हजारीबाग: झारखंड में दूसरे चरण में हजारीबाग लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. मतदान को लेकर 24 घंटे से भी कम समय बचा है. हजारीबाग और रामगढ़ जिले में 2278 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदाताओं को अपनी ओर लाने की आखिरी कोशिशों में प्रत्याशी जुटे हैं.
दरअसल, हजारीबाग की अगर जातिगत समीकरण की बात करें, तो यह समीकरण किसी का भी खेल को बिगाड़ सकता है. इसके मद्देनजर अब राजनेता उस समीकरण पर भी विचार कर रहे हैं. उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. अंतिम समय में इस दिशा में प्रत्याशियों द्वारा प्रयास भी किया जा रहा है. वहीं भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मोदी लहर पर सवार हैं.
कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने की बना रही रणनीति
महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू और सीपीआई प्रत्याशी भुनेश्वर प्रसाद मेहता जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण को प्रभावित करने में लगे हुए हैं. मेहता अपने राजनीतिक संघर्ष के आधार पर जाति का समर्थन प्राप्त करने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यक कार्ड खेलने के लिए रणनीति बना रही है. शुरू से ही गोपाल साहू की कोशिश वैश्य और अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में करने की रही है.
जानकारों की माने तो अल्पसंख्यक का बड़ा वर्ग कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए तैयार दिख रहा है. कांग्रेस की परंपरागत आदिवासी और क्रिश्चियन वोट उन्हें प्राप्त होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
मोदी लहर हो सकता है बेहतर साबित
भले ही बड़कागांव विधानसभा और बरही विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को लेकर विरोध दिख रहे थे. लेकिन मोदी लहर ने इस विरोध को कम करने का काम किया है. जानकार बताते हैं कि अंतिम समय में जयंत विरोधी और जातीय समीकरण के बहुत प्रभावी होने की उम्मीद कम है.10 लाख से अधिक मतदान होने पर मोदी लहर जयंत सिन्हा के लिए बेहतर साबित हो सकती है.