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IAF की कार्रवाई पर शहीद की मां ने कहा- आज पहुंची कलेजे को ठंडक

शहीद सुभाष बारला की मां ने कहा कि आज उनके कलेजे को ठंडक पहुंची. सरकार आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रखे.

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Published : Feb 26, 2019, 10:08 PM IST

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हजारीबागः आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है. समाज का हर एक तबका सेना को इस कार्रवाई के लिए शुभकामना दे रहा है. आमो-खास भारत सरकार और सेना के साथ खड़ा नजर आ रहा है. ऐसे में शहीद के परिजन भी काफी खुश हैं. उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर सरकार और सेना को धन्यवाद दिया है.

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देश की सुरक्षा में अब तक ना जाने कितने जवान शहीद हो गए. लेकिन मंगलवार का दिन शहीद के परिजनों के लिए खुशी भरा है. उनका कहना है कि सेना की करवाई ने दिल को ठंडक दी है. ऐसे ही एक शहीद की मां ने ईटीवी भारत के साथ अपनी खुशी जाहिर की और कहा आज हमने मिठाई खाई और सालों बाद घर से बाहर निकली.

सीआरपीएफ में तैनात सुभाष सौरभ बारला 2013 में आतंकियों के खिलाफ लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. जो हजारीबाग के रहने वाले थे. 5 साल बीत जाने के बाद उनके घर में आज भी मातम सा माहौल था. बूढ़ी मां घर में अकेली रहती है. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद शहीद सुभाष बारला की मां काफी खुश हैं. सालों बाद घर से बाहर निकली और अपनी बहन के घर गई और वहां जाकर गाजर का हलवा खा कर खुशी मनाया. उन्होंने बताया कि आज इतनी खुश हैं कि उनके पास शब्द नहीं हैं.

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शहीद की मां चाहती है कि इस तरह आतंकवाद के खिलाफ भारत कार्रवाई करते रहे. आगे भी चुन-चुन कर उन लोगों से बदला ले. उनका कहना भी है कि शहीद के परिवार को आम लोगों को प्रणाम करना चाहिए. सलाम करना चाहिए. क्योंकि शहीद देश के लिए कुर्बान होता है. मेरा बेटा भी देश के लिए कुर्बान हुआ है. मुझे अपने बेटे पर गर्व है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सेना ने कार्रवाई की है, तो उनकी आंख में खुशी के आंसू भर आए. कैसे हमारे जवान देश सुरक्षा में लगे हुए हैं।. वह अपने बेटे के बारे में बताती हैं कि उसके सीने में तीन गोली लगी थी और देश के लिए शहीद हो गया.

हजारीबागः आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है. समाज का हर एक तबका सेना को इस कार्रवाई के लिए शुभकामना दे रहा है. आमो-खास भारत सरकार और सेना के साथ खड़ा नजर आ रहा है. ऐसे में शहीद के परिजन भी काफी खुश हैं. उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर सरकार और सेना को धन्यवाद दिया है.

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देश की सुरक्षा में अब तक ना जाने कितने जवान शहीद हो गए. लेकिन मंगलवार का दिन शहीद के परिजनों के लिए खुशी भरा है. उनका कहना है कि सेना की करवाई ने दिल को ठंडक दी है. ऐसे ही एक शहीद की मां ने ईटीवी भारत के साथ अपनी खुशी जाहिर की और कहा आज हमने मिठाई खाई और सालों बाद घर से बाहर निकली.

सीआरपीएफ में तैनात सुभाष सौरभ बारला 2013 में आतंकियों के खिलाफ लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. जो हजारीबाग के रहने वाले थे. 5 साल बीत जाने के बाद उनके घर में आज भी मातम सा माहौल था. बूढ़ी मां घर में अकेली रहती है. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद शहीद सुभाष बारला की मां काफी खुश हैं. सालों बाद घर से बाहर निकली और अपनी बहन के घर गई और वहां जाकर गाजर का हलवा खा कर खुशी मनाया. उन्होंने बताया कि आज इतनी खुश हैं कि उनके पास शब्द नहीं हैं.

