जमशेदपुर: यूसीआईएल के जादूगोड़ा तुरामडीह माइंस में 180 फिट नीचे खदान में हड़ताल पर बैठे 53 मजदूरों को बुधवार देर रात जिला प्रशासन की देख रेख में CISF के जवानों ने बाहर निकाला. हालांकि, मजदूरों का आरोप है कि यूसीआईएल प्रबंधन ने साजिश के तहत हड़ताल पर बैठे लोगों को माइंस से बाहर निकाला.
जानकारी के अनुसार, प्रबंधन और प्रशासन के साथ मजदूरों के बीच गुरुवार देर रात तक वार्ता चली. इस दौरान कंपनी प्रबंधन ने 5 साल के वेतन समझौते में 11 प्रतिशत मूल वेतन में समावेश का प्रस्ताव दिया. जबकि इसके पहले प्रबंधन ने 10 साल के वेतन समझौता में मूल वेतन में 22 प्रतिशत समावेश का ऑफर दिया था. हालांकि मजदूरों ने 35 फीसदी समावेश की मांग की है.
कंपनी के प्रति मजदूरों में नाराजगी
बैठक से निकलकर जादूगोड़ा यूनिट के मजदूर संघ के महासचिव सुरजीत सिंह ने प्रबंधन के रवैये पर नाराजगी दिखी. यही नहीं उन्होंने कंपनी प्रबंधन के दिए गए प्रस्तावों को भी मानने से इनकार कर दिया. दोबारा यूनियन नेता बैठक करने गए, जो देर रात तक जारी रही.
मजदूरों ने लगाया गंभीर आरोप
बता दें कि यूसीआईएल के तुरामडीह माइंस में करीब 180 फीट नीचे 53 मजदूर हड़ताल पर बैठे थे. उन्हें बुधवार देर रात जिला प्रशासन के अलावा सांसद और पोटका विधायक ने 24 घंटे के अंदर वेतन दिलवाने का भरोसा दिलाकर बाहर निकलवाया. लेकिन फिलहाल कोई सकारात्मक समझौता नहीं हो पा रहा है.
बड़े अधिकारी और नेता रहे मौजूद
बैठक में यूसीआईएल के वित्त निदेशक देवाशीष घोष, राजेश कुमार, रविन्द्र कुमार, एसके शर्मा, वीके सिंह, वी. सुरेश, राहुल सिंह, गिरीश गुप्ता शामिल हुए. जन प्रतिनिधि में सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक मेनका सरदार और जिप अध्यक्ष बुलुरानी सिंह शामिल हुईं. इनके अलावा एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) सुबोध शामिल रहें.