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एक बार फिर स्कूलों में लौटने लगी रौनक, डेढ़ साल घरों में 'कैद' रहे बच्चों में उत्साह - हजारीबाग स्कूल

कोरोना काल से बंद पड़े सभी स्कूल लगभग डेढ़ साल बाद खुल गए हैं. जिससे बच्चों में उत्साह है. संक्रमण के दौरान सभी संस्थानों में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाती थी. लेकिन कई बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं रहने के कारण उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. लेकिन अब स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेस (Offline Class) शुरू हो गई है. अधिकतर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. वहीं जो बच्चे आज भी स्कूल नहीं आ रहे हैं उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा जारी है.

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स्कूलों में लौटी रौनक
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Published : Oct 3, 2021, 5:32 PM IST

Updated : Oct 3, 2021, 6:49 PM IST

हजारीबाग: कोरोना काल में छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. छात्र लगभग डेढ़ साल तक अपने घरों में कैद रहे. ऐसे में उनका बौद्धिक और शारीरिक विकास भी उस स्तर का नहीं हुआ जो होना चाहिए. लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे हैं और बच्चे स्कूल पहुंच भी रहे हैं. इसे लेकर छात्रों में उत्साह है. स्कूल के प्राचार्य और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी कहते हैं कि ऑफलाइन क्लासेस (Offline Class) छात्रों के लिए बेहद जरूरी है. छात्र स्कूल आकर खुश हैं. एक बार फिर से स्कूल में रौनक लौट रही है.

इसे भी पढे़ं: 15 साल में भी पूरा नहीं हो पाया कस्तूरबा गांधी स्कूल भवन, छात्राओं को हो रही परेशानी

लंबे समय के बाद छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान सभी स्कूल बंद था और छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी. ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे थे कि छात्रों के लिए यह सुविधा बहुत हद तक लाभदायक नहीं है. लेकिन अब स्कूल खुल गए हैं और छात्रों की ऑफलाइन पढ़ाई हो रही है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कदमा के प्रभारी प्रधानाध्यापक अवध बिहारी भी स्वीकार करते हैं कि ऑफलाइन क्लासेस स्कूल के बच्चों के लिए जरूरी है, क्योंकि सरकारी स्कूल में कई बच्चे गरीब परिवार से आते हैं और उनके पास हमेशा स्मार्टफोन नहीं रहता है. इस कारण भी क्लास रूम में पढ़ाई जरूरी है.

देखें स्पेशल स्टोरी

बच्चों में पढ़ाई को लेकर बढ़ी उत्सुकता

प्राचार्य का यह भी कहना है कि छात्र-छात्राओं में पढ़ाई को लेकर उत्सुकता भी बढ़ी है, क्योंकि लंबे अंतराल तक वह अपने घरों में थे. जिससे पढ़ाई तो बाधित हुई ही. उसके साथ-साथ उनका बौद्धिक विकास भी उस हिसाब से नहीं हुआ, जैसा होना चाहिए. बच्चे अपने दोस्तों से भी मुलाकात नहीं कर पा रहे थे. लेकिन अब स्कूल शुरू हो चुका है और बच्चे स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अपने दोस्तों से मिल रहे हैं.

इसे भी पढे़ं: लॉकडाउन में बच्चों के व्यवहार पर हुआ परिवर्तन, स्कूल खुलना ही एकमात्र उपाय



स्कूल नहीं पहुंचने वालों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा


वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिन्हा भी कहते हैं कि कक्षा शुरू होने के बाद छात्र-छात्राओं में उत्साह है. लगभग सभी स्कूल भी पहुंच रहे हैं. लंबे समय तक घरों में रहने से उनकी पढ़ाई में रुचि कम होते जा रही थे. लेकिन स्कूल खुलने के बाद बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ छात्र अभी भी स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की गई.


शिक्षा सचिव ने किया था स्कूलों का निरीक्षण

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा कुछ दिनों पहले हजारीबाग पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों का निरीक्षण किया था. उन्होंने भी छात्रों की उपस्थिति पर खुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि संक्रमण के पहले जो स्कूल की रौनक थी वो अब लौट रही है. खासकर कस्तूरबा स्कूल में पढ़ाई रफ्तार के साथ शुरू हो गई है. आने वाले समय में हमलोग और भी अधिक व्यवस्थित होकर बच्चों को शिक्षा देंगे.

