हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले को अपने गौरवशाली अतीत पर गुमान है. उन्हीं में से एक पदमा किला भी है. ये रामगढ़ के राजा का किला था, यहां रामगढ़ राजा की हुकूमत चलती थी. रामगढ़ राजा के उत्तराधिकारी राजा बागदेव सिंह हजारीबाग में राज किया करते थे. जिसे आज पद्मा राजघराना के नाम से जाना जाता है. वर्तमान में पूर्व विधायक सौरभ नारायण सिंह इनके उत्तराधिकारी हैं. लेकिन अब देखभाल के अभाव में यह धरोहर अपनी पहचान खोती जा रही है. वैसे तो इस ऐतिहासिक क्षेत्र का इतिहास खंडहरों में तब्दील हो गया है लेकिन कुछ दुर्लभ तस्वीर है जो इस क्षेत्र के इतिहास को बयां करती है.
![secret of the historical hawa mahal room of hazaribag](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-haz-02-padma-pic-pkg-7204102_01072021164045_0107f_1625137845_270.jpg)
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हवा महल लोगों को करता है आकर्षित
दरअसल, टूटी फूटी दीवारें इसकी पहचान है. हवा महल आज भी लोगों को आकर्षित करता है. हवा महल के अंदर एक कमरा है. उस कमरे में कुछ दुर्लभ तस्वीर इस राजघराने की है. जहां रामगढ़ राजा के उत्तराधिकारियों के नाम भी अंकित हैं. 1366 से लेकर 1403 तक राजा बाग देव सिंह ने यहां राज किया.
जानें राजा बागदेव सिंह की वंशावली
राजा बाग देव सिंह के बाद राजा करेत सिंह, राजा राम सिंह, राजा माधो सिंह, राजा जुगत सिंह, राजा हरमीत सिंह, राजा दलेतल सिंह, राजा विसुन सिंह, राजा मुकुंद सिंह, राजा तेज सिंह, पदेश नाथ सिंह, राजा मणि नाथ सिंह, राजा सिद्धार्थ नाथ सिंह, राजा लक्ष्मी नाथ सिंह ,राजा शंभू नाथ सिंह ,राजा रामनाथ सिंह ,राजा नम नारायण सिंह, राजा राम नारायण सिंह, राजा लक्ष्मी नारायण सिंह, राजा बहादुर कामाख्या नारायण सिंह, राजा बहादुर इंद्र जितेंद्र नारायण सिंह ने राज किया. वर्तमान सौरभ नारायण सिंह इनके वंशज हैं.
![secret of the historical hawa mahal room of hazaribag](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-haz-02-padma-pic-pkg-7204102_01072021164045_0107f_1625137845_617.jpg)
हवा महल में क्या है रखा
हवा महल के कमरे में इस परिवार की दुर्लभ तस्वीरें रखी हुई है. उस कमरे में किसी को जाने की इजाजत भी नहीं है. जहां राजा के पूरे परिवार की इतिहास गाथा कैद है. जहां कार्यक्रम के दौरान लिए गए तस्वीर भी रखी हुई है. जो इस राज्य की भव्यता के बारे में बताती है. इस राजघराने के पास अपना हेलीकॉप्टर भी हुआ करता था, जो समय बीतने के साथ-साथ अब दिखता भी नहीं है. जरूरत है इतिहास को संजो कर रखने की ताकि आने वाली पीढ़ी यहां की भव्यता और पराक्रम को जान सके.