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सिर्फ एक महिला थाने के सहारे जमशेदपुर, दुष्कर्म और छेड़छाड़ सहित रोजाना दर्ज हो रहे 8 मामले - दहेह प्रताड़ना

जिले के एक मात्र महिला थाना में हर दिन औसतन आठ से दस पारिवारिक विवाद के मामले आते हैं. इनमें दहेज प्रताड़ना, शादी का झांसा देकर संबंध बनाना, छेड़खानी, पति-पत्नी के बीच तीखी नोकझोंक शामिल हैं.

महिला थाना जमशेदपुर
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Published : May 30, 2019, 7:06 PM IST

जमशेदपुर: जिले के एक मात्र महिला थाना में हर दिन औसतन आठ से दस प्रकरण दहेज प्रथा, महिला के साथ छेड़छाड़, जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने वाले मामले ज्यादातर आ रहे हैं.

जानकारी देती ASI और महिला काउंसलर

हर दिन थाने में कई मामले
पूर्वी सिंहभूम जिले के एकमात्र साकची स्थित महिला थाना में ज्यादातर केस दहेज प्रताड़ना, शादी का झांसा देकर संबंध बनाना, छेड़खानी, पति-पत्नी के बीच तीखी नोकझोंक के मामले ज्यादातर आ रहे हैं.

पिछले सात वर्षों में हुए मामले

वर्ष दहेह प्रताड़ना बलात्कार

  • 2012- 16 4
  • 2013- 6 3
  • 2014- 6 3
  • 2015- 4 1
  • 2016- 14 1
  • 2017- 15 9
  • 2018- 8 8

50 फीसदी से अधिक मामले झूठे
बता दें कि यह रिपोर्ट महिला थाना के द्वारा दी गई है. इसमें सबसे ज्यादा केस दहेज प्रताड़ना और बलात्कार से संबंधित हैं. महिला थाना में फरियादी और पक्षकारों की दलीलें सुनने के लिए रोजाना एक काउंसलर व्यवस्था की गई है. महिला थाने में पति-पत्नी के बीच छुटपुट मामले को लेकर तलाक लेने के मामले भी पहुंच रहे हैं. मामूली गलती पर कई पक्षकारों ने अलग रहने का फैसला ले लिया. ऐसे लोगों को थाने में बुलाकर समझौता कराया जाता है. हर दिन करीब 10 प्रकरण आते हैं, जिसमें 50 फीसदी से अधिक मामले झूठे पाए जाते हैं.

ये भी पढ़ें- रॉन्ग नंबर से परवान चढ़ा प्यार, अब शादी के बाद साथ रखने से कर रहा इनकार

छोटी सी बात पर भी शिकायत
महिला थाने में काउंसलर ने बताया कि आपसी अनबन को लेकर महिलाएं थाने तक आ पहुंचती हैं. घरवालों को डराने के लिए भी थाने का सहारा लेती है. महिलाएं ज्यादातर मायके के पक्ष में रहती हैं. जिससे रिश्तों में खटास पैदा होती है. छोटी सी बात को लेकर महिला थाना तक आ पहुंचती हैं.

जमशेदपुर: जिले के एक मात्र महिला थाना में हर दिन औसतन आठ से दस प्रकरण दहेज प्रथा, महिला के साथ छेड़छाड़, जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने वाले मामले ज्यादातर आ रहे हैं.

जानकारी देती ASI और महिला काउंसलर

हर दिन थाने में कई मामले
पूर्वी सिंहभूम जिले के एकमात्र साकची स्थित महिला थाना में ज्यादातर केस दहेज प्रताड़ना, शादी का झांसा देकर संबंध बनाना, छेड़खानी, पति-पत्नी के बीच तीखी नोकझोंक के मामले ज्यादातर आ रहे हैं.

