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बिजली को निजी हाथों में देने से कर्मचारी खफा, विरोध में 11 अगस्त से हड़ताल

जमशेदपुर में झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन का 11वां सम्मेलन हुआ. जिसमें 4 जिलों में बिजली का निजीकरण करने पर विरोध जताया गया. बिजलीकर्मियों ने कहा कि इसके विरोध में 11 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे.

बिजली को निजी हाथों में देने से कर्मचारी खफा
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Published : Jun 23, 2019, 7:17 PM IST

जमशेदपुर: सरकार द्वारा राज्य में 4 जिलों में बिजली निजी हाथों में देने के विरोध में राज्य भर के बिजली कामगार 11 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे. यह निर्णय झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन की 11वीं सम्मेलन में लिया गया. हड़ताल के पहले 20 जुलाई को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया. इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये.

देखें पूरी खबर

इस संबंध में झारखंड प्रदेश के महामंत्री रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के बिजली को निजी हाथों में सौंपी जाने का कामगार यूनियन विरोध करता है. उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम कहते हैं कि 81 पावर ग्रिड और 217 सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि घर-घर तक बिजली पहुंचाई जा सके. ट्रांसमिशन लाइन का जाल बिछाया गया है. राज्य सरकार लोगों को निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना विकसित कर रही है, तो फिर निजी हाथों में या कॉर्पोरेट घरानों को देने की जरूरत नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें-पलामू पुलिस के हत्थे चढ़े 6 डकैत, एक महीने में दो बैंकों को बनाया था निशाना

रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को जमशेदपुर और धनबाद ग्रिड से सबसे ज्यादा आमदनी होती है. तो फिर सरकार द्वारा इस प्रकार का फैसला लेना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि राज्य के 9 डीवीसी कमांड एरिया में 12 घंटे भी बिजली नहीं रह पाती है, सरकार को इसकी चिंता नहीं है कि इस एरिया में बिजली की चौबीस घंटे आपूर्ति कैसे की जाए.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर निजीकरण को बंद नहीं किया गया, इसके साथ स्थानांतरित कर्मियों को वापस और 6% उर्जा भत्ते का भुगतान नहीं किया गया, तो बाध्य होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा. 11 अगस्त से राज्य भर के बिजली कामगार हड़ताल पर चले जाएंगे.

जमशेदपुर: सरकार द्वारा राज्य में 4 जिलों में बिजली निजी हाथों में देने के विरोध में राज्य भर के बिजली कामगार 11 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे. यह निर्णय झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन की 11वीं सम्मेलन में लिया गया. हड़ताल के पहले 20 जुलाई को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया. इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित किये गये.

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इस संबंध में झारखंड प्रदेश के महामंत्री रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के बिजली को निजी हाथों में सौंपी जाने का कामगार यूनियन विरोध करता है. उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम कहते हैं कि 81 पावर ग्रिड और 217 सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि घर-घर तक बिजली पहुंचाई जा सके. ट्रांसमिशन लाइन का जाल बिछाया गया है. राज्य सरकार लोगों को निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना विकसित कर रही है, तो फिर निजी हाथों में या कॉर्पोरेट घरानों को देने की जरूरत नहीं होना चाहिए.

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रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को जमशेदपुर और धनबाद ग्रिड से सबसे ज्यादा आमदनी होती है. तो फिर सरकार द्वारा इस प्रकार का फैसला लेना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि राज्य के 9 डीवीसी कमांड एरिया में 12 घंटे भी बिजली नहीं रह पाती है, सरकार को इसकी चिंता नहीं है कि इस एरिया में बिजली की चौबीस घंटे आपूर्ति कैसे की जाए.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर निजीकरण को बंद नहीं किया गया, इसके साथ स्थानांतरित कर्मियों को वापस और 6% उर्जा भत्ते का भुगतान नहीं किया गया, तो बाध्य होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा. 11 अगस्त से राज्य भर के बिजली कामगार हड़ताल पर चले जाएंगे.

Intro:जमशेदपुर ।
सरकार के द्वारा राज्य में 4 जिलों मे बिजली निजी हाथों के देने के विरोध में राज्य भर के बिजली कामगार 11 अगस्त को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगें ।
उक्त निर्णय जमशेदपुर के माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आयोजित झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन की 11वीं सम्मेलन में लिया गया हड़ताल के पूर्व 20 जुलाई को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया।इस दौरान कई प्रस्ताव भी पारित भी किया गया।
इस संबंध में झारखंड प्रदेश के महामंत्री रामकृष्ण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के बिजली को निजी हाथों में सौंपी जाने का कामगार यूनियन विरोध करता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य के सीएम कहते हैं कि 81 पावर ग्रिड एवं 217 सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है ,ताकि घर-घर तक बिजली पहुंचाई जा सके। ट्रांसमिशन लाइन का जाल बिछाया गया है ,राज्य सरकार लोगों को निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत संरचना विकसित कर रही है तो फिर निजी हाथों में या कॉर्पोरेट घरानों को देने की जरूरत नहीं होना चाहिए ।




Body:श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को जमशेदपुर ग्रीड और धनबाद ग्रिड सबसे ज्यादा आमदनी होती है तो फिर सरकार के द्वारा इस प्रकार का फैसला लेना समझ से परे है।
उन्होंने सरकार पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि राज्य के 9 डीवीसी कमांड एरिया में 12 घंटे भी बिजली नहीं रह पाती है सरकार को इसकी चिंता नहीं है कि इस एरिया में बिजली की चौबीसों घंटे आपूर्ति कैसे की जाए।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर सरकार निजीकरण को बंद नहीं किया गया, साथ में स्थानांतरित कर्मियों को वापस और 6% का उर्जा भक्ता का भुगतान नहीं किया गया तो बाध्य होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा और 11 अगस्त से राज्य भर के बिजली कामगार हड़ताल पर चले जाएंगे।
बाईट '-रामकृष्ण सिंह,महामंत्री, झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन


Conclusion:na
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