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प्रोफेसर जितराई हांसदा गिरफ्तार, 2 साल पहले फेसबुक पर किया था आपत्तिजनक पोस्ट - झारखंड समाचार

जमशदेपुर पुलिस ने फेसबुक पर बीफ से संबंधित पोस्ट करने के आरोप में जितराई हांसदा को गिरफ्तार किया है. हांसदा को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्रोफेसर हैं.

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Published : May 27, 2019, 2:49 AM IST

Updated : May 27, 2019, 3:01 AM IST

जमशेदपुर: पुलिस ने बीफ से संबंधित दो साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए जितराई हांसदा को गिरफ्तार कर लिया है. हांसदा को-ऑपरेटीव कॉलेज के प्रोफेसर हैं. पुलिस ने उन्हें आधी रात को पप्पू होटल से गिरफ्तार किया.

जानकारी देती पुलिस और परिजन

को-ऑपरेटिव कॉलेज के जितराई हंसदा को शनिवार को आधी रात को पप्पू होटल से गिरफ्तार कर लिया गया है. साल 2017 में जितराई के एक फेसबुक पोस्ट के खिलाफ साकची पुलिस के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज की थी. हांसदा एक प्रमुख आदिवासी कार्यकर्ता और थियेटर कलाकार हैं. उनकी फेसबुक पोस्ट में उनके समुदाय के बीफ खाने के अधिकार पर जोड़ दिया गया था. भारत में आदिवासी समुदाय में गौ मांस खाने और गाय के बलिदान की लंबी परंपरा रही है. उन्होंने बताया कि मांस का उपयोग करना उनका लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक अधिकार है. पोस्ट में यह भी कहा गया है कि गौ मांस खाने पर भारतीय कानूनों का विरोध करते हैं और उनका समुदाय देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर भी खाता है. उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने की अभिव्यक्ति है.

क्या कहता है केस ?
उन्होंने धार्मिक भावनाओं का अपमान करने और लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता 174 के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि जितराई हांसदा ने बताया कि ये पोस्ट कुछ कथित लोगों के कहने पर कुछ ही दिनों के बाद फेसबुक वॉल से हटा दिया गया था.

जीतराई हांसदा के फेसबुक पोस्ट के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने साल 2017 में ग्रेजुएट कॉलेज में प्रिंसिपल से मिलकर उन्हें निलंबित करने की मांग की थी. इसके बाद कोल्हान विश्वविद्यालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. हालांकि आदिवासियों के प्रमुख संगठनों ने इसके खिलाफ अन्य लोगों को दोषी ठहराया है. यह केस साल 2017 में फाइल किया गया था आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित यह केस दर्ज किया गया है इसके खिलाफ पूर्व में ही चार्जशीट दर्ज की गई है.

जमशेदपुर: पुलिस ने बीफ से संबंधित दो साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए जितराई हांसदा को गिरफ्तार कर लिया है. हांसदा को-ऑपरेटीव कॉलेज के प्रोफेसर हैं. पुलिस ने उन्हें आधी रात को पप्पू होटल से गिरफ्तार किया.

जानकारी देती पुलिस और परिजन

को-ऑपरेटिव कॉलेज के जितराई हंसदा को शनिवार को आधी रात को पप्पू होटल से गिरफ्तार कर लिया गया है. साल 2017 में जितराई के एक फेसबुक पोस्ट के खिलाफ साकची पुलिस के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज की थी. हांसदा एक प्रमुख आदिवासी कार्यकर्ता और थियेटर कलाकार हैं. उनकी फेसबुक पोस्ट में उनके समुदाय के बीफ खाने के अधिकार पर जोड़ दिया गया था. भारत में आदिवासी समुदाय में गौ मांस खाने और गाय के बलिदान की लंबी परंपरा रही है. उन्होंने बताया कि मांस का उपयोग करना उनका लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक अधिकार है. पोस्ट में यह भी कहा गया है कि गौ मांस खाने पर भारतीय कानूनों का विरोध करते हैं और उनका समुदाय देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर भी खाता है. उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने की अभिव्यक्ति है.

क्या कहता है केस ?
उन्होंने धार्मिक भावनाओं का अपमान करने और लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता 174 के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि जितराई हांसदा ने बताया कि ये पोस्ट कुछ कथित लोगों के कहने पर कुछ ही दिनों के बाद फेसबुक वॉल से हटा दिया गया था.

जीतराई हांसदा के फेसबुक पोस्ट के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने साल 2017 में ग्रेजुएट कॉलेज में प्रिंसिपल से मिलकर उन्हें निलंबित करने की मांग की थी. इसके बाद कोल्हान विश्वविद्यालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. हालांकि आदिवासियों के प्रमुख संगठनों ने इसके खिलाफ अन्य लोगों को दोषी ठहराया है. यह केस साल 2017 में फाइल किया गया था आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित यह केस दर्ज किया गया है इसके खिलाफ पूर्व में ही चार्जशीट दर्ज की गई है.

Intro:एंकर-- जमशेदपुर पुलिस ने बीफ से संबंधित दो साल पुरानी फेसबुक पोस्ट के लिए जमशेदपुर के जितराई हंसदा को गिरफ्तार कर लिया है।हंसदा को-ऑपरेटीव कॉलेज के आर्ट के प्रोफ़ेसर हैं।देखिए एक रिपोर्ट।


Body:वीओ1-- जमशेदपुर के को-ऑपरेटिव कॉलेज के जितराई हंसदा को शनिवार को आधी रात को पप्पू होटल से गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्ष 2017 में एक जितराई फेसबुक पोस्ट के खिलाफ साकची पुलिस सिस्टम के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज की थी।हांसदा एक प्रमुख आदिवासी कार्यकर्ता और थियेटर कलाकार हैं। और उनकी फेसबुक पोस्ट में उनके समुदाय के बीफ खाने के अधिकार पर जोड़ दिया गया था। भारत में आदिवासी समुदाय में गौ मांस खाने और गाय के बलिदान की लंबी परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि मांस का उपयोग करना उनका लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक अधिकार है।पोस्ट में यह भी कहा गया है कि गौ मांस खाने पर भारतीय कानूनों का विरोध करते हैं .और उनका समुदाय देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर भी खाता है। उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करने की अभिव्यक्ति है।
क्या कहता है केस--
उन्होंने धार्मिक भावनाओं का अपमान करने और लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता 174 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हांलांकि जितराई हांसदा ने बताया--ये पोस्ट कुछ कथित लोगों के कहने पर कुछ ही दिनों के बाद फेसबुक वॉल से हटा दिया गया था।
जीतराई हांसदा के फेसबुक पोस्ट के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने वर्ष 2017 में ग्रेजुएट कॉलेज में प्रिंसिपल से मिलकर उन्हें निलंबित करने की मांग की थी।इसके बाद कोल्हान विश्वविद्यालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि आदिवासियों के प्रमुख संगठनों ने इसके खिलाफ अन्य लोगों को दोषी ठहराया है।
यह केस वर्ष 2017 में फाइल किया गया था आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित यह केस दर्ज किया गया है।इसके खिलाफ पूर्व में ही चार्ज शीट दर्ज की गई है।
बाइट--राजीव सिंह(थानाप्रभारी साकची थाना)
वीओ2--आज ही पता चला मेरे पति साकची में जेल में हैं।

माही हांसदा(स्विच बोर्ड ऑफिसर धनबाद में कार्यरत)



Conclusion:
Last Updated : May 27, 2019, 3:01 AM IST
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