जमशेदपुरः फरवरी में बसंती बयार बहते ही फिजा में मोहब्बत के रंग घुलने लगते हैं. बिहार-झारखंड में इसे बसंत पंचमी से लेकर होली तक महसूस किया जा सकता है. इसी बीच 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. खासकर युवाओं में वैलेंटाइन डे को लेकर गजब उत्साब रहता है. हमने कुछ युवाओं से जब वैलेंटाइन डे को लेकर सवाल पूछा तो उनका जवाब अनूठा था. ज्यादातर को तो ये मालूम ही नहीं था कि वैलेंटाइन कौन थे और वैलेंटाइन-डे क्यों मनाते हैं? हालांकि कुछ युवाओं थोड़ी जानकारी थी लेकिन वो भी आधी-अधूरी.
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कौन थे वैलेंटाइन?
वैलेंटाइन रोम के संत थे. कहा जाता है कि तीसरी सदी में रोम के एक राजा थे क्लाउडियस. उनका मानना था कि एक अविवाहित सिपाही शादीशुदा सिपाही की तुलना में जंग के लिए बेहतर सिपाही बन सकता है. घर परिवार बसाने वाले सिपाही अपने घर और परिवार वालों के बारे में सोचता रहता है इसलिए राजा ने सिपाहियों की शादी पर प्रतिबंध लगा दिया.
राजा के इस आदेश का उल्लंघन करने की हिम्मत किसी में न थी लेकिन वैलेंटाइन प्रेम को सबसे ऊपर मानते थे और वो लोगों की शादी में मदद करने लगे. राजा क्लाउडियस ने इससे नाराज होकर वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाने का हुक्म दे दिया.
रोमन कहानियों के अनुसार वैलेंटाइन के पास एक दिव्य सकती थी, जिससे वे लोगों की बीमारियों को ठीक कर सकते थे. इस बात की भनक जेलर को मिली तो उसने अपनी अंधी बेटी को ऑस्टेरियस को वैलेंटाइन से मिलवाया. ऑस्टेरियस की आंखें ठीक हो गई और दोनों में प्यार हो गया. हालांकि बाद में वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया और उनकी मौत हो गई. इसके काफी सालों बाद पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया. तब से इस दिन को प्यार के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.