हजारीबागः जिला के सुदूरवर्ती मरहंद गांव की महिलाएं एकजुट होकर आमदनी को कैसे बढ़ाएं और अपने घर के बच्चों को अच्छा परवरिश दें इसे लेकर चर्चा कर रही हैं. सुदूरवर्ती कटकमदाग प्रखंड के मरहंद गांव की महिलाएं बेहद गरीब परिवार से आती हैं. जिनके घर में उनके परिवार वाले मजदूरी कर घर चलाते हैं. लेकिन अब महिलाएं भी चाहती हैं कि वो भी रोजगार से जुड़कर आमदनी करें. साथ ही अपने घर परिवार को चलाने में अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित करें.
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ऐसे में महिलाओं ने Mushroom Cultivation करने का विचार बनाया. महिलाएं कहती हैं कि घर में हम लोगों को बहुत ही काम रहता है. घर के लोग मजदूरी करने सुबह निकल जाते हैं. खाना बनाने बच्चों को तैयार करने में बहुत ही समय लग जाता है. इस कारण वो लोग काम नहीं कर पाते हैं. Mushroom Cultivation Training ली तो पता चला कि बहुत कम समय में वो इसे उपजा सकते हैं. सबने एक समूह बनाकर इसकी खेती शुरू की और आज 40 किलो के आसपास मशरूम वो बेच चुकी हैं. इससे जो पैसा आता है उसे आपस में बांटते हैं. उसी पैसों से घर भी चलता है. कई महिलाएं अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा भी पा रही हैं. ये सारा पैसा अपने बच्चों के भविष्य को संवारने में खर्च कर रही हैं.
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इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाएं जैविक खाद का उपयोग मशरूम की खेती में कर रही है. उन्हें उत्पाद बेचने के लिए बाजार जाने की जरूरत नहीं होती है वो अपने और आसपास के गांव के लोगों को मशरूम बेचकर पैसा कमा रही हैं. उनका कहना है कि mushroom 200 rupees per kg तक दाम मिल जाता है.