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मॉब लिंचिंग: ढाई साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ, अब परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग - मॉब लिंचिंग शिकार

जमशेदपुर के जुगसलाई में मॉब लिंचिंग शिकार के पीड़ित परिवार को ढाई साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला है. दिल्ली से आई एक सामाजिक संस्था की टीम ने पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली. संस्था ने पीड़ित परिवार वालों को भरोसा दिलाया है कि न्याय दिलाने में वो उनका साथ देंगे.

मॉब लिंचिंग
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Published : Aug 23, 2019, 2:09 PM IST

जमशेदपुर: जुगसलाई थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग के शिकार के पीड़ित परिवार से मिलने दिल्ली की एक सामाजिक संस्था की टीम पहुंची. संस्था ने पूरी जानकारी लेकर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है. संस्था मॉब लिंचिंग के खिलाफ देश में जागरूकता फैलाने और पीड़ित परिवार की मदद करने का काम कर रही है.

देखें पूरी खबर


ढाई साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ
पीड़ित परिवार ने कहा है कि घटना के ढाई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें सीबीआई जांच से न्याय मिलेगा. देश के विभिन्न प्रदेशों में घट रही मॉब लिंचिंग की घटना के खिलाफ सरकार के अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी जागरूकता अभियान चला रही हैं.


4 लोगों की हुई थी हत्या
बता दें कि 18 मई 2017 को बागबेड़ा के नागाडीह में तीन युवक समेत एक बुजुर्ग महिला भीड़ की शिकार हुई थी, जिसमे तीनों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. जबकि गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना में 150 अज्ञात और 28 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मामले में अभी भी मुख्य आरोपी फरार है. वहीं 9 आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: CBI करेगी अंतरिक्ष की मौत की जांच! मां ने पिता पर लगाया बेटे की हत्या का आरोप

न्याय दिलाने में संस्था देगी साथ
पीड़ित परिवार से मिलकर दिल्ली से आई सामाजिक संस्था की टीम ने कहा है कि यह दर्दनाक घटना है. वो इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानून की लड़ाई में उनका पूरा साथ देंगे. परिवार के मुखिया माणिक चंद्र वर्मा ने कहा है कि घटना का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर है. असली चेहरा कानून की गिरफ्त से दूर है. ढाई साल बीत जाने पर भी उन्हें अब तक इंसाफ नहीं मिला है. माणिक चंद्र ने घटना की सीबीआई से जांच की मांग की है.

जमशेदपुर: जुगसलाई थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग के शिकार के पीड़ित परिवार से मिलने दिल्ली की एक सामाजिक संस्था की टीम पहुंची. संस्था ने पूरी जानकारी लेकर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है. संस्था मॉब लिंचिंग के खिलाफ देश में जागरूकता फैलाने और पीड़ित परिवार की मदद करने का काम कर रही है.

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ढाई साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ
पीड़ित परिवार ने कहा है कि घटना के ढाई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें सीबीआई जांच से न्याय मिलेगा. देश के विभिन्न प्रदेशों में घट रही मॉब लिंचिंग की घटना के खिलाफ सरकार के अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी जागरूकता अभियान चला रही हैं.


4 लोगों की हुई थी हत्या
बता दें कि 18 मई 2017 को बागबेड़ा के नागाडीह में तीन युवक समेत एक बुजुर्ग महिला भीड़ की शिकार हुई थी, जिसमे तीनों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. जबकि गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना में 150 अज्ञात और 28 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मामले में अभी भी मुख्य आरोपी फरार है. वहीं 9 आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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न्याय दिलाने में संस्था देगी साथ
पीड़ित परिवार से मिलकर दिल्ली से आई सामाजिक संस्था की टीम ने कहा है कि यह दर्दनाक घटना है. वो इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानून की लड़ाई में उनका पूरा साथ देंगे. परिवार के मुखिया माणिक चंद्र वर्मा ने कहा है कि घटना का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर है. असली चेहरा कानून की गिरफ्त से दूर है. ढाई साल बीत जाने पर भी उन्हें अब तक इंसाफ नहीं मिला है. माणिक चंद्र ने घटना की सीबीआई से जांच की मांग की है.

Intro:जमशेदपुर।


जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र में रहने वाला मॉबलिंचिंग का शिकार पीड़ित परिवार से मिलने दिल्ली की एक सामाजिक संस्था उनके आवास पहुंची और पूरी जानकारी लेकर हरसम्भव मदद करने का भरोसा दिया है ।संस्था मॉबलिंचिंग के खिलाफ देश मे जागरूकता फैलाने और पीड़ित परिवार की मदद करने का काम कर रही है।वहीं पीड़ित परिवार ने कहा है कि घटना के ढाई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें न्याय नही मिला है अब हमे सीबीआई जांच से न्याय मिलेगा ।


Body:देश के बिभिन्न प्रदेशों में घट रही मॉबलिंचिंग की घटना के खिलाफ सरकार ज़िला प्रशासन के अलावा कई सामाजिक संस्थाए भी जागरूकता अभियान चला रही है ।दिल्ही की एक सामाजिक संस्था जमशेदपुर के जुगसलाई में रहने वाला मॉबलिंचिंग का शिकार पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी वर्तमान हालात को जाना और घटना की पूरी जानकारी लेकर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है ।12 सदस्य टीम में महिलाये भी थी ।
आपको बता दे कि 18 मई 2017 में बागबेड़ा के नागाडीह में तीन युवक समेत एक बुजुर्ग महिला भीड़ की शिकार हुई थी जिसमे तीनों युवकों की घटना स्थल में मौत हो गई थी जबकि गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग महिला का इलाज के दौरान मौत हो गई थी।घटना में दो युवक और बुजुर्ग महिला एक ही परिवार के थे और तीसरा युवक उनका साथी था।
इस घटना में 150 अज्ञात और 28 नामजद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ।मामले में अभी भी मुख्य आरोपी फरार है 9 कि गिरफ्तारी नही हुई है।
पीड़ित परिवार से मिलकर दिल्ही से आई सामाजिक संस्था की टीम ने कहा है कि यह दर्दनाक घटना है ।वो इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानून की लड़ाई में उनका पूरा साथ देंगे।
बाईट हर्षवर्धन

वही घटना के ढाई साल बीत जाने के बाद पीड़ित परिवार को अब किसी पर भरोसा नही है ।अपने दो बेटे और माँ को खोने वाला परिवार का मुखिया माणिक चंद्र वर्मा ने कहा है कि घटना का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर है।असली चेहरा कानून की गिरफ्त से दूर है।ढाई साल बीत जाने पर भी उन्हें अब तक इंसाफ नही मिला है ।माणिक चंद्र ने घटना की सीबीआई से जांच की मांग की है और कहा है उसी से उन्हें इंसाफ मिलेगा ।
बाईट माणिक चंद्र वर्मा पीड़ित परिवार का मुखिया।


Conclusion:बहरहाल मॉबलिंचिंग का शिकार पीड़ित परिवार इंसाफ की आस लगाए हुए है वहीं ढाई साल बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी ना होना पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रही है।
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