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सोमवार को हजारीबाग में होगी वोटिंग, अंतिम प्रयास में जुटे प्रत्याशी

हजारीबाग में 5वें चरण में होने वाले चुनाव को लेकर चंद घंटे ही बचे हैं. ऐसे में सभी पार्टी के उम्मीदवार अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. हजारीबाग में जातिगत समीकरण के अनुसार वोटों की स्थिति का अनुमान भी लगाया जा रहा.

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Published : May 5, 2019, 5:11 PM IST

हजारीबाग में जीत का दौर जारी

हजारीबाग: झारखंड में दूसरे चरण में हजारीबाग लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. मतदान को लेकर 24 घंटे से भी कम समय बचा है. हजारीबाग और रामगढ़ जिले में 2278 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदाताओं को अपनी ओर लाने की आखिरी कोशिशों में प्रत्याशी जुटे हैं.

हजारीबाग में जीत का दौर जारी

दरअसल, हजारीबाग की अगर जातिगत समीकरण की बात करें, तो यह समीकरण किसी का भी खेल को बिगाड़ सकता है. इसके मद्देनजर अब राजनेता उस समीकरण पर भी विचार कर रहे हैं. उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. अंतिम समय में इस दिशा में प्रत्याशियों द्वारा प्रयास भी किया जा रहा है. वहीं भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मोदी लहर पर सवार हैं.

कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने की बना रही रणनीति
महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू और सीपीआई प्रत्याशी भुनेश्वर प्रसाद मेहता जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण को प्रभावित करने में लगे हुए हैं. मेहता अपने राजनीतिक संघर्ष के आधार पर जाति का समर्थन प्राप्त करने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने के लिए रणनीति बना रही है. शुरू से ही गोपाल साहू की कोशिश वैश्य और अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में करने की रही है.

जानकारों की माने तो अल्पसंख्यक का बड़ा वर्ग कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए तैयार दिख रहा है. कांग्रेस की परंपरागत आदिवासी और क्रिश्चियन वोट उन्हें प्राप्त होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

मोदी लहर हो सकता है बेहतर साबित
भले ही बड़कागांव विधानसभा और बरही विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को लेकर विरोध दिख रहे थे. लेकिन मोदी लहर ने इस विरोध को कम करने का काम किया है. जानकार बताते हैं कि अंतिम समय में जयंत विरोधी और जातीय समीकरण के बहुत प्रभावी होने की उम्मीद कम है.10 लाख से अधिक मतदान होने पर मोदी लहर जयंत सिन्हा के लिए बेहतर साबित हो सकती है.

हजारीबाग: झारखंड में दूसरे चरण में हजारीबाग लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. मतदान को लेकर 24 घंटे से भी कम समय बचा है. हजारीबाग और रामगढ़ जिले में 2278 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदाताओं को अपनी ओर लाने की आखिरी कोशिशों में प्रत्याशी जुटे हैं.

हजारीबाग में जीत का दौर जारी

दरअसल, हजारीबाग की अगर जातिगत समीकरण की बात करें, तो यह समीकरण किसी का भी खेल को बिगाड़ सकता है. इसके मद्देनजर अब राजनेता उस समीकरण पर भी विचार कर रहे हैं. उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. अंतिम समय में इस दिशा में प्रत्याशियों द्वारा प्रयास भी किया जा रहा है. वहीं भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मोदी लहर पर सवार हैं.

कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने की बना रही रणनीति
महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू और सीपीआई प्रत्याशी भुनेश्वर प्रसाद मेहता जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण को प्रभावित करने में लगे हुए हैं. मेहता अपने राजनीतिक संघर्ष के आधार पर जाति का समर्थन प्राप्त करने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने के लिए रणनीति बना रही है. शुरू से ही गोपाल साहू की कोशिश वैश्य और अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में करने की रही है.

