पलामू: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पलामू के बिश्रामपुर के इलाके में बंध्याकरण गबन के मामले में जांच का निर्देश दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में झारखंड के एनएचम के मिशन निदेशक को पत्र लिखा है. बंध्याकरण के नाम पर करोड़ों की राशि गबन की आशंका व्यक्त की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बंध्याकरण गबन के मामले में दिया जांच का निर्देश, करोड़ों रुपए के गबन की आशंका
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पलामू के बिश्रामपुर के इलाके में बंध्याकरण गबन के मामले में जांच का निर्देश दिया है. बंध्याकरण के नाम पर करोड़ों की राशि गबन की आशंका व्यक्त की गई है.
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गबन से संबंधित मामलों को जानने वाले स्थानीय पत्रकार रामेश्वर केसरी की मौत 2018 में हुई थी. इस मामले में परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन उस दौरान पुलिस जांच में इस मामले को प्रेम-प्रसंग में आत्महत्या बताया गया था. रामेश्वर केसरी के परिजनों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद जांच का निर्देश दिया गया है.
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2016-17 में बिश्रामपुर के सात निजी अस्पतालों में 4653, जबकि 2017-18 में आठ निजी अस्पतालों में 5451 लोगों का बंध्याकरण हुआ था. दोनों वित्तीय वर्ष में करीब तीन करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को उपलब्ध करवाया गया था.
पलामू: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पलामू के बिश्रामपुर के इलाके में बंध्याकरण गबन के मामले में जांच का निर्देश दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में झारखंड के एनएचम के मिशन निदेशक को पत्र लिखा है. बंध्याकरण के नाम पर करोड़ों की राशि गबन की आशंका व्यक्त की गई है.
गबन से संबंधित मामलों को जानने वाले स्थानीय पत्रकार रामेश्वर केसरी की मौत 2018 में हुई थी. इस मामले में परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन उस दौरान पुलिस जांच में इस मामले को प्रेम-प्रसंग में आत्महत्या बताया गया था. रामेश्वर केसरी के परिजनों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद जांच का निर्देश दिया गया है.
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2016-17 में बिश्रामपुर के सात निजी अस्पतालों में 4653, जबकि 2017-18 में आठ निजी अस्पतालों में 5451 लोगों का बंध्याकरण हुआ था. दोनों वित्तीय वर्ष में करीब तीन करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को उपलब्ध करवाया गया था.
नीरज कुमार । पलामू
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पलामू के बिश्रामपुर के इलाके में बंध्याकरण गबन के मामले में जांच का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले में झारखंड के एनएचम के मिशन निदेशक को पत्र लिखा है। पलामू के बिश्रामपुर के इलाके में बंध्याकरण के नाम पर करोड़ो की राशि गबन की आशंका व्यक्त की गई है। गबन से संबंधित मामलों की जानने वाले स्थानीय पत्रकार रामेश्वर केसरी की मौत 2018 में हुई थी। मामले में परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी, मगर उस दौरान पुलिस जांच में मामले को प्रेम प्रसंग में आत्महत्या बताया गया था।
Body:मामले को लेकर रामेश्वर केसरी के परिजनों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। जिसके बाद जांच का निर्देश दिया गया है । 2016-17 में बिश्रामपुर के सात निजी अस्पतालों में 4653 जबकि 2017-18 में आठ निजी अस्पतालों में 5451 लोगो का बंध्याकरण हुआ था। दोनों वितीय वर्ष में करीब तीन करोड़ रुपये निजी अस्पतालों को उपलब्ध करवाया था। उस दौरान तीन निजी अस्पतालों ने सरकार से पैसा लेने से इंकार कर दिया था।बाद में तीनों निजी अस्पतालों ने पैसा ले लिया था।
Conclusion:केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पलामू में बंध्याकरण गबन मामले की जांच का दिया निर्देश, करोड़ो के गबन की आशंका