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कोरोना वॉरियर बना डाकिया, घर-घर जाकर पहुंचा रहे हैं बैंकों के रुपए

कोरोना महामारी में डाकिया भी करोना योद्धा के रूप में देखे जा रहे हैं. जो गरीब असहाय लोगों को घर तक मदद पहुंचा रहे हैं. इस लॉकडाउन में डाकिया अपना दायित्व को पूरा करते नजर आ रहे हैं.

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Published : Apr 30, 2020, 7:35 PM IST

Postmen sending money from door to door regarding lockdown in hazaribag
कोरोना योद्धा डाकिया

हजारीबाग: लॉकडाउन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहर के बैंकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में डाकिया अपना दायित्व पूरा करते हुए करोना योद्धा के रूप में खुद को स्थापित कर रहे हैं. डाकिया घर-घर जाकर गरीब असहाय लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल वर्तमान में डाकिया का स्वरूप और काम करने का लहजा भी बदल सा गया है. डाकिया सिर्फ चिट्ठी लेकर नहीं बल्कि रुपए लेकर भी घरों तक पहुंच रही है. डाक विभाग विभिन्न बैंकों में आए रुपए लेकर ग्रामीणों के घर तक पहुंच रहे हैं और उन्हें घर पर ही पैसा दे रहे हैं. इन दिनों भारत सरकार वृद्धा पेंशन, प्रधानमंत्री जन धन योजना, उज्ज्वला योजना की राशि, कृषि आशीर्वाद योजना समेत कई योजना की पैसा खातों में भेज रही है.

पोस्टल सर्विस की सुविधा

ऐसे में रुपए निकालने के लिए ग्रामीणों को बैंक ना आना पड़े इसे देखते हुए पोस्टल सर्विस ने यह सुविधा ग्रामीणों को दे रही है. गांव के लोग टोल फ्री नंबर या फिर पोस्टमैन को एक फोन करने के बाद डाकिया ग्रामीणों के घर तक रुपए पहुंचा रहे हैं. खासकर वैसे जो वृद्ध और दिव्यांग है.

इस सिलसिले में डाकिया का कहना हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं क्योंकि गांवों में बैंक नहीं होता है और लॉकडाउन के समय ग्रामीण बैंक तक कैसे पहुंचे यह समस्या है. इसे देखते हुए विभाग ने यह सुविधा मुहैया किया है.

ये भी देखें- कोरोना की जंग में सिंफर भी दे रहे है साथ, DC को सौंपे कई उपकरण

वहीं, ग्रामीण भी बहुत खुश हो रहे हैं कि उन्हें घरों तक रुपए डाकिया दे रहे हैं. उनका कहना है कि डाकिया के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि वह सुविधा मिल रहा है जिसका कभी कल्पना भी नहीं किए थे.

हजारीबाग: लॉकडाउन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहर के बैंकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में डाकिया अपना दायित्व पूरा करते हुए करोना योद्धा के रूप में खुद को स्थापित कर रहे हैं. डाकिया घर-घर जाकर गरीब असहाय लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल वर्तमान में डाकिया का स्वरूप और काम करने का लहजा भी बदल सा गया है. डाकिया सिर्फ चिट्ठी लेकर नहीं बल्कि रुपए लेकर भी घरों तक पहुंच रही है. डाक विभाग विभिन्न बैंकों में आए रुपए लेकर ग्रामीणों के घर तक पहुंच रहे हैं और उन्हें घर पर ही पैसा दे रहे हैं. इन दिनों भारत सरकार वृद्धा पेंशन, प्रधानमंत्री जन धन योजना, उज्ज्वला योजना की राशि, कृषि आशीर्वाद योजना समेत कई योजना की पैसा खातों में भेज रही है.

पोस्टल सर्विस की सुविधा

ऐसे में रुपए निकालने के लिए ग्रामीणों को बैंक ना आना पड़े इसे देखते हुए पोस्टल सर्विस ने यह सुविधा ग्रामीणों को दे रही है. गांव के लोग टोल फ्री नंबर या फिर पोस्टमैन को एक फोन करने के बाद डाकिया ग्रामीणों के घर तक रुपए पहुंचा रहे हैं. खासकर वैसे जो वृद्ध और दिव्यांग है.

इस सिलसिले में डाकिया का कहना हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं क्योंकि गांवों में बैंक नहीं होता है और लॉकडाउन के समय ग्रामीण बैंक तक कैसे पहुंचे यह समस्या है. इसे देखते हुए विभाग ने यह सुविधा मुहैया किया है.

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वहीं, ग्रामीण भी बहुत खुश हो रहे हैं कि उन्हें घरों तक रुपए डाकिया दे रहे हैं. उनका कहना है कि डाकिया के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि वह सुविधा मिल रहा है जिसका कभी कल्पना भी नहीं किए थे.

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