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पलामू में जल संरक्षण को लेकर वन, कृषि और सिंचाई विभाग मिलकर करेंगे काम, बनाये जायेंगे 75 अमृत सागर

पलामू में जल संरक्षण को लेकर वन, कृषि और सिंचाई विभाग मिलकर काम करेंगे. इसको लेकर रोड मैप तैयार किया गया है. केंद्रीय जल आयोग की टीम पलामू दौरे पर है और जिला प्रशासन के साथ बैठक की है.

water conservation in Palamu
पलामू में जल संरक्षण को लेकर वन, कृषि और सिंचाई विभाग मिलकर करेंगे काम
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Published : Jun 9, 2022, 5:43 PM IST

पलामूः जिले में घटते जल स्तर को लेकर केंद्रीय जल आयोग काफी गंभीर है. केंद्रीय जल आयोग की टीम पलामू दौरे पर है. गुरुवार को जिला प्रशासन के साथ बैठक की और जल संरक्षण को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गई. केंद्रीय जल आयोग के कैच द रेन अभियान के नोडल अधिकारी और वित्त मंत्रालय के सह निदेशक अनिदिता सिंह राय ने कहा कि जिले में जल संरक्षण को लेकर वन, कृषि और सिंचाई विभाग समन्वय बनाकर काम करेंगे.

यह भी पढ़ेंः केंद्रीय जल आयोग की टीम का पलामू दौरा, पानी की समस्या से निपटने की तैयारियों की होगी समीक्षा




नोडल अधिकारी अनिदिता सिंह राय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सागर बनाये जाने की योजना है. इस अमृत सागर के माध्यम से बारिश के पानी को संरक्षित किया जायेगा और कैचमेंट एरिया में भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि घटता जल स्तर चिंता का विषय है. लोगों को बारिश के पानी को बचाने चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग की टीम जल संरक्षण संबंधित योजनाओं का जायजा लेने के लिए कई प्रखंडों का दौरा भी करेगी.

देखें पूरी खबर


बैठक में उपस्थित जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा गया कि लोगों को बारिश के पानी को बचाने के लिए जागरूक करना होगा. बैठक में जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान कहा गया कि बारिश के पानी को बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीके को अपनाने की जरूरत है. इस मौके पर डीसी शशी रंजन, डीडीसी मेघा भारद्वाज, नगर आयुक्त समीरा एस, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक आनंद सहित कई आलाधिकारी मौजूद थे.


झारखंड के कई जिलों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है. इससे लोग जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग की टीम भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने को लेकर कई योजनाओं पर काम कर रही है. पलामू का इलाका झारखंड में ड्राइ जोन माना जाता है. ड्राइ जोन में अमृत सागर जैसी योजना जल स्तर को बढ़ाने में काफी मददगार साहित होगी.

पलामूः जिले में घटते जल स्तर को लेकर केंद्रीय जल आयोग काफी गंभीर है. केंद्रीय जल आयोग की टीम पलामू दौरे पर है. गुरुवार को जिला प्रशासन के साथ बैठक की और जल संरक्षण को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गई. केंद्रीय जल आयोग के कैच द रेन अभियान के नोडल अधिकारी और वित्त मंत्रालय के सह निदेशक अनिदिता सिंह राय ने कहा कि जिले में जल संरक्षण को लेकर वन, कृषि और सिंचाई विभाग समन्वय बनाकर काम करेंगे.

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नोडल अधिकारी अनिदिता सिंह राय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सागर बनाये जाने की योजना है. इस अमृत सागर के माध्यम से बारिश के पानी को संरक्षित किया जायेगा और कैचमेंट एरिया में भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि घटता जल स्तर चिंता का विषय है. लोगों को बारिश के पानी को बचाने चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग की टीम जल संरक्षण संबंधित योजनाओं का जायजा लेने के लिए कई प्रखंडों का दौरा भी करेगी.

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बैठक में उपस्थित जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा गया कि लोगों को बारिश के पानी को बचाने के लिए जागरूक करना होगा. बैठक में जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान कहा गया कि बारिश के पानी को बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीके को अपनाने की जरूरत है. इस मौके पर डीसी शशी रंजन, डीडीसी मेघा भारद्वाज, नगर आयुक्त समीरा एस, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक आनंद सहित कई आलाधिकारी मौजूद थे.


झारखंड के कई जिलों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है. इससे लोग जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग की टीम भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने को लेकर कई योजनाओं पर काम कर रही है. पलामू का इलाका झारखंड में ड्राइ जोन माना जाता है. ड्राइ जोन में अमृत सागर जैसी योजना जल स्तर को बढ़ाने में काफी मददगार साहित होगी.

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