इसे भी पढे़ं: हजारीबागः निजी स्कूलों में RTE की अनदेखी, गरीब बच्चों को नहीं मिल रहा 25% आरक्षण का लाभ


बच्चों में उत्साह


वहीं छात्राओं का कहना है कि संक्रमण के समय घर में थे. स्मार्टफोन से पढ़ाई करना पड़ता था. लेकिन जब कभी घर पर स्मार्टफोन नहीं रहता था तो पढ़ाई में काफी परेशानी होती थी. छात्राओं ने कहा कि अब स्कूल खुल गया है. जिससे हमें काफी खुशी है. पुराने दोस्त भी स्कूल में मिल रहे हैं. ऐसे में हम खेल के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहे हैं.

हजारीबाग: कोरोना काल में छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. छात्र लगभग डेढ़ साल तक अपने घरों में कैद रहे. ऐसे में उनका बौद्धिक और शारीरिक विकास भी उस स्तर का नहीं हुआ जो होना चाहिए. लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे हैं और बच्चे स्कूल पहुंच भी रहे हैं. इसे लेकर छात्रों में उत्साह है. स्कूल के प्राचार्य और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी कहते हैं कि ऑफलाइन क्लासेस (Offline Class) छात्रों के लिए बेहद जरूरी है. छात्र स्कूल आकर खुश हैं. एक बार फिर से स्कूल में रौनक लौट रही है.

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लंबे समय के बाद छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान सभी स्कूल बंद था और छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी. ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे थे कि छात्रों के लिए यह सुविधा बहुत हद तक लाभदायक नहीं है. लेकिन अब स्कूल खुल गए हैं और छात्रों की ऑफलाइन पढ़ाई हो रही है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कदमा के प्रभारी प्रधानाध्यापक अवध बिहारी भी स्वीकार करते हैं कि ऑफलाइन क्लासेस स्कूल के बच्चों के लिए जरूरी है, क्योंकि सरकारी स्कूल में कई बच्चे गरीब परिवार से आते हैं और उनके पास हमेशा स्मार्टफोन नहीं रहता है. इस कारण भी क्लास रूम में पढ़ाई जरूरी है.

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बच्चों में पढ़ाई को लेकर बढ़ी उत्सुकता

प्राचार्य का यह भी कहना है कि छात्र-छात्राओं में पढ़ाई को लेकर उत्सुकता भी बढ़ी है, क्योंकि लंबे अंतराल तक वह अपने घरों में थे. जिससे पढ़ाई तो बाधित हुई ही. उसके साथ-साथ उनका बौद्धिक विकास भी उस हिसाब से नहीं हुआ, जैसा होना चाहिए. बच्चे अपने दोस्तों से भी मुलाकात नहीं कर पा रहे थे. लेकिन अब स्कूल शुरू हो चुका है और बच्चे स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अपने दोस्तों से मिल रहे हैं.

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स्कूल नहीं पहुंचने वालों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा


वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिन्हा भी कहते हैं कि कक्षा शुरू होने के बाद छात्र-छात्राओं में उत्साह है. लगभग सभी स्कूल भी पहुंच रहे हैं. लंबे समय तक घरों में रहने से उनकी पढ़ाई में रुचि कम होते जा रही थे. लेकिन स्कूल खुलने के बाद बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ छात्र अभी भी स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की गई.


शिक्षा सचिव ने किया था स्कूलों का निरीक्षण

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा कुछ दिनों पहले हजारीबाग पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों का निरीक्षण किया था. उन्होंने भी छात्रों की उपस्थिति पर खुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि संक्रमण के पहले जो स्कूल की रौनक थी वो अब लौट रही है. खासकर कस्तूरबा स्कूल में पढ़ाई रफ्तार के साथ शुरू हो गई है. आने वाले समय में हमलोग और भी अधिक व्यवस्थित होकर बच्चों को शिक्षा देंगे.

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बच्चों में उत्साह


वहीं छात्राओं का कहना है कि संक्रमण के समय घर में थे. स्मार्टफोन से पढ़ाई करना पड़ता था. लेकिन जब कभी घर पर स्मार्टफोन नहीं रहता था तो पढ़ाई में काफी परेशानी होती थी. छात्राओं ने कहा कि अब स्कूल खुल गया है. जिससे हमें काफी खुशी है. पुराने दोस्त भी स्कूल में मिल रहे हैं. ऐसे में हम खेल के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 3, 2021, 6:49 PM IST
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