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लोगों के खून से प्यास बुझाती है ये सड़क, अब तक सैकड़ों की ले चुकी है जान - etv bharat

जमशेदपुर लौहनगरी से सटे डिमना लेक जाने वाली सड़क में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. यहां हर दूसरे दिन लोग मौत का शिकार बन रहे हैं और इसका कारण इस सड़क का संकीर्ण और घुमावदार होना है.

डिमना लेक रोड
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Published : Jun 7, 2019, 8:17 PM IST

जमशेदपुर: लौहनगरी से सटे डिमना लेक जाने वाली इस सड़क पर कई लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. यहां हर दूसरे दिन एक सड़क हादसा होता है.

देखें पूरी खबर

युवाओं की सबसे ज्यादा मौत
पोस्टमार्टम हाउस के जरिए मिले आंकड़े बताते हैं कि इस सड़क से गुजरना कितना खतरनाक है. 2018 के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में जनवरी महीने में 32 लोगों की जान गई. एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में हर साल करीब ढाई सौ लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है. इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है.

संकीर्ण और घुमावदार रास्ते
वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दोपहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों पर खतरा सबसे ज्यादा है. इसमें हेलमेट नहीं पहनने के कारण सबसे ज्यादा मौत होती है. इस रास्ते पर दुर्घटना होने की सबसे बड़ी वजह इसका संकीर्ण और घुमावदार होना है. सामने से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते और स्पीड लिमिट की अनदेखी के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

ये भी पढ़ें- सिमडेगा में उग्रवादियों ने मचाया तांडव, ड्राइवर और खलासी को बंधक बना 4 वाहनों को किया आग के हवाले

सड़क दुर्घटना में हर साल इजाफा
बहरहाल सड़क दुर्घटना में हर साल इजाफा हो रहा है. जानकारों की मानें तो ट्रैफिक नियमों का पालन करने और कम रफ्तार में वाहन चलाने से सड़क हादसों से बचा जा सकता है.

जमशेदपुर: लौहनगरी से सटे डिमना लेक जाने वाली इस सड़क पर कई लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. यहां हर दूसरे दिन एक सड़क हादसा होता है.

देखें पूरी खबर

युवाओं की सबसे ज्यादा मौत
पोस्टमार्टम हाउस के जरिए मिले आंकड़े बताते हैं कि इस सड़क से गुजरना कितना खतरनाक है. 2018 के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में जनवरी महीने में 32 लोगों की जान गई. एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में हर साल करीब ढाई सौ लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है. इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है.

संकीर्ण और घुमावदार रास्ते
वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दोपहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों पर खतरा सबसे ज्यादा है. इसमें हेलमेट नहीं पहनने के कारण सबसे ज्यादा मौत होती है. इस रास्ते पर दुर्घटना होने की सबसे बड़ी वजह इसका संकीर्ण और घुमावदार होना है. सामने से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते और स्पीड लिमिट की अनदेखी के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

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सड़क दुर्घटना में हर साल इजाफा
बहरहाल सड़क दुर्घटना में हर साल इजाफा हो रहा है. जानकारों की मानें तो ट्रैफिक नियमों का पालन करने और कम रफ्तार में वाहन चलाने से सड़क हादसों से बचा जा सकता है.

Intro:एंकर--आर्थिक नगरी लौहनगरी से सटे डिमना रोड के रास्ते का सड़क यहाँ मौत करती है इंतजार।यह घाटी कइयों की ले चुका है जान. यहाँ हर दूसरे दिन होती है सड़क दुर्घटना।देखिए एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--लौहनगरी के डिमना रोड की सड़कों पर तेज रफ्तार और सिंगल लेन रास्तों के कारण हर दूसरे दिन निर्दोष लोग काल के मुँह में समा रहे हैं। लौहनगरी में सड़क दुर्घटना के आंकड़े चौकाने वाले हैं।
वर्ष 2018 के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में सड़क हादसों के शिकार।
जनवरी-32 फरवरी-18 मार्च-36अप्रैल- 22मई-10जून-08जुलाई-32अगस्त-21सितंबर-23अकटुबर-12नवंबर-04दिसंबर-08
वर्ष 2019 के आंकड़ों के मुताबिक-जनवरी-11 फरवरी-14मार्च-13अप्रैल-16मई-04
नोट--यह सभी आंकड़ें पोस्टमार्टम हाउस के द्वारा दिए गए हैं।
एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में हर वर्ष 250 से 270 लोगों की जान सड़क दुर्घटना मेंजा चुकी है।इसमें सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या है।
दो पहिया सवार पर ज्यादा खतरा-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दोपहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों पर खतरा सबसे ज्यादा है.इसमें हेलमेट नहीं पहनने के कारण सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है।
दो तीन महीने पहले यहाँ सड़क हादसे में युवक की मौत हुई थी.सड़क में बैरिकेटिंग ना होने के कारण दुर्घटना होती है.एवं भारी वाहनों के आवागमन के कारण भी इन रास्तों पर सड़क दुर्घटना होती है।वहीं वन विभाग के अधिकारी ने बताया सिंगल लेन होने के कारण सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है।रास्ते घुमावदार होने के कारण भी खतरा बना रहता है।यह एक घाटी छेत्र है।
बाइट--स्थानीय निवासी
बाइट--स्थानीय निवासी
वीओ2--संकीर्ण रास्ते होने के कारण गाड़ियाँ दोनों रास्ते से आते रहती है.घुमावदार रास्तों के कारण सामने से आने वाले वाहन दिखाई भी नहीं देते हैं.स्पीड लिमिट की अनदेखी के कारण भी सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं।सड़कों पर दिशा निर्देश नहीं दिए जाने के कारण आए दिन दुर्घटना होते रहती है।रास्ते के चौड़ीकरण का प्रयास किया जा रहा है.जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके।
बाइट--सत्य भूषण उपाध्याय(रोड सेफ्टी के प्रमुख)



Conclusion:बहरहाल सड़क दुर्घटना में हर साल इजाफा ही हो रहा है।ऐसी कई जानें हैं जो घर से आंखों में कई सपनों को लेकर निकलती है।पर थोड़ी सी अनदेखी के कारण उनके घरों में मातम छा जाता है
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