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चार नटवरलाल चढ़े पुलिस के हत्थे, ठगी कर निकाले गए 7 कार बरामद

जमशेदपुर में अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर गाड़ी का लोन निकाल कर गाड़ी बेचने वाले गिरोह के चार लोगों को गिरफ्पुतार किया गया है. पुलिस ने धोखाधड़ी कर निकाले गए 15 में से सात कार को भी बरामद किया गया है. बता दें कि गिरोह का मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है, जो पूर्व में भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है.

पुलिस गिरफ्त में आरोपी
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Published : May 2, 2019, 5:01 PM IST

जमशेदपुर: अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर गाड़ी का लोन निकाल कर गाड़ी बेचने वाले गिरोह के चार नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरोह के पास से 15 कार में से सात कार को बरामद कर लिया गया है.

पुलिस गिरफ्त में आरोपी

चार लोग गिरफ्तार
अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर कार का लोन निकाल कर कार बेचने वाले गिरोह के चार नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार चारों नटवरलाल परसुडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. जिसका मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है. जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने सात महंगे कार को जमशेदपुर और सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर क्षेत्र से बरामद किया है.

पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी
पूरे मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि परसुडीह थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रेल कर्मचारी द्वारा पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसमें यह कहा गया था बिना लोन लिए ही उनके बैंक अकाउंट से लोन का ईएमआई कटने लगा है.

पोस्ट डेटेड चेक लिया जाता था
रेल कर्मचारी की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान करना शुरू कर दिया. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि फर्जीवाड़ा करने वाले नटवरलाल गिरोह सुनियोजित तरीके से वेतन भोगी वैसे कर्मचारियों की तलाश करते थे जिन्हें पैसे की जरूरत है और उन्हें पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर कागजात पर हस्ताक्षर करवाया जाता था और बदले में पोस्ट डेटेड चेक भी ले लिया जाता था.

गाड़ियों को ओने पौने दाम में बेच दिया जाता था
गिरोह द्वारा लोन लेने वाले कर्मचारी के कागजात के आधार पर अलग-अलग बैंकों से फाइनेंस करा कर चार चक्का वाहन निकाला जाता था. सिटी एसपी ने बताया कि फाइनेंस की गाड़ियों को गिरोह द्वारा दूसरे लोगों को आधे से कम कीमत में बंधक रखा जाता था और कई गाड़ियों को ओने पौने दाम में बेच दिया जाता था.

ये भी पढ़ें- रांची: ट्रैफिक ड्यूटी करने वालों को मिलेगी राहत, अब लगाए जाएंगे AC पोस्ट

पहले भी जेल जा चुका है
इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न गाड़ियों के एजेंसियों के कर्मचारी और अलग-अलग बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है. जिसकी जांच की जा रही है और उन पर भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. गिरोह का मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है, जो पूर्व में भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है.

जमशेदपुर: अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर गाड़ी का लोन निकाल कर गाड़ी बेचने वाले गिरोह के चार नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरोह के पास से 15 कार में से सात कार को बरामद कर लिया गया है.

पुलिस गिरफ्त में आरोपी

चार लोग गिरफ्तार
अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर कार का लोन निकाल कर कार बेचने वाले गिरोह के चार नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार चारों नटवरलाल परसुडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. जिसका मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है. जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने सात महंगे कार को जमशेदपुर और सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर क्षेत्र से बरामद किया है.

पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी
पूरे मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि परसुडीह थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रेल कर्मचारी द्वारा पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसमें यह कहा गया था बिना लोन लिए ही उनके बैंक अकाउंट से लोन का ईएमआई कटने लगा है.

पोस्ट डेटेड चेक लिया जाता था
रेल कर्मचारी की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान करना शुरू कर दिया. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि फर्जीवाड़ा करने वाले नटवरलाल गिरोह सुनियोजित तरीके से वेतन भोगी वैसे कर्मचारियों की तलाश करते थे जिन्हें पैसे की जरूरत है और उन्हें पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर कागजात पर हस्ताक्षर करवाया जाता था और बदले में पोस्ट डेटेड चेक भी ले लिया जाता था.