जानकारों की माने तो अल्पसंख्यक का बड़ा वर्ग कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए तैयार दिख रहा है. कांग्रेस की परंपरागत आदिवासी और क्रिश्चियन वोट उन्हें प्राप्त होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

मोदी लहर हो सकता है बेहतर साबित
भले ही बड़कागांव विधानसभा और बरही विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को लेकर विरोध दिख रहे थे. लेकिन मोदी लहर ने इस विरोध को कम करने का काम किया है. जानकार बताते हैं कि अंतिम समय में जयंत विरोधी और जातीय समीकरण के बहुत प्रभावी होने की उम्मीद कम है.10 लाख से अधिक मतदान होने पर मोदी लहर जयंत सिन्हा के लिए बेहतर साबित हो सकती है.

Intro:हजारीबाग लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर 24 घंटे से भी कम समय बचा है। ऐसे में हजारीबाग एवं रामगढ़ जिले में 2278 मतदान केंद्रों में 1664000 से अधिक मतदाताओं में जातियों व धार्मिक समीकरण को उभारने का प्रयास हजारीबाग में जोर शोर से चल रहा है ।दरअसल हजारीबाग कि अगर जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यह समीकरण किसी का भी खेल को बिगाड़ सकता है।


Body:इस मद्देनजर अब राजनेता उस समीकरण पर भी विचार कर रहे हैं और अपने पक्ष में करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं ।अंतिम समय में इस दिशा में प्रत्याशियों द्वारा प्रयास भी किया जा रहा है। वैसे भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मोदी लहर पर सवार है।

वहीं गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू एवं सीपीआई प्रत्याशी भुनेश्वर प्रसाद मेहता जातीय समीकरण व धार्मिक समीकरण को प्रभावित करने में लगे हुए हैं ।मेहता अपने राजनीतिक संघर्ष के आधार पर जाति का समर्थन प्राप्त करने का दावा कर रहे हैं। तो दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड को खेलने के लिए रणनीति बना रही है ।यह अलग बात है कि कुशवाहा कुर्मी कार्ड खेलने के क्रम में उन्हें कुछ सफलता मिलती दिख भी रही है ।प्रारंभ से ही गोपाल साहू का प्रयास वैश्य एवं अल्पसंख्यको को अपने पक्ष में करने की रही है और इसका लाभ भी गोपाल साहू को मिला है।

जानकारों की माने तो अल्पसंख्यक का बड़ा वर्ग साहू के पक्ष में वोट करने के लिए तैयार दिख रहा है ।कांग्रेस के परंपरागत आदिवासी और क्रिश्चियन वोट उन्हें प्राप्त होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है ।भले ही बड़कागांव विधानसभा एवं बरही विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को लेकर विरोध दिख रहे थे ।लेकिन मोदी लहर ने इस विरोध को कम करने का काम किया है ।जानकार बताते है अंतिम समय में जयंत विरोधी और जातीय समीकरण वैसे बहुत प्रभावी होने की उम्मीद कम है तो भाजपा के जयंत सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती है। 10 लाख से अधिक मतदान होने पर मोदी लहर जयंत सिन्हा के लिए बेहतर साबित हो सकता है


एक नजर जातिगत समीकरण के अनुसार वोटों की स्थिति

मुस्लिम 372000

कुशवाहा 442001

क्रिश्चियन 70000

वैश्य 150000

sc-st 150000

अन्य 480463

कुल मतदाता 16 लाख 64 हजार 464

byte... टीपी सिंह पत्रकार हजारीबाग


Conclusion:हजारीबाग में देखना दिलचस्प होगा कि जयंत सिन्हा, गोपाल साहू और भुवनेश्वर मेहता कौन जीत कर संसद पहुंचता है ।जहां एक और जयंत सिन्हा का भाग्य का फैसला होना है तो दूसरी ओर गोपाल साहू जो हजारीबाग में नए हैं। लेकिन यहां पर गोपाल साहू को काफी विश्वास के साथ पार्टी उतारी है तो कहीं ना कहीं पार्टी के लिए भी प्रतिष्ठा का सीट माना जा रहा है।
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