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कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं की ऊंची उड़ान, ISRO भ्रमण कर साझा किया अनुभव

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Published : Jul 14, 2019, 8:43 AM IST

कस्तूरबा विद्यालय की तीन छात्राओं ने इसरो भ्रमण करने के बाद अपने-अपने स्कूल की छात्राओं के बीच विज्ञान के अनुभव को साझा किया.

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हजारीबाग: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा झारखंड में बुलंद होता नजर आ रहा है. झारखंड की तीन बेटियों ने इसरो में जाकर विज्ञान के रहस्य को जाना है और उन्हें अपने राज्य की कस्तूरबा के पढ़ने वाली छात्राओं के साथ साझा किया.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग के इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यशाला 'युविका' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के कस्तूरबा के छात्राओं ने हिस्सा लिया. इन छात्राओं को इसरो भ्रमण से लौटे तीन छात्राओं ने अपने अनुभव को साझा किया. झारखंड की तीन छात्राएं धृति वर्णवाल डीपीएस रांची, पूर्वी सिंहभूम कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा मोंटू पानी और बोकारो कस्तूरबा विद्यालय की रिंकी कुमारी ने अपने 15 दिवस के भ्रमण के बारे में जानकारी दी.

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विज्ञान के प्रति बालिकाओं में रुझान लाने के उद्देश्य से झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग के तत्वाधान में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों की प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में किया गया. दो दिवसीय युवा विज्ञान कार्यक्रम में 21 मई से 26 मई 2019 तक बेंगलुरु में आयोजित युवा विज्ञान कार्यक्रम युविका में शामिल होकर लौटे झारखंड की टीम चयनित बच्चों ने भाग लिया.

कार्यक्रम में घृति वर्णवाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो के आंतरिक कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त हुई. लेक्चरर के माध्यम से सैटेलाइट रॉकेट का इस्तेमाल एवं कार्य पद्धति के बारे में बताया गया. इस दौरान इसरो के चेयरमैन डॉक्टर के सिवान वैज्ञानिक डॉक्टर के कस्तूरीरंगन, डॉक्टर के राधाकृष्णन ने अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- अस्पताल के OPD में महिला डॉक्टर ने किया स्नान, पालतू कुत्ते को भी नहलाया, हंगामा​​​​​​​

इसके अलावा टेलीस्कोप निर्माण के माध्यम से चंद्रमा का अध्ययन चंद्रयान मिशन सहित अंतरिक्ष से जुड़ी तमाम जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि इसरो से प्राप्त जानकारी मिलने के बाद छात्राओं के साथ अपना अनुभव साझा करने में खुशी मिल रही है. मोंटू पानी जिनके पिता किसान हैं उन्होंने कहा कि इसरो भ्रमण का अवसर मिलना सपने साकार होने जैसा है उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इसरो में जाकर विज्ञान के गुण रहस्य की जानकारी हासिल करेंगी. उन्होंने कहा कि श्री हरी कोटा में लाइव रॉकेट लॉन्चिंग देखने का अनुभव बेहद अनोखा था.

इस मौके पर बोकारो की रिंकी कुमारी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. इसरो का भ्रमण में विज्ञान के प्रति सोचने का नजरिया बदल दिया है.जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी ने कहा कि यह हमारे लिए काफी गर्व की बात है पूरे राज्य से 3 छात्रों का चयन हुआ और दो छात्राएं कस्तूरबा विद्यालय की है. जहां गरीब छात्रों को शिक्षा दिया जाता है. जिस तरह से छात्रों ने राज्य का मान बढ़ाया है यह दूसरे छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

हजारीबाग: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा झारखंड में बुलंद होता नजर आ रहा है. झारखंड की तीन बेटियों ने इसरो में जाकर विज्ञान के रहस्य को जाना है और उन्हें अपने राज्य की कस्तूरबा के पढ़ने वाली छात्राओं के साथ साझा किया.

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हजारीबाग के इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यशाला 'युविका' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के कस्तूरबा के छात्राओं ने हिस्सा लिया. इन छात्राओं को इसरो भ्रमण से लौटे तीन छात्राओं ने अपने अनुभव को साझा किया. झारखंड की तीन छात्राएं धृति वर्णवाल डीपीएस रांची, पूर्वी सिंहभूम कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा मोंटू पानी और बोकारो कस्तूरबा विद्यालय की रिंकी कुमारी ने अपने 15 दिवस के भ्रमण के बारे में जानकारी दी.

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विज्ञान के प्रति बालिकाओं में रुझान लाने के उद्देश्य से झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग के तत्वाधान में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों की प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में किया गया. दो दिवसीय युवा विज्ञान कार्यक्रम में 21 मई से 26 मई 2019 तक बेंगलुरु में आयोजित युवा विज्ञान कार्यक्रम युविका में शामिल होकर लौटे झारखंड की टीम चयनित बच्चों ने भाग लिया.

कार्यक्रम में घृति वर्णवाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो के आंतरिक कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त हुई. लेक्चरर के माध्यम से सैटेलाइट रॉकेट का इस्तेमाल एवं कार्य पद्धति के बारे में बताया गया. इस दौरान इसरो के चेयरमैन डॉक्टर के सिवान वैज्ञानिक डॉक्टर के कस्तूरीरंगन, डॉक्टर के राधाकृष्णन ने अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी दी.

