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तबरेज की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले, दुमका में सुभान की मॉब लिचिंग पर मौन क्योंः रघुवर दास - रघुवर दास ने मॉब लिंचिंग पर उठाया सवााल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार और सहयोगी दलों पर हमला करते हुए कहा कि तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले दुमका में 11 मई को बकरी चोरी के नाम पर सुभान अंसारी की हुई मॉब लिचिंग पर आखिर क्यों मौन हैं.

raghuvar das askes  question on mob lynching
रघुवर दास
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Published : May 15, 2020, 5:55 PM IST

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कम्युनिस्ट पार्टियों पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि वर्ष 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले दुमका में 11 मई को बकरी चोरी के नाम पर सुभान अंसारी की हुई मॉब लिचिंग पर आखिर क्यों मौन हैं.

मॉब लिंचिंग मामला भी सेलेक्टिव

रघुवर दास ने कहा कि जिस प्रकार 11 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला दुमका में सरेआम काठीकुंड, शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में बकरी चोरी का आरोप लगाकर दो लोगों की निर्मम पिटाई की गई और उनमें से एक सुभान अंसारी की मौत हो गई. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना को बीते चार दिन हो गए, लेकिन अब तक मॉब लिचिंग के शिकार सुभान अंसारी के लिए न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आंसू बहाने का समय मिला और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा उनकी बहन प्रियंका गांधी को कहने या ट्वीट करने का मन हुआ. इनलोगों के ट्वीट और आंसू भी आखिर सेलेक्टिव क्यों होते हैं. रघुवर दास ने कहा कि यही राहुल गांधी ने 17 जून 2019 को सरायकेला में तबरेज अंसारी पर हुए हमले पर मोटे-मोटे आंसू बहाये थे और 22 जून को तबरेज की मौत के बाद इसे मानवता पर धब्बा बताया था और आरोप लगाया कि इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार की कथित चुुप्पी हैरान करने वाली है. इतना ही नहीं राज्यसभा में अपने भाषण में कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने सरायकेला की घटना के बाद पूरे झारखंड को मॉब लिचिंग का अड्डा बता दिया था. उन्होंने कहा कि सुभान अंसारी के मामले में अब तक गुलामनबी आजाद ने भी अपनी जुबान नहीं खोली.

और पढें- आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को जुलाई तक मुफ्त अनाज: वित्तमंत्री

एसआइटी का गठन करना चाहिए

रघुवर दास ने कहा कि तबरेज के मामले में सीपीएम, सीपीआई और अनेक संगठनों ने अपनी पार्टियों के प्रतिनिधि सरायकेला भेज दिया था. वर्तमान सरकार में कांग्रेसी मंत्री ने घर जाकर आर्थिक सहायता भी दी थी. इस तरह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर देश को बदनाम करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. अब जब दुमका में सुभान अंसारी की मॉब लिचिंग से निर्मम हत्या की गई तो इन सभी की जबान पर ताला लटक गयी है, किसी जांच या मदद की मांग नहीं की जा रही है, आखिर ऐसा क्यों. रघुवर दास ने कहा कि ऐसा दोहरा व्यवहार सिर्फ किया जा रहा है क्योंकि उस समय भाजपा की सरकार थी और आज राज्य में झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद और वामपंथियों की अवसरवादी सरकार शासन में है. रघुवर दास ने कहा कि भीड़ के हाथों किसी की भी मौत गैरकानूनी और निंदनीय होती है, चाहे वह तबरेज की मौत हो या सुभान अंसारी की हत्या हो. उन्होंने मांग किया कि अंसारी के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना चाहिए और उसकी पत्नी खैरून बीबी एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की जानी चाहिए. रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा कि वह और उनकी पार्टी तो दावा करती थी कि अभी सरकार में मॉब लिचिंग नहीं होगी तथा किसी की भी भूख से मौत नहीं मौत नहीं होगी, लेकिन अब इस तरह उनके गृह जनपद दुमका में हुई मॉब लिचिंग पर आखिर उनके पार्टी के नेताओं के होठ क्यों सिले हुए हैं. उन्होंने पूछा कि रामगढ़ के गोला में संग्रामपुर गांव में तीन अप्रैल को 17 वर्षीय दलित महिला उपासो देवी की भूख से हुई मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है. ऐसे मामलों को दबाने से काम नहीं चलेगा. सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और जनता को बताना होगा कि चुनाव में किए गए वादों का क्या हुआ? जब वह चीख-चीख कर कहा करते थे उनके राज्य में कभी मॉब लिचिंग नहीं होगी और भूख से किसी गरीब की मौत नहीं होगी.

