ETV Bharat / city

झारखंड में हावी दूसरे राज्यों के नक्सली कमांडर, करोड़ों की लेवी वसूल दूसरे जगह बनाते हैं ठिकाना

झारखंड में बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण भारत के नक्सली कमांडरों का वर्चस्व है. ये नक्सली झारखंड से करोड़ों रुपए की लेवी वसूलने के बाद दूसरे राज्यों में अपना ठिकाना बनाते हैं. इनामी नक्सलियों की सूची में 40 से अधिक टॉप माओवादी दूसरे राज्यों से हैं.

Naxalite commanders from other states dominate in Jharkhand
Naxalite commanders from other states dominate in Jharkhand
author img

By

Published : Apr 1, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Apr 1, 2022, 8:16 PM IST

पलामू: झारखंड नक्सल संगठनों के टॉप कमांडरों के लिए बड़ा चारागाह है. बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ और आंध्र के टॉप नक्सल कमांडर झारखंड में हावी हैं. माओवादियों के अधिकतर टॉप कमांडर बाहर के राज्यों के हैं. बूढ़ापहाड़, सारंडा, बिहार सीमा पर बाहर के टॉप कमांडर के नेतृत्व में पूरा दस्ता सक्रिय है. झारखंड के हथियार बंद कैडरों का नेतृत्व बिहार और बंगाल के टॉप कमांडर कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के पास हथियार अधिक कैडर कम, लगाए गए लैंड माइंस की जगह भी बदली गई

झारखंड के विभिन्न इलाकों से प्रतिवर्ष करोड़ों की लेवी वसूली जाती है, ये लेवी की रकम सीधे माओवादियो के टॉप कमांडरों के पास जाती है. झारखंड से लेवी वसूलने के बाद माओवादियों के टॉप कमांडर बाहर के राज्यों में फरार हो जाते हैं. नक्सल मामलों के जानकार देवेंद्र प्रसाद बताते हैं कि बिहार, बंगाल , छत्तीसगढ़ और आंध्र के नक्सलियों ने झारखंड को चारागाह बना कर रखा है. नक्सल आंदोलन राह से भटक चुका है जिस कारण यहां के भोले भाले लोग इस्तेमाल हो रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी




दूसरे राज्यों के नक्सलियों पर लाखों रुपए का इनाम: झारखंड की सरकार ने करीब 150 नक्सलियों पर इनाम की घोषणा की है. इस सूची में 40 से अधिक टॉप कमांडर दूसरे राज्यों से हैं. झारखंड, बिहार, उतरी छत्तीसगढ़, सीमांत उतर प्रदेश कमिटी में 59 इनामी नक्सली हैं, जिसमें से 25 से अधिक बिहार के नक्सली सक्रिय हैं. झारखंड में बिहार के नक्सली कमांडर हावी हैं. बूढ़ा पहाड़ और झारखंड-बिहार की सीमा पर बिहार के टॉप कमांडर हावी हैं. सारंडा के इलाके में बंगाल के नक्सली हावी हैं.

झारखंड से वसूली जाती है करीब 70 करोड़ रुपए की लेवी: पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस यही बात लोगों को समझा रही है. भोले भाले ग्रामीणों को टॉप कमांडर बहला फुसला रहे हैं. टॉप कमांडर पैसे कमाने के लिए यहां के ग्रामीणों का इस्तेमाल कर रहे हैं. डीआईजी ने कहा कि पुलिस लगातार भटक रहे लोगों मुख्य धारा में शामिल होने की अपील कर रही है. झारखंड के इलाके से माओवादी करोड़ों की लेवी वसूल रहे हैं. झारखंड में खास इलाकों से एक अनुमान के मुताबिक 70 करोड़ रुपये से अधिक की लेवी वसूली जाती है.

बिहार के नक्सली कमांडर के पास करोड़ों की संपत्ति: लेवी की रकम का हिस्सा झारखंड के कैडरों को बेहद कम मिल पाता है, जबकि करोड़ों की रकम बाहर के टॉप कमांडरों के पास जाती है. झारखंड पुलिस ने पिछले एक दशक में कई टॉप माओवादी कमांडरों की संपत्ति का आकलन किया है. बिहार के टॉप कमांडरों के पास करोड़ों की संपत्ति पाई गई है. झारखंड के टॉप कमांडर असीम मंडल बंगाल का रहने वाला है और उसपर एक करोड़ का इनाम घोषित है. टॉप माओवादी कमांडर आरके यादव, मरकस बाबा, नवीन यादव, मुराद, नितेश यादव, अरविंद भुइयां, अमन गंझु, गौतम पासवान, विवेक उर्फ भवानी, अमरजीत यादव समेत कई टॉप कमांडर बिहार के रहने वाले हैं.