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शहीद की मां चाहती है कि इस तरह आतंकवाद के खिलाफ भारत कार्रवाई करते रहे. आगे भी चुन-चुन कर उन लोगों से बदला ले. उनका कहना भी है कि शहीद के परिवार को आम लोगों को प्रणाम करना चाहिए. सलाम करना चाहिए. क्योंकि शहीद देश के लिए कुर्बान होता है. मेरा बेटा भी देश के लिए कुर्बान हुआ है. मुझे अपने बेटे पर गर्व है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सेना ने कार्रवाई की है, तो उनकी आंख में खुशी के आंसू भर आए. कैसे हमारे जवान देश सुरक्षा में लगे हुए हैं।. वह अपने बेटे के बारे में बताती हैं कि उसके सीने में तीन गोली लगी थी और देश के लिए शहीद हो गया.

Intro:आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद पूरे देश में खुशी की लहर है। समाज का हर एक तबका सेना को इस कार्रवाई के लिए शुभकामना दे रहा है। आमो खास भारत सरकार और सेना के साथ खडा नजर आ रहा है। ऐसे में शहीद के परिजन भी काफी खुश हैं ।उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर सरकार और सेना को धन्यवाद दिया है। देश की सुरक्षा में अब तक ना जाने कितने जवान शहीद हो गए। कितनी मां की कोख उजड़ गई कितनी बहन की मांग की सिंदूर बह गई मांग बह गई। लेकिन आज का दिन शहीद के परिजनों की खुशी भरा है ।उनका कहना है कि है सेना की करवाई ने दिल को ठंडक दी है। ऐसे ही एक शहीद की मां ने ईटीवी भारत के साथ अपनी खुशी जाहिर की और कहा आज हमने मिठाई खाया है और सालों बाद घर से बाहर निकली हु।


Body:सीआरपीएफ में तैनात सुभाष सौरव बरला 2013 में आतंकियों के खिलाफ लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। जो हजारीबाग के रहने वाले थे। 5 साल बीत जाने के बाद उनके घर में आज भी मौसम सा माहौल है। बूढ़ी मां घर में अकेली रहती है ।सर्जिकल स्ट्राइक के बाद शहीद सुभाष बार ला की मां काफी खुश हैं। सालों बाद घर से बाहर निकली और अपनी बहन के घर गई और वहां जाकर गाजर का हलवा खा कर खुशी मनाया। उन्होंने बताया कि आज इतनी खुश है कि उनके पास शब्द नहीं है। शहीद की मां चाहती है कि इस तरह आतंकवाद के खिलाफ भारत ने करवाई करते रहे। और आगे भी चुन चुन कर उन लोगों से बदला ले। उनका कहना भी है कि शहीद का परिवार को आम लोगों को प्रणाम करना चाहिए, सलाम करना चाहिए क्योंकि शहीद देश के लिए कुर्बान होता है। मेरा बेटा भी देश के लिए कुर्बान हुआ है। मुझे अपने बेटे पर गर्व है ।उन्होंने कहा कि जिस तरह से सेना ने कार्रवाई की है तो उनके आंख में खुशी के आंसू भर आए। कैसे हमारे जवान देश सुरक्षा में लगे हुए हैं। वह अपने बेटे के बारे में बताती है कि उसके सीने में तीन गोली लगी थी और देश के लिए शहीद हो गया।

byte... संगीता बारला,शहीद सुभाष बाला की मां


Conclusion: सरकार को उन्होंने धन्यवाद भी दिया है कि उन्होंने ऐसी कार्रवाई की है। उनकी उनका सरकार से मांग भी है कि आगे भी आतंकवाद के खिलाफ इस तरह करवाई होती रहनी चाहिए ,ताकि आतंकवाद का खात्मा देश से हो जाए।
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