जमशेदपुरः लाॅकडाउन के बाद जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों को दो माह का मुफ्त चावल और चना का लाभ दिया जाना है. लेकिन इसका लाभ सभी प्रवासी मजदूरों को नहीं मिलेगा. मजदूर जिनका राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए राशन कार्ड में नाम हो तो वैसे प्रवासी मजदूरों को उसका लाभ नहीं मिलेगा. जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन के समय में पूर्वी सिंहभूम जिला में 8,645 प्रवासी मजदूर आए हैं. सरकार इन लोगों को आत्मनिर्भर भारत के तहत पांच किलो चावल और एक किलो चना दो माह तक देगी, लेकिन अभी तक जिले में मात्र 96 प्रवासी मजदूरों ने पंजीयन कराया है.
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कैसे होगा मजदूरों का पंजीयन
इस योजना का लाभ वैसे ही मजदूरों को मिल सकता है जिनके पास अपना एंड्राइड फोन हो. इसके लिए प्रवासी मजदूरों को एंड्रायड फोन में गूगल प्ले स्टोर में जाकर 'झारखंड बाजार' एप को डाउनलोड करना होगा और उसमें दिए गए निर्देश के अनुसार उसे भरना होगा. अगर मजदूर इसे भरने में असमर्थ हैं तो नजदीकी प्रखंड कार्यालय में एमओ के पास जाकर यह भरा जा सकता है. एप में पंजीयन के बाद वह आवेदन एमओ के पास जाएगा. जहां आवेदन की जांच की जाएगी. अगर आधार कहीं और राज्य में पंजीकृत होगा तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा.
इस सबंध में जिला आर्पूति पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों के लिए दस किलो चावल और दो किलो चना दी जानी है. इसके लिए मजदूरों को झारखंड बाजार एप में जाकर अपना पंजीकरण करवाना है. उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ वैसे प्रवासी मजदूरों को नहीं मिलेगा जिनका पूर्व से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए राशन कार्ड में नाम दर्ज हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए 231 पंचायत क्षेत्र में दुकानों का चयन और शहरी क्षेत्र में 40 दुकानों का चयन किया गया है. रजिस्टर्ड प्रवासी मजदूर वहां से अपने सामानों को ले सकते हैं. बता दें कि 1537, धालभूमगढ से 616, डुमरिया 761, घाटशिला 499, गोलमुरी सह जूगसलाई 182, गुड़ाबंदा 345, पोटका 747,पटमदा 1138 और मुसाबनी प्रखंड से 596 प्रवासी मजदूर आए हैं.