हजारीबाग: जिले में मानसून के दौरान अच्छी खासी धान की खेती होती है, लेकिन मानसून समाप्त होने के बाद कई इलाकों में खेती पर असर पड़ता है. कटकमदाग क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था (Irrigation System) नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन अब यहां नहर का काम लगभग पूरा हो गया है. नहर बन जाने से 7 पंचायतों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे खेत हरा भरा रहेगा.
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किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसे लेकर सरकार कई स्तर पर काम कर रही है. मानसून के वक्त सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. वहीं फसल भी अच्छी होती है, लेकिन मानसून के बाद स्थिति पलट जाती है. इसे देखते हुए हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के लूटा डैम पर नहर बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस डैम के निर्माण के बाद 7 पंचायतों को पानी मिलेगा. लगभग की 11 करोड़ की लागत से डैम का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. जिसमें नहर और डैम के आसपास के क्षेत्रों को दुरुस्त किया जा रहा है. नहर की लंबाई लगभग 5.7 किलोमीटर है.
1950 में लूटा डैम का निर्माण
लूटा डैम का निर्माण 1950 में कराया गया था. जो लगभग 270 एकड़ में फैला हुआ है. जहां सालों भर पानी रहता है. इस डैम से अब ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ नगर निगम क्षेत्र के भी कुछ इलाकों को लाभ मिलेगा. स्थानीय भी कहते हैं कि हमलोगों को नहर बनने का इंतजार था और अब यह सपना अब पूरा हो रहा है. 1950 के आसपास डैम का निर्माण किया गया था, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा था. अब नहर का पानी खेतों में पहुंचेगा और किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.
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दूसरे गांव के किसान सलगांवा गांव में लीज पर ले रहे जमीन
वहीं कुछ किसान बताते हैं कि हम दूसरे गांव के रहने वाले हैं, लेकिन नहर बनने के बाद हम अब लूटा सलगांवा गांव में आकर जमीन रिलीज में ले रहे हैं और खेती कर रहे हैं, क्योंकि यहां अब सिंचाई की समस्या का समाधान हो गया है. जिससे हमलोगों को लाभ मिलेगा. इसके पहले हम जहां खेती करते थे वहां सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी और हमलोगों को काफी दूर से पानी लाना पड़ता था. जिसमें कई बार समस्या भी हो गई थी.
पटवन में किसानों को होगी आसानी
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि लगभग 520 हेक्टेयर जमीन पर अब पटवन के लिए पानी पहुंचेगा. यह नहर किसानों के लिए शत प्रतिशत लाभदायक साबित होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कमांड एरिया भी बहुत ही अच्छा है. आसपास का इलाका खेती के लिए जाना जाता है. किसान भी इलाके में जल्द सिंचाई की समस्या दूर हो जाने से काफी खुश हैं.