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हजारीबाग: प्रवासी मजदूर के बीच खाद और बीज का वितरण, आत्मनिर्भर बनाने की है कोशिश

हजारीबाग में नव भारत जागृति केंद्र संचालक ने 400 प्रवासी मजदूर के बीच आलू बीज, खाद का वितरण किया. यह वितरण कार्यक्रम 22 अक्टूबर से जारी है. इसके जरिए प्रवासी मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है.

distribution of potato seed and fertilizer to migrant worker in hazaribag
प्रवासी मजदूर
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Published : Nov 2, 2020, 9:53 AM IST

हजारीबाग: चौपारण नव भारत जागृति केंद्र (एनबीजेके) बहेरा में 400 प्रवासी किसानों के बीच आलू का बीज और खाद वितरण किया गया. इस संबंध में प्रबंधक बीरेंद्र सिन्हा ने बताया कि संस्था की स्थापना प्रखंड़ के गरीब-असहाय किसानों के उत्थान और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से किया गया था. यहां के किसान खेती करना छोड़ महानगरों में पलायन के बाद कोरोना काल में प्रवासी कामगार का नाम लेकर घर वापसी किया है.

वैसे कामगार मजदूर किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर और खाद-बीज की कीमत बढ़ने खेती करने में असमर्थ थे. उन किसानों को मदद के रूप में नव भारत जागृति केंद्र संचालक ने 400 प्रति प्रवासी कामगार को 32 किलो आलू बीज, ढाई किलो डीएपी खाद और 500 ग्राम पोटाश का वितरण किया. इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में जुट गए.

ये भी पढ़े- दीपक प्रकाश पर मुकदमे के विरोध में BJP कार्यकर्ताओं ने फूंका सरकार का पुतला, कहा-उपचुनाव के बाद अंतर्कलह आएगी सामने

प्रबंधक ने बताया कि प्रवासी कामगारों की सतत आजीविका और पुनर्वास के लिए बेनेफिट-गिव इंडिया के आर्थिक सहयोग से 22 अक्टूबर से वितरण कार्यक्रम जारी है. इस राहत अभियान के तहत प्रवासी कामगारों को कृषि सहायता सामग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि एनबीजेके छोटे किसानों-मजदूरों को सिंचाई, उन्नत बीज और मार्गदर्शन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है. संस्था सालों से गांवों में रोजगार सृजन की दृष्टि से खेती को बढ़ावा देते हुए इसमें अधिकाधिक संभावना के लिए हमेशा जागरूक करते आया है. सामग्री वितरण टीम में बृजनंदन सिंह, निरंजन यादव, नवरतन पांडेय, बेचन गिरी, रामलखन प्रजापति, चेतलाल कुमार, नारायण रजक, पूनम कुमारी सहित कई लोग शामिल थे.

हजारीबाग: चौपारण नव भारत जागृति केंद्र (एनबीजेके) बहेरा में 400 प्रवासी किसानों के बीच आलू का बीज और खाद वितरण किया गया. इस संबंध में प्रबंधक बीरेंद्र सिन्हा ने बताया कि संस्था की स्थापना प्रखंड़ के गरीब-असहाय किसानों के उत्थान और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से किया गया था. यहां के किसान खेती करना छोड़ महानगरों में पलायन के बाद कोरोना काल में प्रवासी कामगार का नाम लेकर घर वापसी किया है.

वैसे कामगार मजदूर किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर और खाद-बीज की कीमत बढ़ने खेती करने में असमर्थ थे. उन किसानों को मदद के रूप में नव भारत जागृति केंद्र संचालक ने 400 प्रति प्रवासी कामगार को 32 किलो आलू बीज, ढाई किलो डीएपी खाद और 500 ग्राम पोटाश का वितरण किया. इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में जुट गए.

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प्रबंधक ने बताया कि प्रवासी कामगारों की सतत आजीविका और पुनर्वास के लिए बेनेफिट-गिव इंडिया के आर्थिक सहयोग से 22 अक्टूबर से वितरण कार्यक्रम जारी है. इस राहत अभियान के तहत प्रवासी कामगारों को कृषि सहायता सामग्री दी जाएगी. उन्होंने कहा कि एनबीजेके छोटे किसानों-मजदूरों को सिंचाई, उन्नत बीज और मार्गदर्शन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है. संस्था सालों से गांवों में रोजगार सृजन की दृष्टि से खेती को बढ़ावा देते हुए इसमें अधिकाधिक संभावना के लिए हमेशा जागरूक करते आया है. सामग्री वितरण टीम में बृजनंदन सिंह, निरंजन यादव, नवरतन पांडेय, बेचन गिरी, रामलखन प्रजापति, चेतलाल कुमार, नारायण रजक, पूनम कुमारी सहित कई लोग शामिल थे.

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