हजारीबागः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रारंभ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान से हजारीबाग जिला के प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों को भी आशा और उम्मीद है. प्रवासी मजदूरों को यही उम्मीद है कि इस योजना के तहत उनके कौशल के अनुरूप कार्य मिलेगा और उनके अनुसार राशि भी मिलेगी. वहीं स्थानीय मजदूर भी सोच रहे हैं कि अब उनके दिन बदलने वाले हैं. 100 दिनों का रोजगार नहीं बल्कि 125 दिनों का काम अब मिलने वाला है.
मुंबई से लौटने वाली सैबू निशा का कहना है कि मजबूरी के कारण वो मिट्टी काट रही हैं, क्योंकि अपने परिवार का भरण पोषण करना है, लेकिन प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि अब हुनर के अनुसार रोजगार मिलेगा. ऐसे में निशा कहती हैं कि वो कढ़ाई के काम में माहिर है. वो कहती है कि अगर उन्हें संसाधन और पैसा मिलेगा तो वो गांव की महिलाओं को भी इस हुनर की ट्रेनिंग देंगी, ताकि महिलाएं मिट्टी काटने के बजाए घर पर बैठकर कपड़े पर नकाशी का कार्य कर सकें. वहीं, नागपुर में अलमुनियम फैक्ट्री में काम करने वाले सैफुल इस्लाम का कहना है कि वो दरवाजा और खिड़की बनाने में निपुण हूं. अलमुनियम का अगर उन्हें फ्रेम दे दिया जाए तो वो किसी भी तरह का कार्य कर सकती हैं, लेकिन अभी वो लोगों मिट्टी काटने का काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें उनके हुनर के अनुसार क्षेत्र में ही काम मिले तो वो अपने गांव में रहकर रोजगार करेंगे और लोगों को भी इस कार्य में जुड़ सकेंगे
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वहीं, मेरु मुखिया सोनी कुमारी का कहना है प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है. नाला उडारीकरण पूरा होने के बाद तालाब निर्माण में मजदूरों को लगाया जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान से लोगों को और उन्हें इस योजना से काफी उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार इस तरह के रोजगार उपलब्ध कराएगी तो इस क्षेत्र में विकास दिखेगा और लोग भी संतुष्ट होंगे.
हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जिला में 25 विभिन्न कार्य पर योजना बनाई गई है. मनरेगा के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास, आंगनबाड़ी केंद्र, वन अधिकार पट्टा पर लोगों के आवास निर्माण की योजनाएं बनाई जा रही हैं. इस योजनाओं में काम चल रहा है. उन्होंने कहा है कि 33,000 मजदूरों में 16,000 का जॉब कार्ड भी बना दिया गया है. आज 4,000 मजदूर काम में लगे हैं. जनप्रतिनिधि से लेकर प्रवासी और स्थानीय मजदूर को भी अब सरकार के इस योजना से काफी उम्मीद है. पहले जहां 100 दिनों का काम मिलता था. इसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है. अब जिला प्रशासन इस योजना को धरातल पर किस रूप में उतारती है यह देखने वाली बात होगी.