जमशेदपुरः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कम्युनिस्ट पार्टियों पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि वर्ष 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बताने वाले दुमका में 11 मई को बकरी चोरी के नाम पर सुभान अंसारी की हुई मॉब लिचिंग पर आखिर क्यों मौन हैं.

मॉब लिंचिंग मामला भी सेलेक्टिव

रघुवर दास ने कहा कि जिस प्रकार 11 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला दुमका में सरेआम काठीकुंड, शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में बकरी चोरी का आरोप लगाकर दो लोगों की निर्मम पिटाई की गई और उनमें से एक सुभान अंसारी की मौत हो गई. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना को बीते चार दिन हो गए, लेकिन अब तक मॉब लिचिंग के शिकार सुभान अंसारी के लिए न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आंसू बहाने का समय मिला और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा उनकी बहन प्रियंका गांधी को कहने या ट्वीट करने का मन हुआ. इनलोगों के ट्वीट और आंसू भी आखिर सेलेक्टिव क्यों होते हैं. रघुवर दास ने कहा कि यही राहुल गांधी ने 17 जून 2019 को सरायकेला में तबरेज अंसारी पर हुए हमले पर मोटे-मोटे आंसू बहाये थे और 22 जून को तबरेज की मौत के बाद इसे मानवता पर धब्बा बताया था और आरोप लगाया कि इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार की कथित चुुप्पी हैरान करने वाली है. इतना ही नहीं राज्यसभा में अपने भाषण में कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने सरायकेला की घटना के बाद पूरे झारखंड को मॉब लिचिंग का अड्डा बता दिया था. उन्होंने कहा कि सुभान अंसारी के मामले में अब तक गुलामनबी आजाद ने भी अपनी जुबान नहीं खोली.

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एसआइटी का गठन करना चाहिए

रघुवर दास ने कहा कि तबरेज के मामले में सीपीएम, सीपीआई और अनेक संगठनों ने अपनी पार्टियों के प्रतिनिधि सरायकेला भेज दिया था. वर्तमान सरकार में कांग्रेसी मंत्री ने घर जाकर आर्थिक सहायता भी दी थी. इस तरह इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर देश को बदनाम करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. अब जब दुमका में सुभान अंसारी की मॉब लिचिंग से निर्मम हत्या की गई तो इन सभी की जबान पर ताला लटक गयी है, किसी जांच या मदद की मांग नहीं की जा रही है, आखिर ऐसा क्यों. रघुवर दास ने कहा कि ऐसा दोहरा व्यवहार सिर्फ किया जा रहा है क्योंकि उस समय भाजपा की सरकार थी और आज राज्य में झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद और वामपंथियों की अवसरवादी सरकार शासन में है. रघुवर दास ने कहा कि भीड़ के हाथों किसी की भी मौत गैरकानूनी और निंदनीय होती है, चाहे वह तबरेज की मौत हो या सुभान अंसारी की हत्या हो. उन्होंने मांग किया कि अंसारी के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना चाहिए और उसकी पत्नी खैरून बीबी एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की जानी चाहिए. रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा कि वह और उनकी पार्टी तो दावा करती थी कि अभी सरकार में मॉब लिचिंग नहीं होगी तथा किसी की भी भूख से मौत नहीं मौत नहीं होगी, लेकिन अब इस तरह उनके गृह जनपद दुमका में हुई मॉब लिचिंग पर आखिर उनके पार्टी के नेताओं के होठ क्यों सिले हुए हैं. उन्होंने पूछा कि रामगढ़ के गोला में संग्रामपुर गांव में तीन अप्रैल को 17 वर्षीय दलित महिला उपासो देवी की भूख से हुई मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है. ऐसे मामलों को दबाने से काम नहीं चलेगा. सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और जनता को बताना होगा कि चुनाव में किए गए वादों का क्या हुआ? जब वह चीख-चीख कर कहा करते थे उनके राज्य में कभी मॉब लिचिंग नहीं होगी और भूख से किसी गरीब की मौत नहीं होगी.

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