ETV Bharat / city

एमजीएम ने ताक पर रखा WHO का नियम, एक ही रास्ते से आते हैं कोरोना संक्रमित और आम मरीज

कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड के बगल में बच्चे जन्म लेते हैं. यहां एक ही रास्ते से कोरोना संक्रमित और आम मरीज प्रतिदिन गुजरते हैं. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा पूरे अस्पताल में मंडरा रहा है.

MGM ignored WHO rules in jamshedpur jharkhand
एमजीएम ने ताक पर रखा डब्ल्यूएचओ के नियम
author img

By

Published : Jun 14, 2020, 5:08 PM IST

जमशेदपुर: दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल की तरह झारखंड की स्थिति भी बेकाबू ना हो जाए इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. झारखंड के जमशेदपुर में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियम को ताक पर रख कर एमजीएम अस्पताल में एक ही रास्ते से कोरोना संक्रमित और आम लोग प्रतिदिन गुजर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

क्या है नियम

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक अमजीएम अस्पताल में बने कोविड-19 वार्ड के बगल में महिला प्रसूति विभाग है. इससे सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा नवजात और महिलाओं को होता है. इतना ही नहीं सभी के आने-जाने का रास्ता भी एक होने से आम मरीजों के ऊपर खतरा सबसे ज्यादा है. हालांकि इस पर एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक अलग ही दलील देते हैं.

ये भी पढ़ें- अंधविश्वास के नाम पर महिलाएं कर रहीं 'कोरोना माई' की पूजा, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

कोविड-19 के मरीजों के लिए सरकार ने अस्पतालों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होता देख सरकार ने संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 अस्पताल का प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग करने का फैसला लिया है, लेकिन कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में नियमों को ताक पर रखकर एक ही रास्ते से शिशु बर्न और कोरोना संक्रमित रोजाना आना-जाना करते हैं. उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है.

इतना ही नहीं कोविड-19 अस्पताल वाले भवन के बगल में महिला और प्रसूति विभाग भी मौजूद है. जिससे पूरे अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. पूर्व में रांची से आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर चिंता भी जाहिर की थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इसके लिए कोई निर्णय अब तक नहीं लिया है. ऐसे में ऑनकोलॉजी विभाग के हेड का मानना है. संक्रमण किसी भी तरीके से फैल सकता है.

जमशेदपुर: दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल की तरह झारखंड की स्थिति भी बेकाबू ना हो जाए इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. झारखंड के जमशेदपुर में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियम को ताक पर रख कर एमजीएम अस्पताल में एक ही रास्ते से कोरोना संक्रमित और आम लोग प्रतिदिन गुजर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

क्या है नियम

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक अमजीएम अस्पताल में बने कोविड-19 वार्ड के बगल में महिला प्रसूति विभाग है. इससे सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा नवजात और महिलाओं को होता है. इतना ही नहीं सभी के आने-जाने का रास्ता भी एक होने से आम मरीजों के ऊपर खतरा सबसे ज्यादा है. हालांकि इस पर एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक अलग ही दलील देते हैं.

ये भी पढ़ें- अंधविश्वास के नाम पर महिलाएं कर रहीं 'कोरोना माई' की पूजा, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

कोविड-19 के मरीजों के लिए सरकार ने अस्पतालों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होता देख सरकार ने संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 अस्पताल का प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग करने का फैसला लिया है, लेकिन कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में नियमों को ताक पर रखकर एक ही रास्ते से शिशु बर्न और कोरोना संक्रमित रोजाना आना-जाना करते हैं. उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है.

इतना ही नहीं कोविड-19 अस्पताल वाले भवन के बगल में महिला और प्रसूति विभाग भी मौजूद है. जिससे पूरे अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. पूर्व में रांची से आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर चिंता भी जाहिर की थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इसके लिए कोई निर्णय अब तक नहीं लिया है. ऐसे में ऑनकोलॉजी विभाग के हेड का मानना है. संक्रमण किसी भी तरीके से फैल सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.