ETV Bharat / city

लाचार सिस्टमः मौत के बाद भी हजारीबाग सदर अस्पताल के वार्ड में ही पड़ा रहा लावारिस शव

author img

By

Published : Jul 11, 2019, 12:29 PM IST

हजारीबाग सदर अस्पताल में बुधवार सुबह से शाम तक एक लावारिस शव वार्ड में ही पड़ा रहा. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस मसले पर जिला प्रशासन ही कार्रवाई करेगी.

हजारीबाग सदर अस्पताल में पड़ा रहा शव

हजारीबाग: जिले के सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद सुबह से शाम तक वार्ड में ही उसका शव पड़ा रहा. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वो कौन है. फिलहाल शव को लावारिस घोषित किया गया है. हालांकि इसके बाद भी प्रबंधन की ओर से शव को वार्ड से नहीं हटाया गया.

वीडियो में देखें पूरी खबर

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि लावारिस शव के बारे में जिला प्रशासन को सूचना दी गई है. प्रशासन ही इस मसले पर कार्रवाई करेगी. ऐसे में मुर्दा कल्याण समिति अध्यक्ष मोहम्मद खालिद भी खुद को बेबस महसूस करते रह गए. उनका कहना है कि सदर अस्पताल प्रबंधन को कहा गया कि शव को हटवा लेते हैं, लेकिन प्रबंधन ने प्रशासन के आने की बात कहकर मना कर दिया. उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग सदर अस्पताल परिसर में ही मुर्दा कल्याण समिति के द्वारा शव रखने की व्यवस्था की गई है.

हालंकि सदर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इसकी इजाजत नहीं दी गई. इस वजह से सुबह से ही लावारिस शव बेड पर पड़ा रहा. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार से भी बात की तो उन्होंने कहा कि लावारिस होने के कारण पुलिस ही कुछ कर सकती है.

हजारीबाग: जिले के सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद सुबह से शाम तक वार्ड में ही उसका शव पड़ा रहा. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वो कौन है. फिलहाल शव को लावारिस घोषित किया गया है. हालांकि इसके बाद भी प्रबंधन की ओर से शव को वार्ड से नहीं हटाया गया.

वीडियो में देखें पूरी खबर

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि लावारिस शव के बारे में जिला प्रशासन को सूचना दी गई है. प्रशासन ही इस मसले पर कार्रवाई करेगी. ऐसे में मुर्दा कल्याण समिति अध्यक्ष मोहम्मद खालिद भी खुद को बेबस महसूस करते रह गए. उनका कहना है कि सदर अस्पताल प्रबंधन को कहा गया कि शव को हटवा लेते हैं, लेकिन प्रबंधन ने प्रशासन के आने की बात कहकर मना कर दिया. उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग सदर अस्पताल परिसर में ही मुर्दा कल्याण समिति के द्वारा शव रखने की व्यवस्था की गई है.

हालंकि सदर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इसकी इजाजत नहीं दी गई. इस वजह से सुबह से ही लावारिस शव बेड पर पड़ा रहा. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार से भी बात की तो उन्होंने कहा कि लावारिस होने के कारण पुलिस ही कुछ कर सकती है.

Intro:हर धर्म में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की बात कही गई है। यह माना भी जाता है कि अंतिम संस्कार के बाद ही मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।लेकिन हजारीबाग सदर अस्पताल में सुबह 8:00 बजे से ही लावारिस शव मुक्ति के आस में पड़ा रहा और सदर अस्पताल औपचारिकता निभाते रह गई।


Body:
हजारीबाग में सुबह 8:00 बजे ही इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। क्योंकि मरीज के बारे में कोई जानता नहीं है इस लिए शव को लावारिस भी घोषित कर दिया गया ।लेकिन घंटो बीत जाने के बाद भी शव अस्पताल प्रबंधन के द्वारा उठाया नहीं गया और ना ही मुर्दा कल्याण समिति को उठाने के लिए दिया गया। कहा गया कि इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई है और प्रशासन ही कार्रवाई करेगी ।सुबह से ही शव पड़े होने के कारण सदर अस्पताल के उस हॉल में मरीज भी इलाज नहीं कराएं और पूरा हॉल खाली रहा ।

क्योंकि मन में कई तरह की भ्रांति रहती है और इसी भ्रांति के कारण मरीज हाल में नजर नहीं आए ।ऐसे में मुर्दा कल्याण समिति के अध्यक्ष मोहम्मद खालिद भी खुद को बेबस महसूस करते रह गए। उनका कहना है कि इस बाबत सदर अस्पताल प्रबंधन को कहा गया है लेकिन प्रशासन के आने की बात कहती रह गई ।उनका यह भी कहना है कि हजारीबाग सदर अस्पताल परिसर में ही मुर्दा कल्याण समिति के द्वारा शव रखने की व्यवस्था की गई है। लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इसकी इजाजत नहीं दी गई। इस कारण 8:00 बजे से ही लावारिस शव बेड पर ही पढ़ा रहा ।इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार से भी बात की उन्होंने कहा कि लावारिस होने के कारण पुलिस ही कुछ कर सकती है। उन्होंने अपनी मजबूरी भी इस दौरान बताया। चुकी 10 घंटे से अधिक समय बीत गई है ऐसे में शव अस्पताल परिसर में ही पड़ा रहा ।घटना ने कहीं न कहीं मानवता पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

byte.... मोहम्मद खालिद मुर्दा कल्याण समिति अध्यक्ष
byte.... डॉ कृष्ण कुमार सिविल सर्जन सदर अस्पताल हजारीबाग


Conclusion:जरूरत था कि सदर अस्पताल मृत्यु के बाद तत्काल कार्रवाई करती और शव को उचित स्थान पर रखती।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.