हजारीबाग: गुरुवार को झारखंड सरकार के शिक्षा एवं उत्पाद मंत्री जगरनाथ महतो हजारीबाग पहुंचे. इस दौरे में उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ-साथ सदर, बरही और बड़कागांव के विधायकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में हजारीबाग के उपायुक्त भी शामिल हुए, जहां उन्होंने वर्तमान स्थिति में शिक्षा को कैसे और अधिक दुरुस्त किया जाए इस पर गहन मंथन किया.
शिक्षा मंत्री ने की बैठक
हजारीबाग परिसदन में शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने जानकारी लिया गया कि जिस तरह से ऑनलाइन शिक्षा पूरे राज्य भर में चलाई जा रही है हजारीबाग में क्या स्थिति है. किन-किन अभिभावकों के पास एंड्रॉयड फोन है और उस क्षेत्रों में इंटरनेट की स्थिति क्या है? उन्होंने इस बाबत सभी प्रखंड वार जानकारी लिया है और अब उस पर मंथन किया जाएगा.
शिक्षा विभाग ने जारी किया कैलेंडर
वहीं, उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग ने कैलेंडर जारी किया है, जिसके तहत अब 5 घंटा के बदले 7 घंटा प्रतिदिन पढ़ाई होगी और शनिवार को फुल डे स्कूल चलेगा, लेकिन स्कूल प्रारंभ कब से होगी इसे लेकर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई. कहा गया कि 17 मई के बाद स्थिति स्पष्ट की जाएगी.
हजारीबाग में शिक्षा की व्यवस्था
वर्तमान समय में हजारीबाग जिले में जितने भी स्कूल चल रहे हैं, उसमें शौचालय बिजली और पानी की क्या व्यवस्था है इसकी भी समीक्षा की गई. इस बाबत पदाधिकारियों ने विस्तृत जानकारी दी. इस पर उन्होंने कहा है कि हमारे जनप्रतिनिधि विद्यालय की जानकारी इकट्ठा करेंगे और विभाग को जानकारी दी जाएगी. वहीं, उन्होंने हजारीबाग में भी अपनी बात स्पष्ट की कि जो भी उस स्कूल मर्ज किए गए थे उन्हें दोबारा खोला जाएगा.
निजी विद्यालय की तरफ झुकाव
हजारीबाग में उन्होंने जनप्रतिनिधि और आम जनता से यह प्रश्न किया कि आखिर सरकार जब सारी सुख सुविधा सरकारी स्कूलों में देती है तो इसके बावजूद अभिभावक और छात्रों का झुकाव निजी विद्यालय में क्यों होता है. इस पर हम लोगों को मंथन करना चाहिए और सरकार को जवाब भी देना चाहिए. उनका यह भी कहना है कि जो भी शिक्षक सरकारी स्कूल में पास नहीं करते हैं. वह प्राइवेट स्कूल में जाकर शिक्षा देते हैं. ऐसे में हमारे पास शिक्षकों का फौज है. सरकार हजारों हजार रुपए एक-एक छात्र पर खर्चा करती है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी स्कूल में छात्रों की कमी हो रही है.
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोगों की यह इच्छा थी कि दिल्ली मॉडल पर सरकारी स्कूलों को झारखंड में व्यवस्थित किया जाए, लेकिन कोरोना वायरस के कारण हम यह नहीं कर पाए, लेकिन अब आने वाले समय में हम लोग पूरे राज्य में घूम-घूमकर यह जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि आखिर स्कूलों को बेहतर कैसे किया जा सके. उन्होंने कहा कि नेतरहाट स्कूल में हम लोगों को एक कार्यशाला करना था और फिर दिल्ली जाकर जानकारी लेना था. उसमें सरकारी शिक्षक, पारा शिक्षक, अभिभावक की टीम थी, लेकिन हम लोग महामारी के कारण ऐसा नहीं कर पाए.
क्या झारखंड में भी शराब की होम डिलीवरी होगी इस सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में जिस तरह से घटना घटी है. इससे हम लोगों को सीख लेनी चाहिए. शराब की होम डिलीवरी होगी या नहीं दुकान खुलेंगे या नहीं इस बात पर हम लोग 17 मई के बाद ही फैसला लेंगे.