हजारीबाग: महिला सशक्तिकरण को लेकर हमने कई उदाहरण देखे हैं लेकिन इन सबसे अलग हजारीबाग की महिलाओं ने खुद को सशक्त करने के लिए कंपनी बना डाली. इन महिलाओं में ज्यादातर अनपढ़ हैं या बहुत कम पढ़ी लिखी हैं. इसके बावजूद साल 2019-20 के दौरान इनका टर्नओवर 1 करोड़ 10 लाख रुपए रहा और इस वित्तीय वर्ष के लिए इन्होंने 5 करोड़ रुपए टर्नओवर का लक्ष्य रखा है.
महिलाओं की इस कंपनी का नाम है चूरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड. ये कंपनी मुख्य रूप से कृषि और कृषि से जुड़ी गतिविधियों के कारोबार से जुड़ी है. ये कंपनी किसानों को आर्थिक मदद देती है. इससे करीब 7000 महिलाएं जुड़ी हैं, जिनमें 1808 महिलाएं अंशधारक हैं.
किसानों को लखपति बनाने का लक्ष्य
चूरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की अध्यक्ष सुमित्रा देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका लक्ष्य जिले के छोटे-मोटे किसानों को लखपति बनाने का है. ये कंपनी महिला किसानों को बिना ब्याज के रुपए देती है. खेती के लिए नई तकनीक मुहैया करवाती है. इसके साथ ही सर्टिफाइड बीड और खाद भी उपलब्ध करवाती है. किसानों को बाजार का टेंशन लेने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि कंपनी खुद ही सारा उत्पाद खरीदकर उसे बाजार तक ले जाती है. कंपनी होने की वजह से मंडी में मोलभाव की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे ज्यादा फायदा होता है.
किसानों को कैसे होता है फायदा
इस कंपनी से जुड़ने के लिए महिला किसानों को सौ रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद एक हजार रुपए देकर कंपनी का अंशधारक बनना पड़ता है. इस प्रक्रिया के बाद कंपनी किसान को व्यापार के लिए बिना किसी ब्याज के रकम मुहैया कराती है. किसान इसका इस्तेमाल खेती, मछली पालन और पशुपालन में करते हैं. इससे प्राप्त उत्पाद को कंपनी इक्ट्ठा कर मंडी में बेच देती है. बाद में किसान कर्ज की रकम वापस कर पूरा लाभ अपने पास रखता है. इसके साथ ही साल के आखिर में कंपनी अपने फायदे से सभी अंशधारकों में हिस्सा बांटती है.
कैसे आया कंपनी बनाने का विचार
हजारीबाग में चूरचू नारी ऊर्जा महासंघ नाम का एक महिलाओं का समूह था. 6 जून 2018 को इसका नाम बदलकर चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी कर दिया गया और कंपनी एक्ट के तहत इसका रजिट्रेशन रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, झारखंड में करवाया गया. इस कंपनी को सिम्मी टाटा ट्रस्ट एवं सपोर्ट के माध्यम से खड़ा किया गया है. कंपनी का एकमात्र उद्देश्य किसानों को लखपति बनाकर उनका जीवन स्तर ऊंचा करना है.
कंपनी का लेखा-जोखा
कंपनी के सीओ शिवनाथ चटर्जी ने कहा कि मौजूदा समय में शेयर के जरिए 14 लाख 23 हजार रुपए जमा हुए हैं. मार्केटिंग एक्सपर्ट अजीत ने बताया कि 2019-20 में फूल गोभी, पत्ता गोभी, मिर्च, बैगन और धान बेचकर 1 करोड़ 10 लाख रुपए का कारोबार हुआ है. इस साल 5 करोड़ रुपए टर्नओवर का लक्ष्य रखा है. सीनी टाटा ट्रस्ट जोहार एवं जेएसएलपीएल, बेयर, सोशल अल्फा और सेल्को फाउंडेशन इस कंपनी को अपना सहयोग दे रहा है. फिलहाल इससे 45 उद्यमी किसान, 13 पॉलीहाउस, 13 सुअर पालन, 4 मछली पालन, 3 बकरी पालन और 11 लाह से जुड़े किसान काम कर रहे हैं. इनके उत्पाद को लोकल मंडी के अलावा बंगाल और बिहार भी भेजा जा रहा है.
इस कंपनी से जुड़ी महिला किसानों का कहना है कि पहले उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन अब आर्थिक मदद के साथ तकनीकी सुविधा भी मिलती है, उनका उत्पाद भी बाहर की मंडियों में अच्छी कीमतों पर बिक रहा है. महिलाओं के उत्साह को देखते हुए हजारीबाग बाजार समिति के पदाधिकारी भी कहते हैं कि महिलाओं ने बेजोड़ काम किया है. आज कंपनी बनाकर सिर्फ किसानों को सशक्त ही नहीं कर रही हैं बल्कि यह संदेश दे रही हैं कि सकारात्मक सोच के साथ काम किया जाए तो कामयाबी कदम चूमती है.
जिले की अनपढ़ महिला किसानों ने जो कर दिखाया है, वो किसी मंझे हुए व्यवसाई की सोच से कम नहीं है. बिना किसी मैनेजमेंट की डिग्री लिए ये महिलाएं आज घर के साथ कंपनी भी संभाल रही हैं. ऐसी महिलाएं किसी मिसाल से कम नहीं, जो खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ देश के आर्थिक विकास में भी सहयोग कर रही हैं.