ETV Bharat / city

यहां का गुड़ है खास, ये है बड़कागांव की पहचान - हजारीबाग में गुड़ का व्यवसाय

हजारीबाग के बड़कागांव की पहचान वहां की गुड़ से भी है. यहां का गुड़ राज्य के साथ-साथ देश के अन्य स्थानों तक भी पहुंचता है. यहां के गुड़ की खुशबू और बेहतरीन स्वाद के कारण दूर-दूर से लोग और व्यापारी गुड़ खरीदने यहां पहुंचते हैं.

Barkagaon news, Jaggery business in Barkagaon, Expectation from Hemant govenment, latest news of jharkhand, हजारीबाग में गुड़ का व्यवसाय, हेमंत सरकार से उम्मीद
बनाए गए गुड़
author img

By

Published : Jan 8, 2020, 4:46 PM IST

हजारीबाग: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के मुख्यालय हजारीबाग जिले का प्रमुख सब्जी और अनाज उत्पादक प्रखंड बड़कागांव की पहचान वहां की गुड़ से भी है. यहां का गुड़ राज्य के साथ-साथ देश के अन्य स्थानों तक भी पहुंचता है. यहां के गुड़ की खुशबू और बेहतरीन स्वाद के कारण दूर-दूर से लोग और व्यापारी गुड़ खरीदने यहां पहुंचते हैं. आज आपको हम दिखाते हैं कैसे यह गुड़ बनता है.

देखें पूरी खबर

कैसे बनाते हैं गुड़
गुड़ जिसे गांव में आज भी मीठा कहा जाता है, लेकिन यह बनता कैसे है और हमारे बाजारों तक कैसे पहुंचता है यह सभी को जानने की जिज्ञासा रही है. गुड़ का निर्माण गांव के ग्रामीण अपने हाथों से करते हैं. जिसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है. किसान पहले खेतों में गन्ना की खेती करते हैं और जाड़े के वक्त गन्ने की कटाई होती है. कटाई करने के बाद किसान उसे अपने घर या फिर खेत में ही गुड़ बनाने का काम करते हैं. पहले इसके रस को मशीन से निकाला जाता है और फिर बड़े कढ़ाई में उसे गर्म किया जाता है. बड़े चूल्हे में भाट बनाने के बाद अन्य प्रक्रियाओं से गुजरते हुए यहां ढेला गुड़ का निर्माण होता है. इसे करने के लिए किसानों को काफी मेहनत भी करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें- विपक्ष के विरोध के वाबजूद भी सीएम ने पढ़ा धन्यवाद प्रस्ताव, सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

'गुड़ निर्माण में किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए'
क्षेत्र का कौलसारन गुड़ के लिए कुटीर उद्योग के रूप में भी चर्चित है. किसान अपनी मेहनत से यहां गन्ने से गुड़ तैयार करते हैं. हालांकि उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है. किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं मिलने के कारण किसानों में निराशा भी है. लेकिन अपनी मेहनत से गन्ने की खेती करने में जुटे हुए हैं. किसानों को इस बार नई सरकार से उम्मीद भी है कि वह किसानों के लिए कुछ वैसा करेंगे कि यह गुड़ का उद्योग और अधिक बढ़े और किसानों को मदद मिल सके. किसानों का मानना है कि यदि सरकार सहयोग करें तो उत्पादन में बड़कागांव पूरे भारत में पहला स्थान पा सकता है. किसानों का मानना है कि गुड़ निर्माण में किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता गौरव प्रकाश

ये भी पढ़ें- गढ़वा से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, पहाड़ीनुमा गुफा में छुपा कर रखा गया था जिलेटिन और डेटोनेटर

गुड़ की मीठी स्वाद बड़कागांव की पहचान
बड़कागांव हाल के दिनों में कोयला उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जा रहा है. लेकिन गुड़ की मीठी स्वाद बड़कागांव की पहचान है. जरूरत है इस लघु उद्योग को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की, ताकि किसानों को लाभ मिल सके और वह अपना जीवन स्तर ऊंचा कर सकें.

हजारीबाग: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के मुख्यालय हजारीबाग जिले का प्रमुख सब्जी और अनाज उत्पादक प्रखंड बड़कागांव की पहचान वहां की गुड़ से भी है. यहां का गुड़ राज्य के साथ-साथ देश के अन्य स्थानों तक भी पहुंचता है. यहां के गुड़ की खुशबू और बेहतरीन स्वाद के कारण दूर-दूर से लोग और व्यापारी गुड़ खरीदने यहां पहुंचते हैं. आज आपको हम दिखाते हैं कैसे यह गुड़ बनता है.

