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निपाह वायरस को लेकर जमशेदपुर में अलर्ट जारी, डॉक्टरों ने बचाव के दिए टिप्स

निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है. संक्रमण होने के 24 से 48 घंटे में व्यक्ति कोमा में जा सकता है. निपाह की जद में जो भी व्यक्ति आता है, उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ ही सिर में दर्द और तेज बुखार हो जाता है. निपास वायरस से सबसे पहले मलेशिया में साल 1998 में करीब 250 लोग बीमार पड़े थे. इसमें करीब 98 लोगों की मौत हो गई.

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Published : Jun 10, 2019, 3:00 PM IST

जमशेदपुर: केरल में मानसून के साथ ही दिमागी बुखार ने भी दस्तक दे दी है. हालांकि लौहनगरी में इससे संबंधित अभी तक एक भी मरीज नहीं मिले हैं. फिलहाल एहतियातन जमशेदपुर में इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

निपाह वायरस जानवरों की लार के द्वारा काफी तेजी से फैलता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस के जरिए फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो निपाह वायरस तेजी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

गौरतलब है कि निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है. संक्रमण होने के 24 से 48 घंटे में व्यक्ति कोमा में जा सकता है. निपाह की जद में जो भी व्यक्ति आता है, उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ ही सिर में दर्द और तेज बुखार हो जाता है. निपास वायरस से सबसे पहले मलेशिया में साल 1998 में करीब 250 लोग बीमार पड़े थे. इसमें करीब 98 लोगों की मौत हो गई.

सदर अस्पताल के सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद ने निपाह वायरस से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि किसी का भी झूठा नहीं खाएं. बाजार में कटे और खुले फल ना खाएं. उन्होंने कहा कि निपाह वायरस के लक्षण मिलते ही तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.

जमशेदपुर: केरल में मानसून के साथ ही दिमागी बुखार ने भी दस्तक दे दी है. हालांकि लौहनगरी में इससे संबंधित अभी तक एक भी मरीज नहीं मिले हैं. फिलहाल एहतियातन जमशेदपुर में इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

निपाह वायरस जानवरों की लार के द्वारा काफी तेजी से फैलता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस के जरिए फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो निपाह वायरस तेजी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

गौरतलब है कि निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है. संक्रमण होने के 24 से 48 घंटे में व्यक्ति कोमा में जा सकता है. निपाह की जद में जो भी व्यक्ति आता है, उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ ही सिर में दर्द और तेज बुखार हो जाता है. निपास वायरस से सबसे पहले मलेशिया में साल 1998 में करीब 250 लोग बीमार पड़े थे. इसमें करीब 98 लोगों की मौत हो गई.

सदर अस्पताल के सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद ने निपाह वायरस से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि किसी का भी झूठा नहीं खाएं. बाजार में कटे और खुले फल ना खाएं. उन्होंने कहा कि निपाह वायरस के लक्षण मिलते ही तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.

Intro:एंकर--दिमागी बुखार यानी निपाह वायरस को लेकर आर्थिक नगरी लौहनगरी में हाई अलर्ट किया गया है।झूठे फल खाने से बचे .पेश है एक रिपोर्ट ।


Body:वीओ1--केरल में मानसून की दस्तक के साथ ही दिमागी बुखार ने पैर फैलाना शुरू कर दिया है.लौहनगरी में इससे संबंधित अभी तक एक भी मरीज नहीं मिले हैं.पर शहर में इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
निपाह वायरस जानवरों से जिसमें सूअरों, चमगादड़ओं के लार के द्वारा तेजी से फैलता है.यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में साँस के जरिए फैलता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो निपाह वायरस तेजी से उभरता वायरस है,जो जानवरों और लोगों के लिए भी खतरनाक है.
बाइट--डॉक्टर महेश्वर प्रसाद(सिविल सर्जन सदर अस्पताल)
वीओ2--बता दें कि निपाह एक तरह का दिमागी बुखार है।जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है संक्रमण होने के 24-से 48 घंटे के भीतर व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देता है। निपाह की जद में जो भी व्यक्ति आता है उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में दर्द और तेज बुखार हो जाती है। सबसे पहले मलेशिया में 1998 में सबसे पहले निपाह वायरस से 250 से अधिक लोग बीमार पड़े थें. जिसमें 98 लोगों की मौत हो गई थी.
सावधानी बरतें--जूठा फल नहीं खाएँ. बाजार में कटे और खुले फल ना खाएँ. संक्रमित पशु सुअर के संपर्क में ना आएँ. निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.ऐसी जगहों पर ना जाएँ जहां चमगादड़ों का आना जाना लगा रहता हो।फलों को पानी में धोकर खाएँ।
बाइट--बाइट--डॉक्टर महेश्वर प्रसाद(सिविल सर्जन सदर अस्पताल)
वीओ3--


Conclusion:बहरहाल ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से अपील करती है.इस गंभीर बीमारी से सावधान रहें.रेगुलर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
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