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सरकार की संवेदनहीनता से झारखंड में बंद हुई आयुष्मान योजना- कुणाल षाडंगी

बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा सरकार की संवेदनहीनता के कारण झारखंड में आयुष्मान योजना बंद है. निजी अस्पताल गरीब मरीजों को इलाज करना बंद कर दिया है. इसकी वजह है कि राज्य सरकार ने प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया है.

BJP spokesperson Kunal Shadangi
आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का इलाज बंद
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Published : Jul 19, 2022, 10:30 AM IST

Updated : Jul 19, 2022, 10:59 AM IST

जमशेदपुरः राज्य के निजी अस्पतालों में गरीबों का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह है कि राज्य सरकार निजी अस्पतालों के बकाया करोड़ों रुपये की भुगतान नहीं कर रही है. उक्त बातें झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने कहा. उन्होंने कहा कि मामले में राज्य सरकार शीघ्र संवेदनशीलता नहीं दिखाई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.

यह भी पढ़ेंः181 सेवा बंद किए जाने पर भाजपा ने उठाया सवाल, सरकार से किया फैसला वापस लेने की मांग

बीजेपी नेता कुणाल षाडंगी ने कहा कि पिछले कई महीनों से राज्य सरकार की ओर से बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे जमशेदपुर में ब्रह्मानंद, मेड्रिटिना सहित राज्य के अधिकतर निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है. सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि दर्जनों गरीब परिवार आयुष्मान भारत योजना से इलाज की आस में निजी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन कहीं उनका इलाज नहीं हो रहा है. राज्य सरकार के संवेदनहीनता के कारण मरीजों के साथ हो रहा व्यवहार बहुत ही दुःखद है. उन्होंने कहा कि हृदय रोग से संबंधित स्टेंट और अन्य उपकरण की सप्लाई भी कंपनियों ने भुगतान नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गरीब जनता के जान से खिलवाड़ कर रही है. झारखंड के मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिये किसी दूसरे राज्यों में नहीं जा सकते है. इस स्थिति में जरूरतमंद मरीज किनके पास जाये. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर भी हमला बोलते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं पार हो चुकी है. हर मामले में केंद्र सरकार को कोसने की मानसिकता लिए स्वास्थ्य मंत्री अब क्यों मौन धारण किये है. कुणाल षाडंगी ने कहा कि एक ओर राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं ध्वस्त हो रही है तो दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री महंगे कार की सवारी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत उपयोग के लिए लैंड रोवर, मर्सिडीज बेंज, फॉर्च्यूनर और मंत्रियों के लिए लग्जरी कार और करोड़ों के आलीशान बंगले बनवा रही है. वहीं, राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को कर्ज लेकर इलाज करावाने को विवश है.

इस योजना के तहत मरीजों के इलाज पर होने वाली खर्च का भुगतान इंश्योरेंस कंपनियां और सरकार के साथ हुए इकरारनामा के आधार पर करती हैं. झारखंड में इंश्योरेंस कंपनी के साथ सरकार का यह करार 22 सितंबर 2021 को ही खत्म हो गया है. इससे राज्य में आयुष्मान योजना के 57 लाख लाभुक परिवारों की पॉलिसी लैप्स हो गयी है. हालांकि, इकरारनामा की अवधि बढ़ाकर फरवरी 22 तक किया गया. लेकिन इस अवधि के प्रीमियम का भुगतान नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में 770 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध हैं, जिनमें 549 प्राईवेट और 221 सरकारी अस्पताल शामिल हैं. इसके अतिरिक्त 55 भारत सरकार के अस्पताल भी सूचीबद्ध हैं.

जमशेदपुरः राज्य के निजी अस्पतालों में गरीबों का आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह है कि राज्य सरकार निजी अस्पतालों के बकाया करोड़ों रुपये की भुगतान नहीं कर रही है. उक्त बातें झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने कहा. उन्होंने कहा कि मामले में राज्य सरकार शीघ्र संवेदनशीलता नहीं दिखाई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.

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बीजेपी नेता कुणाल षाडंगी ने कहा कि पिछले कई महीनों से राज्य सरकार की ओर से बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इससे जमशेदपुर में ब्रह्मानंद, मेड्रिटिना सहित राज्य के अधिकतर निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है. सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि दर्जनों गरीब परिवार आयुष्मान भारत योजना से इलाज की आस में निजी अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन कहीं उनका इलाज नहीं हो रहा है. राज्य सरकार के संवेदनहीनता के कारण मरीजों के साथ हो रहा व्यवहार बहुत ही दुःखद है. उन्होंने कहा कि हृदय रोग से संबंधित स्टेंट और अन्य उपकरण की सप्लाई भी कंपनियों ने भुगतान नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गरीब जनता के जान से खिलवाड़ कर रही है. झारखंड के मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिये किसी दूसरे राज्यों में नहीं जा सकते है. इस स्थिति में जरूरतमंद मरीज किनके पास जाये. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर भी हमला बोलते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं पार हो चुकी है. हर मामले में केंद्र सरकार को कोसने की मानसिकता लिए स्वास्थ्य मंत्री अब क्यों मौन धारण किये है. कुणाल षाडंगी ने कहा कि एक ओर राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं ध्वस्त हो रही है तो दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री महंगे कार की सवारी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत उपयोग के लिए लैंड रोवर, मर्सिडीज बेंज, फॉर्च्यूनर और मंत्रियों के लिए लग्जरी कार और करोड़ों के आलीशान बंगले बनवा रही है. वहीं, राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को कर्ज लेकर इलाज करावाने को विवश है.

इस योजना के तहत मरीजों के इलाज पर होने वाली खर्च का भुगतान इंश्योरेंस कंपनियां और सरकार के साथ हुए इकरारनामा के आधार पर करती हैं. झारखंड में इंश्योरेंस कंपनी के साथ सरकार का यह करार 22 सितंबर 2021 को ही खत्म हो गया है. इससे राज्य में आयुष्मान योजना के 57 लाख लाभुक परिवारों की पॉलिसी लैप्स हो गयी है. हालांकि, इकरारनामा की अवधि बढ़ाकर फरवरी 22 तक किया गया. लेकिन इस अवधि के प्रीमियम का भुगतान नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में 770 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध हैं, जिनमें 549 प्राईवेट और 221 सरकारी अस्पताल शामिल हैं. इसके अतिरिक्त 55 भारत सरकार के अस्पताल भी सूचीबद्ध हैं.

Last Updated : Jul 19, 2022, 10:59 AM IST
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