देखें पूरी खबर

कैसे बनाते हैं गुड़
गुड़ जिसे गांव में आज भी मीठा कहा जाता है, लेकिन यह बनता कैसे है और हमारे बाजारों तक कैसे पहुंचता है यह सभी को जानने की जिज्ञासा रही है. गुड़ का निर्माण गांव के ग्रामीण अपने हाथों से करते हैं. जिसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है. किसान पहले खेतों में गन्ना की खेती करते हैं और जाड़े के वक्त गन्ने की कटाई होती है. कटाई करने के बाद किसान उसे अपने घर या फिर खेत में ही गुड़ बनाने का काम करते हैं. पहले इसके रस को मशीन से निकाला जाता है और फिर बड़े कढ़ाई में उसे गर्म किया जाता है. बड़े चूल्हे में भाट बनाने के बाद अन्य प्रक्रियाओं से गुजरते हुए यहां ढेला गुड़ का निर्माण होता है. इसे करने के लिए किसानों को काफी मेहनत भी करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें- विपक्ष के विरोध के वाबजूद भी सीएम ने पढ़ा धन्यवाद प्रस्ताव, सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

'गुड़ निर्माण में किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए'
क्षेत्र का कौलसारन गुड़ के लिए कुटीर उद्योग के रूप में भी चर्चित है. किसान अपनी मेहनत से यहां गन्ने से गुड़ तैयार करते हैं. हालांकि उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है. किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं मिलने के कारण किसानों में निराशा भी है. लेकिन अपनी मेहनत से गन्ने की खेती करने में जुटे हुए हैं. किसानों को इस बार नई सरकार से उम्मीद भी है कि वह किसानों के लिए कुछ वैसा करेंगे कि यह गुड़ का उद्योग और अधिक बढ़े और किसानों को मदद मिल सके. किसानों का मानना है कि यदि सरकार सहयोग करें तो उत्पादन में बड़कागांव पूरे भारत में पहला स्थान पा सकता है. किसानों का मानना है कि गुड़ निर्माण में किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता गौरव प्रकाश

ये भी पढ़ें- गढ़वा से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, पहाड़ीनुमा गुफा में छुपा कर रखा गया था जिलेटिन और डेटोनेटर

गुड़ की मीठी स्वाद बड़कागांव की पहचान
बड़कागांव हाल के दिनों में कोयला उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जा रहा है. लेकिन गुड़ की मीठी स्वाद बड़कागांव की पहचान है. जरूरत है इस लघु उद्योग को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की, ताकि किसानों को लाभ मिल सके और वह अपना जीवन स्तर ऊंचा कर सकें.

Intro:उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के मुख्यालय हजारीबाग जिले का प्रमुख सब्जी और अनाज उत्पादक प्रखंड बड़कागांव की पहचान वहां की गुड़ से भी है। यहां का गुड राज्य के साथ-साथ देश के अन्य स्थानों तक भी पहुंचता है ।यहां के गुड की खुशबू और बेहतरीन स्वाद के कारण दूर-दूर से लोग और व्यापारी गुड़ खरीदने यहां पहुंचते हैं। चलिए आज आपको हम दिखाते हैं कैसे यह गुड बनता है...


Body:गुड जिसे गांव में आज भी मीठा कहा जाता है। लेकिन यह बनता कैसे है और हमारे बाजारों तक कैसे पहुंचता है यह सभी की जिज्ञासा रहा है। चीनी कारखाना में बनाया जाता है लेकिन गुड का निर्माण गांव के ग्रामीण अपने हाथों से करते हैं ।जिसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करना पड़ता है। किसान पहले खेतों में गन्ना की खेती करते हैं और जाड़े के वक्त गन्ने की कटाई होती है। कटाई करने के बाद किसान उसे अपने घर या फिर खेत में ही गुड बनाने का काम करते हैं ।पहले इसका रस को मशीन से निकाला जाता है और फिर बढ़े कढ़ाई में उसे गर्म किया जाता है। बड़े चूल्हे में भाट बनाने के बाद अन्य प्रक्रियाओं से गुजरते हुए यहां ढेला गुड़ का निर्माण होता है। इसे करने के लिए किसानों को काफी मेहनत भी करनी पड़ती है।

गुड़ की सोंधी महक से पूरा बड़कागांव खुशनुमा है। क्षेत्र का कौलसारन गुड के लिए कुटीर उद्योग के रूप में भी चर्चित है। किसान अपनी मेहनत से यहां गन्ने से गुड़ तैयार करते हैं ।हालांकि उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है ।किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं मिलने के कारण किसानों में निराशा भी है। लेकिन अपनी मेहनत से गन्ने की खेती करने में जुटे हुए हैं। किसानों को इस बार नई सरकार से उम्मीद भी है कि वह किसानों के लिए कुछ वैसा करेंगे कि यह गुड़ का उद्योग और अधिक बड़े और किसानों को मदद मिल सके। किसानों का मानना है कि यदि सरकार सहयोग करें तो उत्पादन में बड़कागांव पूरे भारत में पहला स्थान पा सकता है। किसानों का मानना है कि गुड निर्माण में किसानों को सब्सिडी मिलना चाहिए।


Conclusion:बड़कागांव हाल के दिनों में कोयला उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जा रहा है। लेकिन गुड़ की मीठी स्वाद बड़कागांव की पहचान है। जरूरत है इस लघु उद्योग को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की ताकि किसानों को लाभ मिल सके और वह अपना जीवन स्तर ऊंचा कर सकें।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.