पिछले सात वर्षों में हुए मामले

वर्ष दहेह प्रताड़ना बलात्कार

  • 2012- 16 4
  • 2013- 6 3
  • 2014- 6 3
  • 2015- 4 1
  • 2016- 14 1
  • 2017- 15 9
  • 2018- 8 8

50 फीसदी से अधिक मामले झूठे
बता दें कि यह रिपोर्ट महिला थाना के द्वारा दी गई है. इसमें सबसे ज्यादा केस दहेज प्रताड़ना और बलात्कार से संबंधित हैं. महिला थाना में फरियादी और पक्षकारों की दलीलें सुनने के लिए रोजाना एक काउंसलर व्यवस्था की गई है. महिला थाने में पति-पत्नी के बीच छुटपुट मामले को लेकर तलाक लेने के मामले भी पहुंच रहे हैं. मामूली गलती पर कई पक्षकारों ने अलग रहने का फैसला ले लिया. ऐसे लोगों को थाने में बुलाकर समझौता कराया जाता है. हर दिन करीब 10 प्रकरण आते हैं, जिसमें 50 फीसदी से अधिक मामले झूठे पाए जाते हैं.

ये भी पढ़ें- रॉन्ग नंबर से परवान चढ़ा प्यार, अब शादी के बाद साथ रखने से कर रहा इनकार

छोटी सी बात पर भी शिकायत
महिला थाने में काउंसलर ने बताया कि आपसी अनबन को लेकर महिलाएं थाने तक आ पहुंचती हैं. घरवालों को डराने के लिए भी थाने का सहारा लेती है. महिलाएं ज्यादातर मायके के पक्ष में रहती हैं. जिससे रिश्तों में खटास पैदा होती है. छोटी सी बात को लेकर महिला थाना तक आ पहुंचती हैं.

Intro:एंकर--जिले के एक मात्र महिला थाना में हर दिन औसतन आठ से दस प्रकरण दहेज प्रथा,महिला के साथ छेड़-छाड़,जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने वाले मामले ज्यादातर आ रहे हैं।एक रिपोर्ट


Body:वीओ1-- पूर्वी सिंहभूम जिले के एकमात्र साकची स्थित महिला थाना में ज्यादातर केस दहेज प्रताड़ना,शादी का झांसा देकर सम्बंध बनाना,छेड़खानी,पति-पत्नी के बीच तीखी नोकझोंक के मामले ज्यादातर आ रहे हैं।
वर्ष- दहेह प्रताड़ना-- बलात्कार--
2012-- 16 4
2013- 6 3
2014- 6 3
2015- 4 1
2016- 14 1
2017- 15 09
2018- 08 08
नोट--यह रिपोर्ट महिला थाना के द्वारा दी गई है।इसमें सबसे ज्यादा केस दहेज प्रताड़ना,और बलात्कार से संबंधित मामले आते हैं।वहीं महिला थाना में फरियादी और पक्षकारों की दलीलें सुनने के लिए रोजाना एक काउंसलर व्यवस्था की गई है। महिला थाने में पति-पत्नी के बीच छुटपुट मामले को लेकर तलाक लेने के मामले भी पहुंच रहे हैं मामूली गलती पर कई पक्षकारों ने अलग रहने का फैसला ले लिया ऐसे लोगों को थाने में बुलाकर समझौता कराया जाता है ।हर दिन करीब 10 प्रकरण आते हैं जिसमें 50 फीसदी से अधिक मामले झूठे पाए जाते हैं।
हर दिन सास-बहू से से संबंधित झगड़े हर दिन औसतन दस मामले आते हैं।जिसमें जाँच करने के बाद काउंसलिंग के लिए भेज दिया जाता है.आए दिन यह भी देखा जा रहा है कि ज्यादातर मामले झूठ होते हैं।
बाइट--प्रमिला कुमारी(महिला थाना में कार्यरत)
वीओ2---महिला थाने में काउंसलिंग करता ने बताया कि आपसी अनबन को लेकर महिलाएं थाने तक आ पहुंचती हैं.घर वालों को डराने के लिए भी थाने का सहारा लेती है।महिलाएं ज्यादातर मायके के पक्ष में रहती है.जिससे रिश्तों में खटास पैदा होती है।छोटी- सी बात को लेकर महिला थाना तक आ पहुंचती हैं।
बाइट-- प्रीति कुमारी(महिला काउंसलर)







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