पलामू: झारखंड नक्सल संगठनों के टॉप कमांडरों के लिए बड़ा चारागाह है. बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ और आंध्र के टॉप नक्सल कमांडर झारखंड में हावी हैं. माओवादियों के अधिकतर टॉप कमांडर बाहर के राज्यों के हैं. बूढ़ापहाड़, सारंडा, बिहार सीमा पर बाहर के टॉप कमांडर के नेतृत्व में पूरा दस्ता सक्रिय है. झारखंड के हथियार बंद कैडरों का नेतृत्व बिहार और बंगाल के टॉप कमांडर कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के पास हथियार अधिक कैडर कम, लगाए गए लैंड माइंस की जगह भी बदली गई

झारखंड के विभिन्न इलाकों से प्रतिवर्ष करोड़ों की लेवी वसूली जाती है, ये लेवी की रकम सीधे माओवादियो के टॉप कमांडरों के पास जाती है. झारखंड से लेवी वसूलने के बाद माओवादियों के टॉप कमांडर बाहर के राज्यों में फरार हो जाते हैं. नक्सल मामलों के जानकार देवेंद्र प्रसाद बताते हैं कि बिहार, बंगाल , छत्तीसगढ़ और आंध्र के नक्सलियों ने झारखंड को चारागाह बना कर रखा है. नक्सल आंदोलन राह से भटक चुका है जिस कारण यहां के भोले भाले लोग इस्तेमाल हो रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी




दूसरे राज्यों के नक्सलियों पर लाखों रुपए का इनाम: झारखंड की सरकार ने करीब 150 नक्सलियों पर इनाम की घोषणा की है. इस सूची में 40 से अधिक टॉप कमांडर दूसरे राज्यों से हैं. झारखंड, बिहार, उतरी छत्तीसगढ़, सीमांत उतर प्रदेश कमिटी में 59 इनामी नक्सली हैं, जिसमें से 25 से अधिक बिहार के नक्सली सक्रिय हैं. झारखंड में बिहार के नक्सली कमांडर हावी हैं. बूढ़ा पहाड़ और झारखंड-बिहार की सीमा पर बिहार के टॉप कमांडर हावी हैं. सारंडा के इलाके में बंगाल के नक्सली हावी हैं.

झारखंड से वसूली जाती है करीब 70 करोड़ रुपए की लेवी: पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस यही बात लोगों को समझा रही है. भोले भाले ग्रामीणों को टॉप कमांडर बहला फुसला रहे हैं. टॉप कमांडर पैसे कमाने के लिए यहां के ग्रामीणों का इस्तेमाल कर रहे हैं. डीआईजी ने कहा कि पुलिस लगातार भटक रहे लोगों मुख्य धारा में शामिल होने की अपील कर रही है. झारखंड के इलाके से माओवादी करोड़ों की लेवी वसूल रहे हैं. झारखंड में खास इलाकों से एक अनुमान के मुताबिक 70 करोड़ रुपये से अधिक की लेवी वसूली जाती है.

बिहार के नक्सली कमांडर के पास करोड़ों की संपत्ति: लेवी की रकम का हिस्सा झारखंड के कैडरों को बेहद कम मिल पाता है, जबकि करोड़ों की रकम बाहर के टॉप कमांडरों के पास जाती है. झारखंड पुलिस ने पिछले एक दशक में कई टॉप माओवादी कमांडरों की संपत्ति का आकलन किया है. बिहार के टॉप कमांडरों के पास करोड़ों की संपत्ति पाई गई है. झारखंड के टॉप कमांडर असीम मंडल बंगाल का रहने वाला है और उसपर एक करोड़ का इनाम घोषित है. टॉप माओवादी कमांडर आरके यादव, मरकस बाबा, नवीन यादव, मुराद, नितेश यादव, अरविंद भुइयां, अमन गंझु, गौतम पासवान, विवेक उर्फ भवानी, अमरजीत यादव समेत कई टॉप कमांडर बिहार के रहने वाले हैं.

Last Updated : Apr 1, 2022, 8:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.