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पानी की किल्लत से जूझ रहा जमशेदपुर, बोतलबंद पानी से लोग बुझा रहे प्यास

जमशेदपुर में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. लोग बोतलबंद पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

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Published : Jun 27, 2019, 11:03 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 7:30 PM IST

पानी की किल्लत से जूझ रहा जमशेदपुर

जमशेदपुर: लौहनगरी के लोग इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसका फायदा लोग बोतलबंद पानी बेचकलर उठा रहे हैं. हाल के दिनों में बोतलबंद पानी का धंधा बड़े उद्योग का रूप ले चुका है. शहर में ज़्यादातर लोग बोतलबंद पानी के साथ-साथ बोतलबंद जार का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे स्थानीय स्तर पर तैयार किया जाता है. हालांकि इसकी गुणवत्ता के कोई मानक तय नहीं है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, जमशेदपुर में लोगों को पीने के लिए पाइप लाइन में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है. इससे परेशान लोग बोतलबंद पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. लोगों का कहना है कि सप्लाई में गंदा पानी आ रहा है. इसको पीने से लोग बीमार हो रहे हैं.

मानगो, जुगसलाई में पानी सबसे ज्यादा दूषित पानी सप्लाई हो रहा है. लोगों का कहना है कि इस महंगाई के जमाने में आखिर कब तक हम बोतलबंद पानी खरीद के पिएंगे.

जमशेदपुर: लौहनगरी के लोग इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसका फायदा लोग बोतलबंद पानी बेचकलर उठा रहे हैं. हाल के दिनों में बोतलबंद पानी का धंधा बड़े उद्योग का रूप ले चुका है. शहर में ज़्यादातर लोग बोतलबंद पानी के साथ-साथ बोतलबंद जार का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे स्थानीय स्तर पर तैयार किया जाता है. हालांकि इसकी गुणवत्ता के कोई मानक तय नहीं है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, जमशेदपुर में लोगों को पीने के लिए पाइप लाइन में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है. इससे परेशान लोग बोतलबंद पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. लोगों का कहना है कि सप्लाई में गंदा पानी आ रहा है. इसको पीने से लोग बीमार हो रहे हैं.

मानगो, जुगसलाई में पानी सबसे ज्यादा दूषित पानी सप्लाई हो रहा है. लोगों का कहना है कि इस महंगाई के जमाने में आखिर कब तक हम बोतलबंद पानी खरीद के पिएंगे.

Intro:एंकर--मजदूरों की नगरी लौहनगरी में बॉटलबन्द पानी का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है.सरकारी कार्यलयों से लेकर घरों तक लोग बॉटलबन्द पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं.वहीं शहर से सटे कस्बों के लोगों को शुद्ध पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।देखिए एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--लौहनगरी के लोग बॉटलबन्द पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.हाल के दिनों में बॉटलबन्द पानी का धंधा बड़े उद्योग का रूप ले चुका है.शहर में ज़्यादातर लोग बॉटलबन्द पानी के साथ-साथ बॉटलबन्द जार का इस्तेमाल कर रहे हैं.बॉटलबन्द पानी मुख्य रूप से दो तरीके के होते हैं पीने योग्य और दूसरा मिनरल वाटर इसे स्थानीय स्तर पर तैयार भी किया जाता है.एवं इसके गुणवत्ता के कोई मानक तय नहीं है। छोटे बॉटलबन्द पानी की कीमत 12 से लेकर 15 रुपए तक है.एक जार की कीमत 30 रुपए तक कि होती है।वहीं कम्पनी के मुताबिक जार की कीमत 60 रुपए तक कि भी होती है।इनका इस्तेमाल लोग शादी पार्टी एवं घरों में प्रयोग करते हैं।माँग के मुताबिक बोतलों की सप्लाई भी कम हो रही है। बाइट--देवेंद्र कुमार(व्यवसायिक) वीओ2-- पानी संरक्षण को लेकर ईटीवी भारत की मुहीम को लेकर लोगों ने धन्यवाद दिया साथ ही घरों में आने वाला पानी दूषित होने के कारण बीमारियों का शिकार होना पड़ता है.मानगो, जुगसलाई में पानी ज्यादा दूषित है. लोगों को बॉटलबन्द पानी खरीदनी पड़ रही है.वहीं गरीब परिवार के लोगों की आय बॉटलबन्द पानी खरीदने तक नहीं हो पाती है। बाइट--एम०आलम०(स्थानीय निवासी) वीओ3--प्राकृतिक दोहन के साथ पेड़ों की कटाई और अतिक्रमण और नदियों का समतलीकरण,बाँध बनाकर पानि की कमी हुई है.पानी की किल्लत की जवाबदेही लोगों पर है.ऐसी स्थिति में पूँजीपति वर्ग पानी को बॉटलबन्द करके बाज़ार में बेच रहे हैं.सरकार के द्वारा जो कीमत लागू की कई है उससे ज्यादा कई लोग पैसे वसूल रहे हैं। बाइट--वरुण कुमार(रिसर्चर)


Conclusion:बहरहाल बड़े फैक्टरियों के द्वारा नदियों को दूषित करके पूँजीपति वर्ग खुद ही बॉटलबन्द पानी का व्यवसाय कर रहे है
Last Updated : Jun 28, 2019, 7:30 PM IST
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