हजारीबाग: कोरोना की दवा रेमडेसिविर को लेकर केंद्र की ओर से चेतावनी जारी की गई है. ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने कहा है कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रही दवा की कालाबाजारी हो रही है. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा भी गया है कि वह सख्ती के साथ निगरानी रखें. अगर कालाबाजारी हो रही है तो तुरंत कार्रवाई करें. ऐसे में हजारीबाग में भी कालाबाजारी ना हो इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग और ड्रग एसोसिएशन काफी सख्त है.
ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारी कहते हैं कि वे लोग नजर रखे हैं. अगर कोई भी दवा दुकान कालाबाजारी करते हुए पकड़ा जाएगा तो वे लोग उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उनका यह भी कहना है कि अभी हजारीबाग में दवा की वैसी मांग नहीं हुई है, लेकिन उनके पास दवा की कमी भी नहीं है. अगर मांग हुई तो वे लोग दवा उपलब्ध कराने में भी पीछे नहीं रहेंगे. क्योंकि यह मानवता का काम है. जब पूरा देश इस महामारी को रोकने के लिए अपना योगदान दे रहा है तो वे लोग पीछे क्यों रहेंगे.
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हजारीबाग सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय जायसवाल का कहना है कि अभी हम लोग प्राइवेट अस्पताल में इसका इलाज नहीं करवा रहे हैं, जो भी मरीज हैं वह उनके अधीन विभिन्न कोविड-19 सेंटर में इलाज करवा रहे हैं. ऐसे में दवा भी विभाग उपलब्ध करा रहा है. बाजार में अभी तक वे लोग मरीजों के परिजनों को दवा के लिए नहीं भेज रहे हैं. इसलिए हजारीबाग में कालाबाजारी का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन भविष्य में दवा की कालाबाजारी ना हो इसके लिए वे सावधान हैं. विभिन्न दवा व्यवसायियों के संपर्क में भी हैं.
दवा का कालाबाजारी गैर कानूनी है. इस बात को लेकर हजारीबाग में दवा व्यवसायियों में जागरूकता भी है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग भी अपनी पैनी नजर रखी है. जरूरत है आम लोगों को भी जागरूक होने की ताकि कालाबाजारी अगर हो भी तो उसकी सूचना प्रशासन तक पहुंच सके.