गाड़ियों को ओने पौने दाम में बेच दिया जाता था
गिरोह द्वारा लोन लेने वाले कर्मचारी के कागजात के आधार पर अलग-अलग बैंकों से फाइनेंस करा कर चार चक्का वाहन निकाला जाता था. सिटी एसपी ने बताया कि फाइनेंस की गाड़ियों को गिरोह द्वारा दूसरे लोगों को आधे से कम कीमत में बंधक रखा जाता था और कई गाड़ियों को ओने पौने दाम में बेच दिया जाता था.

ये भी पढ़ें- रांची: ट्रैफिक ड्यूटी करने वालों को मिलेगी राहत, अब लगाए जाएंगे AC पोस्ट

पहले भी जेल जा चुका है
इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न गाड़ियों के एजेंसियों के कर्मचारी और अलग-अलग बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है. जिसकी जांच की जा रही है और उन पर भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. गिरोह का मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है, जो पूर्व में भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है.

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जमशेदपुर ।

जिला में अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर गाड़ी का लोन निकाल कर गाड़ी बेचने वाले गिरोह के 4 नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी ने बताया है कि पैसे के जरूरतमंद लोगो से पर्सनल लोन के कागजात पर हस्ताक्षर करवा कर धोखाधड़ी से बैंक से बड़े वाहन फाइनेंस करवा कर वाहनों को आधे से कम दामों में बंधक रखने और बेचने वाले गिरोह से 15 में कुल सात महंगे कार बरामद किए गए हैं ।




Body:जमशेदपुर में अवैध ढंग से दूसरे के नाम पर ठगी कर कार का लोन निकाल कर कार बेचने वाले गिरोह के चार नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । गिरफ्तार चारों नटवरलाल परसुडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं । जिसका मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है जिस की निशानदेही पर पुलिस ने सात महंगे कार को जमशेदपुर और सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर क्षेत्र से बरामद किया है ।
पूरे मामले का खुलासा करते हुए सिटी एसपी प्रभात कुमार ने बताया है कि परसुडीह थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रेल कर्मचारी द्वारा पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले की शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें यह कहा गया था बिना लोन लिए ही उनके बैंक अकाउंट से लोन का ईएमआई कटने लगा है।
रेल कर्मचारी की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान करना शुरू कर दिया। अनुसंधान के क्रम में खुलासा हुआ कि फर्जीवाड़ा करने वाले नटवरलाल गिरोह सुनियोजित तरीके से वेतन भोगी वैसे कर्मचारियों की तलाश करते थे जिन्हें पैसे की जरूरत है और उन्हें पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर कागजात पर हस्ताक्षर करवाया जाता था और बदले में पोस्ट डेटेड चेक भी ले लिया जाता था गिरोह द्वारा लोन लेने वाले कर्मचारी के कागजात के आधार पर अलग-अलग बैंकों से फाइनेंस करा कर चार चक्का वाहन निकाला जाता था । सिटी एसपी ने बताया कि फाइनेंस की गाड़ियों को गिरोह द्वारा दूसरे लोगों को आधे से कम कीमत में बंधक रखा जाता था और कई गाड़ियों को ओने पौने दाम में बेच दिया जाता था इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न गाड़ियों के एजेंसियों के कर्मचारी और अलग अलग बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है जिसकी जांच की जा रही है और उन पर भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने बताया है गिरोह द्वारा धोखा धड़ी कर अब तक 15 कार का मामला सामने आया है जिसमें 7 कार को पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्र से बरामद कर लिया है जबकि अन्य कार की जब्ती के लिए छापामारी की जा रही है । गिरोह का मुख्य सरगना बापी दा उर्फ रोहन बोस है जो पूर्व में भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है।


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