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एक लाख की इनामी नक्सली उषा किस्कु सहित तीन ने किया सरेंडर, जानिए किन वारदातों को दिया था अंजाम

हजारीबाग पुलिस(Hazaribagh Police) को आज एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस के सामने आज तीन नक्सलियों ने सरेंडर(Three Naxalites have surrendered) कर दिया है. इनमें से एक के ऊपर झारखंड सरकार(Jharkhand government) ने एक लाख का इनाम भी घोषित किया था.

Three Naxalites have surrendered
Three Naxalites have surrendered
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Published : Jul 8, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 5:06 PM IST

हजारीबाग: झारखंड पुलिस(Jharkhand Police) के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. तीन नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. जिनमें 2 महिला और एक पुरुष शामिल हैं. हजारीबाग एसपी कार्तिक एस, उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद और सीआरपीएफ 22 बटालियन के पदाधिकारियों के सामने इन लोगों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें से एक है कुख्यात उषा किस्कु. उषा काफी छोटी उम्र में ही नक्सली संगठन जुड़ गई थी और एरिया कमांडर के पद तक पहुंच चुकी थी. इसके ऊपर सरकार ने एक लाख का इनाम भी घोषित किया था.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग: नक्सली पोस्टर से मयातू गांव में दहशत, नक्सलियों ने मांगी है 5 लाख लेवी


कुख्यात नक्सली उषा पर एक लाख का था इनाम
हजारीबाग पुलिस(Hazaribagh Police) और सीआरपीएफ 22 बटालियन(CRPF 22 Battalion) हजारीबाग नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चला रही है अब उसका फायदा दिख रहा है. लगातार छापेमारी और अभियान से परेशान होकर तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमे दो महिला नक्सली उषा किस्कु को सीता सोरेन और नागेश्वर गंझु शामिल हैं. उषा किस्कू उर्फ उषा संथाली उर्फ फुलमनी वर्ष 2009 से सक्रिय माओवादी रही. झारखंड के विभिन्न जिलों में दर्जनों नक्सल कांड में सक्रिय रूप से शामिल रही. उषा 2011 में झुमरा में मुठभेड़, 2012 में लातेहार में मुठभेड़, जुलाई 2018 में घाघरा डैम थाना केरेडारी में ट्रैक्टर और मिक्सर मशीन को जलाने में भी शामिल थी. इनके ऊपर झारखंड सरकार(Jharkhand government) ने ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था. नक्सली विचारधारा से मोहभंग होने के बाद ये हजारीबाग पुलिस(Hazaribagh Police) के संपर्क में आई जिसके बाद इन्हें मुख्यधारा में जोड़ा गया.

हजारीबाग एसपी कार्तिक एस के साथ संवाददात गौरव कुमार
2015 से सक्रिय थी नक्सली सीता सोरेन

सीता सोरेन उर्फ ममता संथाली 2015 से सक्रिय माओवादी सदस्य रही और हजारीबाग, चतरा, बोकारो के विभिन्न नक्सली कांड में शामिल रही. सीता नक्सल कमांडो के दुर्व्यवहार और शोषण से तंग आ गई थी. इसके अलावा ये झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित हुई और हजारीबाग एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं, तीसरा नक्सली नागेश्वर गंझु है जो 2018 से माओवादी संगठन से जुड़ा और इसके बाद कई नक्सली घटना में इनकी संलिप्तता रही है हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के ये मूल निवासी हैं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: मौत का खौफ: 'संजीवनी' की तलाश में जंगल-जंगल भटक रहा लाल आतंक

माओवाद अब कोई विचारधारा नहीं, संगठन अपराध में लिप्त

हजारीबाग एसपी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान करके बताया कि संगठन में माओवाद अब कोई विचारधारा नहीं रहा. यह अपराधिक घटनाओं में लिप्त रहते हैं. अपने नीचे के कैडर के लोगों को परेशान और शोषण करते हैं. ऐसे में उन्होंने अपील भी की है कि नक्सली मुख्यधारा से जुड़े अन्यथा खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें. आत्मसमर्पण के दौरान हजारीबाग एसपी के द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि किस तरह से नक्सली शोषण करते हैं. सरकार के द्वारा नई आत्मसमर्पण नीति के कई लाभ हैं. वैसे लोग जो मुख्यधारा से भटक गए हैं वह इस आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में लौट सकते हैं. जिन्हें सरकार पुर्णवास नीति के तहत लाभ भी देगी.

