रांचीः झारखंड के 30 मजदूर मलेशिया में फंसे थे. इसमें अब तक 22 मजदूरों की वापसी हो चुकी है. राज्य सरकार के लगातार प्रयास से मलेशिया में फंसे झारखंड के मदजूरों को वापस लाया गया. इसमें 10 श्रमिक गुरुवार को लौटे हैं. ये सभी श्रमिक गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के हैं. बताया जा रहा है कि शेष आठ श्रमिकों को शीघ्र लाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष, मलेशिया स्थित हाई कमीशन ऑफ इंडिया और कंपनी प्रबंधन के बीच लगातार वार्ता की जा रही है.
14 मार्च को राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि 8 मार्च को 30 में से 10 कामगारों का कंपनी की ओर से वतन वापसी का टिकट कराया गया था. लेकिन कोविड जांच में सभी पॉजिटिव पाए गए थे. इसकी वजह से उन्हें भारत जाने की अनुमति नहीं दी गई. 25 मार्च को सभी श्रमिकों को बेंटन और लूनस से कुआलालंपुर के शेल्टर होम में सुरक्षित लाया गया. इसके बाद 25 और 26 मई को 10 श्रमिक झारखंड लौटे है.
पिछले दिनों इन श्रमिकों ने राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई थी. वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी. बता दें कि झारखंड के 30 मजदूर साल 2019 से लीड इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में लाइनमैन के रूप में कार्यरत थे. 30 सितंबर 2021 को सभी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया और अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक उन्होंने कंपनी के कहने पर बिना कॉन्ट्रैक्ट 4 माह काम किया. लेकिन कंपनी ने इसका भुगतान नहीं किया. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कार्रवाई करते हुए कामगारों से डिटेल्स की मांग की और हाई कमीशन ऑफ इंडिया के सहयोग से मजदूरों की मदद करने शुरू की गई. इसके बाद धीरे-धीरे मलेशिया में फंसे मजदूर झारखंड लौटने लगे.