हजारीबागः जिला के दारू थाना के रहने वाले पति अपनी पत्नी को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले 6 महीने से भटक रहा है. कभी इस दफ्तर तो कभी उस अधिकारी, वो पदाधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट रहा है. अपनी पत्नी के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा है. जिसने उसकी बीवी से दुष्कर्म की कोशिश करने की वो गांव में खुलेआम घूम रहा है.
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हजारीबाग में दारू थाना इलाके की रहने वाली महिला के साथ 19 फरवरी 2021 को रात के 10:00 बजे उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश हुई. उसका पति और बेटी सरस्वती पूजा का विसर्जन जुलूस देखने बाहर गए थे. घर में वो और उसके 82 वर्षीय ससुर मौजूद थे. उसके घर में रोहित सिंह (पिता रविंद्र सिंह) छुपकर बैठा था. इतने में बाथरूम से कुछ गिरने की आवाज आई, वो वहां पहुंची तो रोहित महिला पर टूट पड़ा और उसकी अस्मत लूटने की कोशिश की.
वो मदद के लिए चीख-पुकार मचाती रही, पर मदद के लिए कोई नहीं आया. इतने में पति अपनी बेटी के साथ घर लौटा. पति के विरोध करने पर रोहित महिला को छोड़कर वहां से फरार हो गया. इस बाबत पति ने पत्नी के साथ थाना पहुंचे और आरोपी रोहित सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. अब तक पीड़िता का पति थाना, डीएसपी और एसपी के कार्यालय का चक्कर काट-काटकर हार चुका है. लेकिन इंसाफ नहीं मिला.
केस वापस लेने की धमकी और मारपीट
पीड़िता के पति ने बताया कि 12 मार्च और 22 अप्रैल को उसके घर में घुसकर दबंगों ने मारपीट की और केस वापस लेने को कहा. लेकिन उसका कहना है कि अगर मैं केस वापस लूंगा तो इन लोगों का मनोबल बढ़ जाएगा और दूसरी घटना को भी अंजाम दे सकता हैं. इस कारण मैं अभी-भी उम्मीद में हूं कि मुझे न्याय मिलेगा. पीड़िता के पति 19 मार्च को थाने में ही आत्मदाह करने की कोशिश भी किया. उसके बाद तत्कालीन डीएसपी ओमप्रकाश ने उन्हें आश्वासन दिया कि 2 दिनों के अंदर आरोपी को पकड़ा जाएगा.
गांव में रहना हुआ दूभर
लेकिन आज तक आरोपी ना पकड़ा गया है और ना ही कार्रवाई की गई है. जब भी पीड़िता के पति थाना या एसपी के पास पहुंचते हैं तो कहा जाता है कि बहुत जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. आरोपी दिन-रात गांव में ही घूमते रहता है. ऐसे में पीड़िता काफी दुखी है और परेशान भी. उसका कहना है कि आखिर में कैसे जिंदा रहूं. वहीं आरोपी ने हजारीबाग निचली अदालत में एंटीसिपेट्री बेल के लिए भी आवेदन दिया था, जहां से आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है. अब यह हाई कोर्ट से बेल के लिए जाने की तैयारी में जुटा हुआ है.
सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी
ऐसे में उसके परिजनों ने सामूहिक रुप से आत्मदाह करने की धमकी तक दे डाली है. उनका कहना है अगर हमें न्याय नहीं मिलेगा तो हम किस मुंह से गांव में रहेंगे. गांव के लोग भी हम लोगों पर ताना कसते हैं. यही नहीं हमारी दो बच्चियां हैं, उनका भविष्य कैसे बनेगा, इसे लेकर भी हम चिंतित हैं. पूरे गांव में हम लोग पांच परिवार एक ही जाति के हैं, आरोपी जिस जाति का है उनकी संख्या अधिक है, इस कारण हमपर दबाव बनाया जा रहा है, जो हम लोगों को शर्मिंदा करता है. पुलिस भी आरोपी की मदद कर रहे हैं उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. घर पर कभी पथराव किया जाता है तो कभी धमकी दी जाती है. तो कभी गंदे-गंदे शब्द का प्रयोग किया जाता है, ऐसे में हम लोग बहुत परेशान हैं.