जमशेदपुर: सरकार द्वारा राज्य में 4 जिलों में बिजली निजी हाथों में देने के विरोध में राज्य भर के बिजली कामगार 11 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे. यह निर्णय झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन की 11वीं सम्मेलन में लिया गया. हड़ताल के पहले 20 जुलाई को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया. इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये.
इस संबंध में झारखंड प्रदेश के महामंत्री रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के बिजली को निजी हाथों में सौंपी जाने का कामगार यूनियन विरोध करता है. उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम कहते हैं कि 81 पावर ग्रिड और 217 सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि घर-घर तक बिजली पहुंचाई जा सके. ट्रांसमिशन लाइन का जाल बिछाया गया है. राज्य सरकार लोगों को निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना विकसित कर रही है, तो फिर निजी हाथों में या कॉर्पोरेट घरानों को देने की जरूरत नहीं होना चाहिए.
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रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को जमशेदपुर और धनबाद ग्रिड से सबसे ज्यादा आमदनी होती है. तो फिर सरकार द्वारा इस प्रकार का फैसला लेना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि राज्य के 9 डीवीसी कमांड एरिया में 12 घंटे भी बिजली नहीं रह पाती है, सरकार को इसकी चिंता नहीं है कि इस एरिया में बिजली की चौबीस घंटे आपूर्ति कैसे की जाए.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर निजीकरण को बंद नहीं किया गया, इसके साथ स्थानांतरित कर्मियों को वापस और 6% उर्जा भत्ते का भुगतान नहीं किया गया, तो बाध्य होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा. 11 अगस्त से राज्य भर के बिजली कामगार हड़ताल पर चले जाएंगे.