जमशेदपुर: बिष्टुपुर थाना क्षेत्र स्थित मेडिका अस्पताल 6 साल के बाद पूरी तरह से बंद होने वाला है. गुरुवार दोपहर कर्मचारियों को अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए नोटिस दे दिया. ततरीबन 100 से ज्यादा कर्मचारियों के जीवन पर आर्थिक संकट गहराने वाला है.
अस्पताल में कार्य कर रहे चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को बीते 3 महीने से बकाया राशि का भुगतान भी नहीं किया गया. मेडिका अस्पताल को बंद करने की पूरी तैयारी कर ली गई है. अस्पताल के बंद होने से जमशेदपुर के लोगों को बेहतर इलाज के लिए कोलकाता जाना पड़ेगा.
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जमशेदपुर के बड़े अस्पतालों में शुमार एमजीएम, टाटा मुख्य अस्पताल में कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है. वहीं, छोटे-मोटे अस्पतालों में भर्ती की सुविधा के ज्यादा विकल्प नहीं हैं. गुरुवार को मेडिका अस्पताल के बंद होने के बाद मेडिसीन, सर्जरी, हृदय रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र रोग, कान-नाक-गला रोग, किडनी, अस्थि रोग, मूत्र रोग, पल्मनोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी और गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी सर्जरी का इलाज कराने में आम लोगों को असुविधा होगी. मेडिका अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक कार्य करने वाले डॉक्टर अन्य यूनिट में सुविधा दे सकते हैं. अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान जल्द ही किया जाएगा.
मेडिका अस्पताल ट्रस्ट को देते थे सालाना 22 लाख रुपये
मेडिका समूह इस अस्पताल को चलाने के लिए सालाना 22 लाख रुपये कांतिलाल गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को देता था. मेडिका अस्पताल के सामने शर्त यह भी थी कि अधिक कमाई होने पर लाभ का 3 प्रतिशत हिस्सा देना होगा. जिसकी वजह से मेडिका अस्पताल वित्तिय संकट से घिरने लगा.