Three Naxalites have surrendered
आत्मसमर्पण करता नक्सली
सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर नक्सली मुख्य धारा में लौटेंकार्यक्रम में हजारीबाग उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने भी कहा कि नक्सली गांव के बच्चे को ले जाते हैं. जिससे उनका विकास रुक जाता है. जब बच्चे को स्कूल में पढ़ाई की जरूरत होती है तब उन्हें हथियार उठाने पर मजबूर किया जाता है. ऐसे में ग्रामीण और आम जनता को भी सजग रहने की जरूरत है. सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसका लाभ गांव के बच्चों को दिया जा सकता है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वैसे लोग जो मुख्यधारा से भटक गए हैं वह सरकार के नई आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं. मुख्यधारा में जुटे देश और समाज के विकास में अपना सौभाग्य सुनिश्चित करें.
Three Naxalites have surrendered
आत्मसमर्पण करती नक्सली

हजारीबाग: झारखंड पुलिस(Jharkhand Police) के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. तीन नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. जिनमें 2 महिला और एक पुरुष शामिल हैं. हजारीबाग एसपी कार्तिक एस, उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद और सीआरपीएफ 22 बटालियन के पदाधिकारियों के सामने इन लोगों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें से एक है कुख्यात उषा किस्कु. उषा काफी छोटी उम्र में ही नक्सली संगठन जुड़ गई थी और एरिया कमांडर के पद तक पहुंच चुकी थी. इसके ऊपर सरकार ने एक लाख का इनाम भी घोषित किया था.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग: नक्सली पोस्टर से मयातू गांव में दहशत, नक्सलियों ने मांगी है 5 लाख लेवी


कुख्यात नक्सली उषा पर एक लाख का था इनाम
हजारीबाग पुलिस(Hazaribagh Police) और सीआरपीएफ 22 बटालियन(CRPF 22 Battalion) हजारीबाग नक्सलियों के खिलाफ जो अभियान चला रही है अब उसका फायदा दिख रहा है. लगातार छापेमारी और अभियान से परेशान होकर तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमे दो महिला नक्सली उषा किस्कु को सीता सोरेन और नागेश्वर गंझु शामिल हैं. उषा किस्कू उर्फ उषा संथाली उर्फ फुलमनी वर्ष 2009 से सक्रिय माओवादी रही. झारखंड के विभिन्न जिलों में दर्जनों नक्सल कांड में सक्रिय रूप से शामिल रही. उषा 2011 में झुमरा में मुठभेड़, 2012 में लातेहार में मुठभेड़, जुलाई 2018 में घाघरा डैम थाना केरेडारी में ट्रैक्टर और मिक्सर मशीन को जलाने में भी शामिल थी. इनके ऊपर झारखंड सरकार(Jharkhand government) ने ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था. नक्सली विचारधारा से मोहभंग होने के बाद ये हजारीबाग पुलिस(Hazaribagh Police) के संपर्क में आई जिसके बाद इन्हें मुख्यधारा में जोड़ा गया.

हजारीबाग एसपी कार्तिक एस के साथ संवाददात गौरव कुमार
2015 से सक्रिय थी नक्सली सीता सोरेन

सीता सोरेन उर्फ ममता संथाली 2015 से सक्रिय माओवादी सदस्य रही और हजारीबाग, चतरा, बोकारो के विभिन्न नक्सली कांड में शामिल रही. सीता नक्सल कमांडो के दुर्व्यवहार और शोषण से तंग आ गई थी. इसके अलावा ये झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित हुई और हजारीबाग एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं, तीसरा नक्सली नागेश्वर गंझु है जो 2018 से माओवादी संगठन से जुड़ा और इसके बाद कई नक्सली घटना में इनकी संलिप्तता रही है हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के ये मूल निवासी हैं.

देखें वीडियो

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माओवाद अब कोई विचारधारा नहीं, संगठन अपराध में लिप्त

हजारीबाग एसपी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान करके बताया कि संगठन में माओवाद अब कोई विचारधारा नहीं रहा. यह अपराधिक घटनाओं में लिप्त रहते हैं. अपने नीचे के कैडर के लोगों को परेशान और शोषण करते हैं. ऐसे में उन्होंने अपील भी की है कि नक्सली मुख्यधारा से जुड़े अन्यथा खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें. आत्मसमर्पण के दौरान हजारीबाग एसपी के द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि किस तरह से नक्सली शोषण करते हैं. सरकार के द्वारा नई आत्मसमर्पण नीति के कई लाभ हैं. वैसे लोग जो मुख्यधारा से भटक गए हैं वह इस आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में लौट सकते हैं. जिन्हें सरकार पुर्णवास नीति के तहत लाभ भी देगी.

Three Naxalites have surrendered
आत्मसमर्पण करता नक्सली
सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर नक्सली मुख्य धारा में लौटेंकार्यक्रम में हजारीबाग उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने भी कहा कि नक्सली गांव के बच्चे को ले जाते हैं. जिससे उनका विकास रुक जाता है. जब बच्चे को स्कूल में पढ़ाई की जरूरत होती है तब उन्हें हथियार उठाने पर मजबूर किया जाता है. ऐसे में ग्रामीण और आम जनता को भी सजग रहने की जरूरत है. सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसका लाभ गांव के बच्चों को दिया जा सकता है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वैसे लोग जो मुख्यधारा से भटक गए हैं वह सरकार के नई आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं. मुख्यधारा में जुटे देश और समाज के विकास में अपना सौभाग्य सुनिश्चित करें.
Three Naxalites have surrendered
आत्मसमर्पण करती नक्सली
Last Updated : Jul 8, 2021, 5:06 PM IST
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