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जमशेदपुर: मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान का सम्मान समारोह, मैथिली भाषा की पढ़ाई पर हुई चर्चा - ईटीवी भारत झारखंड

जमशेदपुर में रविवार को शहर के होटल में छठे सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. जहां मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के द्वारा, कोल्हान विश्वविद्यालय में पीजी में मैथिली की पढ़ाई को शालिल करने की बात कही. साथ ही अभियानियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए.

मिथिालक्षर साक्षरता अभियान का सम्मान समारोह
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Published : Jul 29, 2019, 11:58 AM IST

जमशेदपुर: जिले में रविवार को मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के छठे सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस सम्मान समारोह का उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती ने किया. कुलपति ने इस कार्यक्रम में उपस्थित मैथिली जनों का आह्वान किया ताकि पीजी में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू की जा सके.

देखें पूरी खबर


इस मौके पर, समारोह में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 274 मिथिलाक्षर प्रवीण उपाधि अर्जित करने वाले अभियानियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए. साथ ही इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अभियानियों को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित भी किया गया.


वहीं, कार्यक्रम में पंकज कुमार कर्ण और कृष्ण कांत झा को उत्कृष्ट मार्गदर्शन सम्मान से सम्मानित किया गया. जबकि कार्यक्रम के बेहतर आयोजन के लिए पंकज कुमार राय एवं विक्रमादित्य सिंह को विशेष सम्मान से नवाजा गया.


कुलपति डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय में जल्द ही पीजी में मैथिली की पढ़ाई को भी शालिल किया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन तत्पर है और अपने स्तर से तैयारियां भी शुरु कर दी है. साथ ही कुलपति नें बताया कि बहुत ही कम समय में एक लाख से अधिक की संख्या में मिथिलाक्षर से शाक्षरों की टीम खड़ा किया जाना एक शुभ संकेत है.

ये भी देखें- जमशेदपुर: काले कपड़े और लंबी टोपी वाले जादूगरों की संख्या में हो रही है कमी


इस दौरान वियाडा की क्षेत्रीय उपनिदेशक रंजना मिश्रा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में मैथिली की मान सम्मान की बात हो रही है वहीं बिहार में इस दिशा में बरती जा रही कोताही एक नए आंदोलन का संकेत दे रही है.

जमशेदपुर: जिले में रविवार को मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के छठे सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस सम्मान समारोह का उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती ने किया. कुलपति ने इस कार्यक्रम में उपस्थित मैथिली जनों का आह्वान किया ताकि पीजी में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू की जा सके.

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इस मौके पर, समारोह में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 274 मिथिलाक्षर प्रवीण उपाधि अर्जित करने वाले अभियानियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए. साथ ही इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अभियानियों को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित भी किया गया.


वहीं, कार्यक्रम में पंकज कुमार कर्ण और कृष्ण कांत झा को उत्कृष्ट मार्गदर्शन सम्मान से सम्मानित किया गया. जबकि कार्यक्रम के बेहतर आयोजन के लिए पंकज कुमार राय एवं विक्रमादित्य सिंह को विशेष सम्मान से नवाजा गया.


कुलपति डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय में जल्द ही पीजी में मैथिली की पढ़ाई को भी शालिल किया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन तत्पर है और अपने स्तर से तैयारियां भी शुरु कर दी है. साथ ही कुलपति नें बताया कि बहुत ही कम समय में एक लाख से अधिक की संख्या में मिथिलाक्षर से शाक्षरों की टीम खड़ा किया जाना एक शुभ संकेत है.

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इस दौरान वियाडा की क्षेत्रीय उपनिदेशक रंजना मिश्रा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में मैथिली की मान सम्मान की बात हो रही है वहीं बिहार में इस दिशा में बरती जा रही कोताही एक नए आंदोलन का संकेत दे रही है.

Intro:जमशेदपुर । मिथिला की धरोहर लिपि मिथिला अक्षर की साक्षरता को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प मिथिला साक्षरता अभियान की जितनी भी तारीफ की जाए कम है ।अभियान से बड़ी संख्या में महिलाओं का जुड़ना इसकी खासियत है जो इस बात का स्पष्ट संकेत देती है कि वह अपने नैनिहालो को इस धरोहर लिपि को सशक्त बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से लगी होगी। उक्त बातें कोल्हान विश्वविद्यालय की वीसी डॉ शुक्ला मोहंती ने शहर मे एक होटल में आयोजित मिथिलक्षर साक्षरता अभियान के छठे सम्मान समारोह का उद्घाटन करते हुए कही। डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने कहा कि बहुत ही कम समय में 100000 से अधिक की संख्या में मिथिला अक्षर से अक्षरों की टीम खड़ा किया जाना एक शुभ संकेत है उन्होंने कहा कि कोई अपनी भाषा में बेहतर तो सकते हैं तो उसे अपनी लिपि के प्रति भी नमक तो होनी चाहिए अपने संबोधन में उन्होंने समारोह में उपस्थित मैथिली जनों को आह्वान किया कि वह भी पीजी में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू किया जाने का प्रस्ताव लाए ताकि उन्हें कोल्हान विश्वविद्यालय में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली की पढ़ाई पीजी की कक्षा में शुरू किए जाने में सहूलियत हो।


Body:कार्यक्रम में अपना विचार रखते हुए मिथिलक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक एवं नासिक से प्रकाशित मासिक पत्रिका मैथिली पूर्ण जागरण प्रकाश के संपादक पंडित अजय नाथ झा शास्त्री ने मिथिला क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा में संविधान की आठवीं सूची में शामिल मैथिली भाषा को विषय के रूप में पढ़ाई से वंचित किए जाने के सरकार के कदम की निंदा की ।उन्होंने कहा कि झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में मैथिली की मान सम्मान की बात हो रही है वहीं बिहार में इस दिशा में बरती जा रही कोताही एक नए आंदोलन का संकेत दे रही है।


Conclusion:इस दौरान वियाडा की क्षेत्रीय उपनिदेशक रंजना मिश्रा ने भी अपने विचार रखी। समारोह में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 274 मिथिला अक्षर प्रवीण उपाधि अर्जित करने वाले अभियानियो को प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं जबकि अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अभियानियो को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पंकज कुमार करण एवं कृष्ण कांत झा को उत्कृष्ट मार्गदर्शन सम्मान से सम्मानित किया गया। जबकि कार्यक्रम के बेहतर आयोजन के लिए पंकज कुमार राय एवं विक्रमादित्य सिंह को विशेष सम्मान से नवाजा गया।
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