जमशेदपुर: दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल की तरह झारखंड की स्थिति भी बेकाबू ना हो जाए इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. झारखंड के जमशेदपुर में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियम को ताक पर रख कर एमजीएम अस्पताल में एक ही रास्ते से कोरोना संक्रमित और आम लोग प्रतिदिन गुजर रहे हैं.
क्या है नियम
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक अमजीएम अस्पताल में बने कोविड-19 वार्ड के बगल में महिला प्रसूति विभाग है. इससे सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा नवजात और महिलाओं को होता है. इतना ही नहीं सभी के आने-जाने का रास्ता भी एक होने से आम मरीजों के ऊपर खतरा सबसे ज्यादा है. हालांकि इस पर एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक अलग ही दलील देते हैं.
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कोविड-19 के मरीजों के लिए सरकार ने अस्पतालों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होता देख सरकार ने संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 अस्पताल का प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग करने का फैसला लिया है, लेकिन कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में नियमों को ताक पर रखकर एक ही रास्ते से शिशु बर्न और कोरोना संक्रमित रोजाना आना-जाना करते हैं. उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है.
इतना ही नहीं कोविड-19 अस्पताल वाले भवन के बगल में महिला और प्रसूति विभाग भी मौजूद है. जिससे पूरे अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. पूर्व में रांची से आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर चिंता भी जाहिर की थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इसके लिए कोई निर्णय अब तक नहीं लिया है. ऐसे में ऑनकोलॉजी विभाग के हेड का मानना है. संक्रमण किसी भी तरीके से फैल सकता है.