रही कि इसने भावी राष्ट्रीय आंदोलन के लिए जुझारू योद्धा तैयार किए, जिसे जीवन पर्यंत संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है.
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वहीं, झारखंड सरकार में कांग्रेस के मंत्री बादल और बन्ना गुप्ता ने कहा कि लोकमान्य तिलक के होमरूल आंदोलन ने सोते हुए भारतीयों को जगाया और उनमें पूर्ण जागृति का संचार किया. इसने राष्ट्रीय आंदोलन को नई गति प्रदान की और सरकार को नई सुधार योजना लागू करने के लिए विवश किया. इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा धरोहर वीडियो की जारी 11वीं कड़ी में बाल गंगाधर तिलक के योगदान को हम याद कर रहे हैं. बाल गंगाधर तिलक एक भारतीय राष्ट्रवादी शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी थे. स्वाधीनता के लिए प्राणोंत्कर्म करने वाले सर्वस्व समर्पित करने वाले असंख्य क्रांतिकारियों, अमर दुतात्माओं को कभी यह देश भूल नहीं सकता है.