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1971 भारत-पाक युद्ध में जब्त हथियार परिचायक है बीएसएफ के साहस का, आम जनता के लिए लगायी गयी प्रदर्शनी

बीएसएफ ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हथियार जब्त किए. हजारीबाग में बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में दीपावली मेला के मौके पर आम जनता के लिए इन हथियारों की प्रदर्शनी लगायी गयी. ,

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बीएसएफ
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Published : Nov 2, 2021, 8:05 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 9:01 PM IST

हजारीबागः दीपावली खुशियों का त्योहार है, बीएसएफ ने आज अपनी खुशी आम जनता के साथ बांटा. इस दौरान बीएसएफ के द्वारा उन हथियारों को प्रदर्शित किया गया जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बीएसएफ ने जब्त किया था. बीएसएफ का कहना है कि आज खुशी का त्यौहार है और हम उस दिन को याद कर रहे हैं जब हमने पाकिस्तान को मात दी थी.

इसे भी पढ़ें- Deepawali Mela: मेरु बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में जवानों ने कैंप परिसर में किया लोगों का स्वागत

सीमा सुरक्षा बल का (Border Security Force) इतिहास गौरवमयी रहा है. हजारीबाग मेरु में बीएसएफ का प्रशिक्षण केंद्र भी है और यह हजारीबाग की पहचान भी है. दीपावली के अवसर पर मेरु परिसर के अंदर मेला का आयोजन किया गया. इसमें बीएसएफ के द्वारा हथियार प्रदर्शित किया गया. यह वैसे हथियार हैं जिनकी मदद से देश को सुरक्षित रखा जाता है. अगर कोई दुश्मन देश की सीमाओं को लाघने की कोशिश करता है तो उसे जवाब भी इसी हथियार से दिया जाता है.

देखें पूरी खबर

वहीं कुछ हथियार ऐसे भी हैं जो युद्ध के दौरान जब्त भी किया गया है. 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. सीमा सुरक्षा बल ने उस दौरान पाकिस्तान को धूल चटायी थी. कई सैनिक गिरफ्त में लिए गए थे तो कई लोग सैनिकों ने आत्मसमर्पण भी किया था. उस दौरान बीएसएफ के द्वारा हथियार भी जब्त किया गया था. आज वह हथियार भारत की अदम्य साहस का परिचायक है. उन हथियारों को दीपावली मेला के दौरान प्रदर्शित किया गया और आम जनता को बताया गया कि कैसे पाकिस्तान को भारत ने धूल चटाया था. उन हथियारों के बारे में अपनी बातों को साझा किया.

BSF exhibited weapons seized during Indo-Pak war in Hazaribag
हथियारों की प्रदर्शनी

इस मौके पर पदाधिकारियों ने और कहा कि बीएसएफ अपने साहस के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. हजारीबाग मेरु ट्रेनिंग सेंटर (Hazaribagh Meru Training Center) में जवानों को प्रशिक्षित कर सीमा पर तैनात किया जाता है. जब बीएसएफ के जवान सीमा में तैनात होते हैं तो इतिहास बनता है. ये तमाम हथियार इसका जीता जागता उदाहरण है. निसंदेह बीएसएफ भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान के सेनाओं को पकड़ा भी आत्मसमर्पण कराने को मजबूर भी किया और उनके हथियार भी जब्त किए. ऐसे में हम भी बीएसएफ के अदम्य साहस को सलाम करते हैं.

हजारीबागः दीपावली खुशियों का त्योहार है, बीएसएफ ने आज अपनी खुशी आम जनता के साथ बांटा. इस दौरान बीएसएफ के द्वारा उन हथियारों को प्रदर्शित किया गया जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बीएसएफ ने जब्त किया था. बीएसएफ का कहना है कि आज खुशी का त्यौहार है और हम उस दिन को याद कर रहे हैं जब हमने पाकिस्तान को मात दी थी.

इसे भी पढ़ें- Deepawali Mela: मेरु बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में जवानों ने कैंप परिसर में किया लोगों का स्वागत

सीमा सुरक्षा बल का (Border Security Force) इतिहास गौरवमयी रहा है. हजारीबाग मेरु में बीएसएफ का प्रशिक्षण केंद्र भी है और यह हजारीबाग की पहचान भी है. दीपावली के अवसर पर मेरु परिसर के अंदर मेला का आयोजन किया गया. इसमें बीएसएफ के द्वारा हथियार प्रदर्शित किया गया. यह वैसे हथियार हैं जिनकी मदद से देश को सुरक्षित रखा जाता है. अगर कोई दुश्मन देश की सीमाओं को लाघने की कोशिश करता है तो उसे जवाब भी इसी हथियार से दिया जाता है.

देखें पूरी खबर

वहीं कुछ हथियार ऐसे भी हैं जो युद्ध के दौरान जब्त भी किया गया है. 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. सीमा सुरक्षा बल ने उस दौरान पाकिस्तान को धूल चटायी थी. कई सैनिक गिरफ्त में लिए गए थे तो कई लोग सैनिकों ने आत्मसमर्पण भी किया था. उस दौरान बीएसएफ के द्वारा हथियार भी जब्त किया गया था. आज वह हथियार भारत की अदम्य साहस का परिचायक है. उन हथियारों को दीपावली मेला के दौरान प्रदर्शित किया गया और आम जनता को बताया गया कि कैसे पाकिस्तान को भारत ने धूल चटाया था. उन हथियारों के बारे में अपनी बातों को साझा किया.

BSF exhibited weapons seized during Indo-Pak war in Hazaribag
हथियारों की प्रदर्शनी

इस मौके पर पदाधिकारियों ने और कहा कि बीएसएफ अपने साहस के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. हजारीबाग मेरु ट्रेनिंग सेंटर (Hazaribagh Meru Training Center) में जवानों को प्रशिक्षित कर सीमा पर तैनात किया जाता है. जब बीएसएफ के जवान सीमा में तैनात होते हैं तो इतिहास बनता है. ये तमाम हथियार इसका जीता जागता उदाहरण है. निसंदेह बीएसएफ भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान के सेनाओं को पकड़ा भी आत्मसमर्पण कराने को मजबूर भी किया और उनके हथियार भी जब्त किए. ऐसे में हम भी बीएसएफ के अदम्य साहस को सलाम करते हैं.

Last Updated : Nov 2, 2021, 9:01 PM IST
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