हजारीबाग: संयुक्त बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की 134वीं जयंती समारोह हजारीबाग में आयोजित की गई. कार्यक्रम का आयोजन स्वामी सहजानंद सेवा संस्थान ब्रह्मर्षि समाज हजारीबाग के द्वारा किया गया. समाज पिछले कई सालों से बिहार केसरी का जन्मउत्सव मना रहा है. इस बार कई राजनेता, सांसद, विधायक और दूसरे जिले से भी ब्रह्मर्षि समाज के सदस्यों ने हजारीबाग अपनी बातों को रखा और उनके आदर्शों पर चलने की बात कही.
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कार्यक्रम के मौके पर झारखंड-बिहार के कई राजनेता समेत कई समाज के लोगों ने हिस्सा लिया. जिसमें मुख्य रूप से धनबाद के सांसद पीएन सिंह, हजारीबाग के विधायक मनीष जयसवाल, सारठ विधायक रणधीर सिंह, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे, पूर्व सांसद रविंद्र राय, पूर्व हिसुआ विधायक अनिल सिंह और पूर्व आईपीएस पदाधिकारी लक्ष्मण सिंह उपस्थित हुए. कार्यक्रम के दौरान बिहार केसरी के किए गए कार्यों की चर्चा की गई और बताया गया कि वह समाज और दलगत नीति से ऊपर के विभूति थे. देश का प्रसिद्ध नेतरहाट स्कूल उन्हीं की देन है. इसके अलावा बरौनी तेल रिफाइनरी और अन्य कई उद्योग उनके कार्यकाल में लगे. जो उनके दूरदर्शी होने का परिचायक है. वक्ताओं ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार केसरी के बारे में समाज के लोगों को बताना है.
शिक्षा के क्षेत्र में श्री कृष्ण सिंह ने किए बेहतर कार्य
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि 1961 के बाद शिक्षा जगत में कोई अधिक परिवर्तन देखने को नहीं मिला. वर्तमान समय में शिक्षा संस्कृति से दूर होती जा रही है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो श्री बाबू ने किया इसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती. आजादी की लड़ाई और उसके बाद भी उन्होंने समाज के लिए अहम भूमिका निभाई. विकास पुरुष के रूप में उन्हें समाज जानता है. आज के राजनेताओं को उनसे सीख लेने की जरूरत है. उनका विचार आम जनता तक पहुंचे यह महत्वपूर्ण है.
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श्री कृष्ण सिंह के विरोधी भी थे उनके समर्थक
कोडरमा के पूर्व सांसद रवींद्र राय ने श्री कृष्ण सिंह को अजातशत्रु के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि वह एक ऐसे राजनेता थे जिनके विरोधी भी समर्थक थे. आज के समय में उनके व्यक्तित्व को अपनाना बेहद जरूरी है. राजनेता को यह समझना चाहिए कि उस समाज को कुछ दें. वहीं मुख्य अतिथि धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के बारे में कहा कि उनका व्यक्तित्व ही उनका परिचायक है. जो एक अच्छे छात्र भी थे. राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद शिक्षा के प्रति उनका झुकाव हरदम रहा. किताब प्रकाशन होने के पहले ही वे पढ़ लेते थे. यह उनकी खासियत थी.
रामगढ़ में भी मनाई गई श्री कृष्ण सिंह की जयंती
वहीं रामगढ़ में भी श्री कृष्ण सिंह की 134वीं जयंती मनाई गई. उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी नेता डॉ रविंद्र राय शामिल हुए. डॉ रवींद्र राय ने कहा कि श्री नाम से किसी की पूरी दुनिया में पहचान है तो वह श्री कृष्ण सिंह हैं. उनका आज भी कोई विकल्प नहीं है. ब्रह्मर्षि परिषद रामगढ़ जिला एक ऐसे ऐसे महान विभूति का जयंती समारोह मना रहे हैं, जो देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर एकीकृत बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में लगभग 17 वर्षों तक लगातार बिहार को आगे बढ़ाया है.