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इसके अलावा टेलीस्कोप निर्माण के माध्यम से चंद्रमा का अध्ययन चंद्रयान मिशन सहित अंतरिक्ष से जुड़ी तमाम जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि इसरो से प्राप्त जानकारी मिलने के बाद छात्राओं के साथ अपना अनुभव साझा करने में खुशी मिल रही है. मोंटू पानी जिनके पिता किसान हैं उन्होंने कहा कि इसरो भ्रमण का अवसर मिलना सपने साकार होने जैसा है उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इसरो में जाकर विज्ञान के गुण रहस्य की जानकारी हासिल करेंगी. उन्होंने कहा कि श्री हरी कोटा में लाइव रॉकेट लॉन्चिंग देखने का अनुभव बेहद अनोखा था.

इस मौके पर बोकारो की रिंकी कुमारी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. इसरो का भ्रमण में विज्ञान के प्रति सोचने का नजरिया बदल दिया है.जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी ने कहा कि यह हमारे लिए काफी गर्व की बात है पूरे राज्य से 3 छात्रों का चयन हुआ और दो छात्राएं कस्तूरबा विद्यालय की है. जहां गरीब छात्रों को शिक्षा दिया जाता है. जिस तरह से छात्रों ने राज्य का मान बढ़ाया है यह दूसरे छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

Intro:बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा झारखंड में बुलंद होता नजर आ रहा है ।झारखंड की तीन बेटियों ने इसरो में जाकर विज्ञान की गूढ़ रहस्य को जाना है और उन रहस्य को अब अपने राज्य की कस्तूरबा के पढ़ने वाली छात्राओं के साथ साझा किया है।


Body:हजारीबाग के इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यशाला" युविका" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा ,कोडरमा और रामगढ़ के कस्तूरबा के छात्रों ने हिस्सा लिया। इन छात्रों को इसरो भ्रमण से लौटे तीन छात्राओं ने अपने अनुभव को साझा किया ।

झारखंड की तीन छात्राएं धृति वर्णवाल डीपीएस रांची ,पूर्वी सिंबू कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा मोंटू पानी एवं बोकारो कस्तूरबा विद्यालय की रिंकी कुमारी ने अपने 15 दिवस के भ्रमण के बारे में जानकारी दी ।

विज्ञान के प्रति बालिकाओं में रुझान लाने के उद्देश्य से झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग के तत्वाधान में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों की प्रमंडलीय स्तरीय युवा विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में किया गया ।दो दिवसीय युवा विज्ञान कार्यक्रम में 21 मई से 26 मई 2019 तक बेंगलुरु में आयोजित युवा विज्ञान कार्यक्रम युविका में शामिल होकर लौटे झारखंड की टीम चयनित बच्चों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में घृति वर्णवाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो के आंतरिक कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त हुई ।लेक्चरर के माध्यम से सैटेलाइट रॉकेट का इस्तेमाल एवं कार्य पद्धति के बारे में बताया गया ।

इस दौरान इसरो के चेयरमैन डॉक्टर के सिवान वैज्ञानिक डॉक्टर के कस्तूरीरंगन , डॉक्टर के राधाकृष्णन ने अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी दिया ।इसके अलावा टेलीस्कोप निर्माण टे,लिस्कोप के माध्यम से चंद्रमा का अध्ययन ,चंद्रयान मिशन सहित अंतरिक्ष से जुड़ी तमाम जानकारी दी गई ।उन्होंने कहा कि इसरो से प्राप्त जानकारी मिलने के बाद छात्राओं के साथ अपना अनुभव साझा करने में खुशी मिल रही है।

मोंटू पानी जिनके पिता किसान हैं उन्होंने कहा कि इसरो भ्रमण का अवसर मिलना सपने के साकार होने जैसा है ।कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इसरो में जाकर विज्ञान के गुण रहस्य की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि श्री हरी कोटा में लाइव रॉकेट लॉन्चिंग देखा ।साथ हि साथ जुलाई महीने में होने वाले चंद्रयान को हमने नजदीक से देखा और उसके कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी ली।

इस मौके पर बोकारो की रिंकी कुमारी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि दृढ इच्छाशक्ति और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है ।इसरो का भ्रमण में विज्ञान के प्रति सोचने का नजरिया बदल दिया है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी ने कहा कि यह हमारे लिए काफी गर्व की बात है पूरे राज्य से 3 छात्रों का चयन हुआ और दो छात्राएं कस्तूरबा विद्यालय की है ।जहां गरीब छात्रों को शिक्षा दिया जाता है। जिस तरह से छात्रों ने राज्य का मान बढ़ाया है यह दूसरे छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

byte... धृति वर्णवाल इसरो सिलौटी छात्राएं ,चश्मा पहने हुए
byte... मोंटू पानी इसरो से लौटी छात्राएं ,पीला शर्ट में
byte...रिंकी कुमारी इसरो से लौटी छात्राएं
byte... लुदी कुमारी जिला शिक्षा पदाधिकारी हजारीबाग


Conclusion:जिस तरह से छात्राओं ने इसरो में जाकर विज्ञान की गूढ़ रहस्य को जाना है इससे उत्साहित भी हैं । उनका कहना भी है कि कार्यक्रम उनके भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा । अब पूरे राज्य की बच्चियों को जो इसरो नहीं जा पाए उन्हें जाकर जानकारी देंगे। साथ ही साथ विज्ञान के प्रति उनका जिज्ञासा बड़े इसे लेकर भी छात्राओं को प्रोत्साहित करेंगे।
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