जमशेदपुर: देश के वीर सपूत गणेश हांसदा की स्मृति में पुस्तकालय शुरू किया गया. उन्हें युवाओं के बीच प्रेरणा बनाने और इलाके में शिक्षा पर जोर देने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन ने यह पहल की. वीर शहीद गणेश हांसदा पुस्तकालय सामाजिक भागीदारी की नई मिसाल कायम कर रहा है. इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर चिंगड़ा पंचायत के भंडारसोल में पुस्तकालय शुरू किया गया था. वहीं शिक्षक दिवस के मौके पर चिंगड़ा-लाधनासोल में दूसरा पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया.
निशुल्क पठन-पाठन की सुविधा
शिक्षक दिवस पर चिंगड़ा पंचायत मुख्यालय के समीप लाधनासोल गांव में वीर शहीद गणेश हांसदा पुस्तकालय खुलने से युवा और ग्रामीण बेहद उत्साहित नजर आए. पुस्तकालय खोलने के लिए भवन मुहैया कराने वाले ग्रामीण कालीदास हेंब्रम ने बताया कि उनके गांव में पुस्तकालय हो, यह सपना पिछले कई साल से देखते आ रहे थे.
उनके गांव में पुस्तकालय खुलने से अब इलाके के बच्चे और युवा सही तरह से पढ़ाई कर सकेंगे. वीर शहीद गणेश हांसदा के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि युवाओं का उत्साह देखकर वह बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं. गणेश स्कूल के दिनों में चिंगड़ा लाधनासोल ट्यूशन करने के लिए आते थे, अब पुस्तकालय से यहीं पर युवाओं को निशुल्क पठन-पाठन की सुविधा मिलेगी, यह बेहद उत्साहवर्धक है.
डिजिटल माध्यमों का बेहतर उपयोग
पुस्तकालय का शुभारंभ इंटरमीडिएट और स्नातक के विभिन्न विषयों की 60 पुस्तकों, प्रेरक पुस्तकें, प्रतियोगी पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकालय के लिए उपयोगी वस्तुओं के साथ किया गया. आसपास के गांवों के बच्चे पुस्तकालय आकर रोजाना अखबार भी पढ़ सकेंगे.
निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक सचिव तरुण कुमार ने पुस्तकालय को पुस्तकें और सामग्रियां उपलब्ध कराते हुए कहा कि समय के साथ पुस्तकालय में ज्यादा संख्या में पुस्तक और संसाधन उपलब्ध कराने का पुरजोर प्रयास होगा. वहीं इलाके में खुलने वाले कई पुस्तकालयों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित कर और डिजिटल माध्यमों का बेहतर उपयोग कर बेहतर पढ़ाई की जा सकेगी.
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इस मौके पर पुस्तकालय संचालन कमेटी का भी गठन किया गया. रामदास हांसदा को सर्वसम्मति से पुस्तकालय का कमेटी का अध्यक्ष चुना गया. वहीं नया हांसदा को उपाध्यक्ष, वर्षा मुर्मू को सचिव, फैलोशिप परीक्षा में चुने गए लखन सोरेन को सह सचिव, किशन टुडू को कोषाध्यक्ष और ईश्वर हांसदा को सह कोषाध्यक्ष चुना गया. बच्चों की शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक ग्रामीण कालीदास हेम्ब्रम को पुस्तकालय का संरक्षक बनाया गया.