हजारीबाग: पिछले 3 महीने से संत जेवियर स्कूल और अभिभावकों के बीच गतिरोध चल रहा था. ऐसे में स्कूल के बच्चे भी डिप्रेशन में जा रहे थे. इसी को लेकर स्कूल प्रबंधन अभिभावक और जिला प्रशासन के बीच बैठक हुई. बैठक में समस्याओं पर चर्चा की गई. अभिभावक ने अपनी बातों को रखा और स्कूल प्रबंधन ने इसका जवाब दिया.
अभिभावकों को अलग-अलग तरह के सलाह दिए गए
हजारीबाग की एसडीओ मेघा भारद्वाज ने बीच का रास्ता निकालते हुए इस समस्या का समाधान किया है. सभी अभिभावकों को अलग-अलग तरह के सलाह दिए गए हैं. इसमें से कुछ अभिभावकों को कहा गया है कि वह अपने बच्चों का रीटेस्ट करवाएं और बच्चा अगर पास करता है तो आगे कक्षा में जाएगा, नहीं तो उसी कक्षा में उसे पढ़ना पड़ेगा. वहीं, कुछ छात्रों को अनुशासनहीनता के कारण स्कूल ने नोटिस दिया गया था, उनसे बॉन्ड लिखाने की बात कही गई है.
ये भी पढ़ें- डॉक्टर्स डे: कोरोना काल में मिसाल पेश कर रही चिकित्स्कों की यह टीम, 24 घंटे दे रहे सेवा
लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए बैठक की गई
बैठक खत्म होने के बाद हजारीबाग की एसडीओ ने कहा कि विगत दिनों लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए यह बैठक की गई. कुछ छात्र इनमें से आत्महत्या करने की बात कह रहे थे तो अभिभावकों ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी. ऐसे में इन लोगों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान किया गया है. स्कूल भी बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हो गया है. वहीं, कुछ क्राइटेरिया भी रखे गए हैं. जैसे बच्चे को रीटेस्ट देना होगा, बॉन्ड भरना होगा. अगर फिर से गलती होगी तो स्कूल प्रबंधन कदम उठाएगा.
अभिभावकों से बात की गई
इधर, स्कूल के फादर रैशनर ने कहा कि छात्रों के अभिभावकों से बात की गई है. उन्हें दिशा निर्देश दिया गया है. कुछ बच्चे को अनुशासनहीनता को लेकर टीसी देने की बात थी, अब वे बॉन्ड लिखेंगे. इसके बाद बच्चे स्कूल में पढ़ाई शुरू कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- डॉक्टर्स डे पर विशेष: आज भी मात्र 5 रुपए में मरीजों को देखते हैं पद्मश्री डॉ एसपी मुखर्जी
अभिभावक और स्कूल प्रबंधन आमने-सामने हो गए थे
बता दें कि हजारीबाग में यह पहली बार हुआ है जब निजी स्कूल के विवाद में जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा है. जहां एक ओर स्कूल प्रबंधन ने 32 छात्रों को नोटिस दिया था और टीसी लेने की बात कही गई थी. ऐसे में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन आमने-सामने हो गए थे. बीते मंगलवार को अभिभावक स्कूल के गेट के सामने धरने पर बैठ गए थे.