हजारीबाग: झारखंड अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति ने मंगलवार को अपना 20वां स्थापना दिवस मनाया. इसके साथ ही साथ सरकार के सामने अपनी मांग भी रखी. उन्होंने सरकार से मांग किया है कि अगरिया जाति को आदिम जनजाति के श्रेणी में रखा जाए.
झारखंड में कई जनजाति के लोग रहते हैं. सरकार के द्वारा विभिन्न जनजाति को सरकारी लाभ भी दिया जा रहा है. ऐसे में अब झारखंड के अगरिया समाज खुद को आदिम जनजाति की श्रेणी में रखने की मांग की है. समाज के लोगों का कहना है कि अगरिया असुर आदिम जनजाति को एक ही श्रेणी में रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार सिर्फ असुर जाति को आदिम जनजाति की श्रेणी में रखी है और सरकारी लाभ दे रही है.
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अगरिया समाज का कहना है कि इसे देखते हुए अब वे एकजुट हो रहे हैं और सरकार से अपनी मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी आदिम जनजाति में रखा जाए. इसके साथ ही आदिम जनजाति का लाभ दिए जाए. समाज के लोगों का कहना है कि अगरिया जाति के लोग काफी गरीब हैं और हमारे बीच शिक्षा का भी अभाव है. इसके साथ ही साथ हमारी जनसंख्या भी पहले से कम हुई है. उनके पूर्वज लोहा उत्पादन करते थे, लेकिन आज उनकी स्थिति बेहद खराब है, इसलिए सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए.